Connect with us
t20win7 ads

Bio-Wiki

Dr. Bhimrao Ambedkar Biography in Hindi: बाबासाहब की जीवन परिचय हिंदी में..!

Dr. B. R. Ambedkar की Biography

हम जिस देश में रहते है ,ये वही भारत देश है जिस देश की संस्कृति और भाईचारे की बाते देश – विदेशो में की जाती है। (Dr. B. R. Ambedkar) हमारे देश में एक दुसरे को भाईचारे से रहने के लिए प्रेरित किया जाता है। लेकिन यदि हम आपको कहे की हमारे देश भारत में ही कुछ समाज ऐसे भी है। जिन्हें समाज में एकसमान नही समझा जाता है और उन्हें उनके सामाजिक अधिकारों से भी वंचित रखा जाता है।

इसका कारण यह है की आज भी हमारे देश में कुछ विशेष जाति तथा धर्म के लोग है जो समाज में भेद -भाव और छूत – अछूत जैसी कुप्रथा को बढ़ावा देते है। यही कारण है की हमारे समाज में कुछ विशेष धर्म – जाति के लोगो को बहुत ही कम अधिकार दिए जाते थे।

विशेष जाति के लोगो को सभी के समान ही नही समझा जाता था और उन्हें उनके सामाजिक अधिकारों से वंचित भी रखा जाता था। लेकिन कहते है ना की ” सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही। “

Dr. B. R. Ambedkar Biography In Hindi | डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का जीवन परिचय 

Dr. B.R. Ambedkar Image

इसी वजह से हमारे देश में एक ऐसे व्यक्ति का जन्म हुआ , जिन्हें पानी पीने तक का अधिकार भी नही था। हम बात कर रहे है, भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ( Dr. B. R. Ambedkar ) जी की। जिन्होंने ही हमारे देश का संविधान भी बनाया है। उन्होंने समाज में फैले भेदभाव और कुरीतियों को तो ख़त्म किया ही साथ ही साथ गरीबो , महिलाओ और दलितों को उनके अधिकार दिलाये।

जिन्हें इस समाज में नीचा समझा जाता था और उन्हें अछूत कहा जाता था। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने सभी को समाज में समानता का अधिकार भी दिलाया। आज के इस आर्टिकल में हम Dr. B. R. Ambedkar की Biography को जानेंगे और साथ ही साथ Dr. B. R. Ambedkar के जीवन का परिचय भी आपसे कराएँगे।

Dr. B. R. Ambedkar जी का बचपन 

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल ,साल 1891 में इंदौर के पास स्थित महू नामक गाव में हुआ था। आपके पिता का नाम रामजी सकपाल था ( जो भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर रहकर देश की सेवा करते थे ) और आपकी माँ का नाम भीमाबाई था। भीमराव अम्बेडकर जी के पिता उन्हें बचपन से ही अच्छाई पढाई और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करते थे।

यही कारण था की भीमराव आंबेडकर जी को बचपन से ही पढाई – लिखाई में काफी गहरी रूचि थी। चूँकि भीमराव आंबेडकर का जन्म महार जाति में हुआ था और दुर्भाग्य से इस तरह की जाति को उस समय में बहुत छोटी जाति माना जाता था तथा इस जाति के लोगो को अछूत समझा जाता था। चलिए हम हम बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर जी के शैक्षिक जीवन के बारे में जानते है।

Dr. B. R. Ambedkar जी की शिक्षा  

Dr. Bhim Rao Images

चूँकि समाज में फैली कुरितियो और ख़राब सोच की वजह से भीमराव अम्बेडकर स्कूल भी नही जा सकते थे। लेकिन सौभाग्य से चूँकि भीमराव अम्बेडकर जी के पिता भारतीय सेना के लिए काम कर रहे थे। तब उस समय सरकार ने सेना में काम कर रहे कर्मचारियों के बच्चो के लिए एक विशेष स्कूल खोला था और उसी स्कूल में भीमराव अम्बेडकर जी की शुरूआती शिक्षा भी संभव हो सकी थी।

भले ही पढाई – लिखाई में अच्छे होने के बावजूद उन्हें और उनके साथ के नीची जाति के बच्चो को कक्षा के कोने में अथवा बाहर बिठाया जाता था। नीची जाति के होने के कारण भीमराव अम्बेडकर को उनके विद्यालय में पानी पीने तक का अधिकार भी नही था।

उनके पानी के नल को छूने पर सख्त पाबन्दी थी , आलम यह था की स्कूल का चपरासी ही उन्हें पानी पिलाया करता था और कभी -कभी तो चपरासी की अनुपस्थिति में बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी को प्यासा ही रहना पड़ता था।भीमराव अम्बेडकर ने अपनी आगे की पढाई कुछ इस प्रकार से पूरी की थी।

  • डाक्टर भीमराव आंबेडकर ने हाई स्कूल की पढाई 1897 में मुंबई के Elphistone High School से अपनी पढाई की थी।
  • भीमराव आंबेडकर जी ने अपनी आगे की शिक्षा जारी रखते हुआ साल 1912 में इकोनोमिक्स और पोलिटिकल विज्ञान में अपनी डिग्री हासिल की थी।
  • डाक्टर भीमराव आंबेडकर ने 1913 में स्कालरशिप प्राप्त करते हुए अपनी Post Graduation करने के लिए अमेरिका चले गये।
  • अमेरिका में डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी ने  कोलंबिया यूनिवर्सिटी से साल 1915 में MA की डिग्री प्राप्त की।
  • साल 1916 में उनकी एक रिसर्च के लिए डाक्टर भीमराव आंबेडकर को पीएचडी से सम्मानित किया गया था। ( इस रिसर्च को उन्होंने एक किताब इवोल्यूशन of प्रोवेंशियल फाइनेंस इन ब्रिटिश इण्डिया के रूप में प्रकाशित किया था। )

Dr. B. R. Ambedkar शुरूआती जीवन 

साल 1894 मेंभीमराव अम्बेडकर जी के पिताजी रामजी सकपाल जी के रिटायर्मेंट के कारण उनका पूरा परिवार सहित महाराष्ट्र के सतारा जिले में रहने के लिए चले गये।  दुर्भाग्य से सतारा आने के 2 वर्षो के भीतर ही भीमराव अम्बेडकर जी की माता का निधन हो गया था। 

बाद से भीमराव आंबेडकर जी की बुआ मीराबाई जी ने मुश्किल परिस्थितियों में उनकी और उनके परिवार की देखभाल की और कभी भी भीमराव अम्बेडकर जी को उनकी माँ की कमी महसूस नही होने दी थी। भीमराव आंबेडकर जी के पिता रामजी सकपाल के कुल 14 पुत्र – पुत्रिया थे।

जिनमे से इन मुश्किल परिस्थितियों में भीमराव आंबेडकर के साथ उनकी तीन बहने और केवल दो भाई ही बच पाए थे। पांचो भाई – बहनों में केवल भीमराव आंबेडकर जी ने ही समाज की मुश्किलों को सहन करते हुए अपनी पढाई को पूरा किया था। अपनी आगे की पढाई भी जारी रखी कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने उसके अगले वर्ष में रिसर्च भी जिसके लिए उन्हें पीएचडी से सम्मानित किया गया था। 

इस रिसर्च को उन्होंने एक किताब इवोल्यूशन of प्रोवेंशियल फाइनेंस इन ब्रिटिश इण्डिया के रूप में प्रकाशित किया था। इसके बाद भीमराव आंबेडकर साल 1916 में अपनी डाक्टारेट लेकर लन्दन चले गये थे। यहा लॉ ( कानून ) की पढाई के लिए दाखिला भी ले लिया था। लेकिन दुर्भाग्य से स्कालरशिप ख़त्म हो जाने के कारण उन्हें अपने देश भारत लौटना पड़ा था।

Dr. B. R. Ambedkar का संघर्ष भरा जीवन 

भीमराव आंबेडकर जैसे ही लन्दन से अपने देश भारत लौटे ,उसके बाद उन्होंने Accountant और क्लर्क जैसी कई छोटी – मोटी नौकरिया भी की थी। इसके बाद पुनः भीमराव आंबेडकर जी ने आगे बढ़ने के अपने सफ़र को जारी रखा और कुछ पैसे अपने दोस्त से लेकर और कुछ स्वयं के पैसो से वो साल 1920 में फिर से इंग्लेंड चले गये। 

यहा उन्होंने ” रुपये की समस्या ” नाम के रिसर्च को पूरा किया।  इसके बाद ही भीमराव आंबेडकर जी को लन्दन यूनिवर्सिटी द्वारा डाक्टर of साइंस की उपाधि से सम्मानित किया गया।

अपनी आवश्यक शिक्षा पूरी होने के बाद डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी ने यह फैसला किया की अब वो अपना पूरा जीवन समाज और लोगो की सेवा में लगाने का फैसला किया। उन्होंने उस समय भारत में चल रहे स्वतंत्रता के बहुत से अभियानों में शामिल हुए थे।

दलितों और पिछड़े हुए लोगो को उनके अधिकार दिलाना ही बाबासाहब भीमराव आंबेडकर जी का प्रमुख लक्ष्य था। इसी कारण से भीमराव आंबेडकर ने दलितों , नीची जातियों की सामाजिक आजादी के लिए उन्होंने बहुत सी किताबे भी लिखी जो की हमारे समाज के लिए बहुत प्रभावशाली साबित भी हुई थी।

भारतीय संविधान का निर्माण 

Dr. Bhim Rao Ambedkar Photo

इसके बाद साल 1926 में डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी बम्बई विधानसभा परिषद् के सदस्य बन गये थे। अपने अच्छे और प्रभावी कार्यो के चलते उन्हें 13 अक्टूबर , साल 1935 को डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी को सरकारी लॉ ( कानून ) कालेज का प्रिंसिपल बना गया था। यहा उन्होंने दो सालो तक सच्ची लगन और मेहनत से काम किया और इसके बाद डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी ने साल 1936 में स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की थी।

जो की उसी समय साल 1937 में केन्द्रीय विधानसभा चुनाव लड़ी और कुल 15 जीती थी। इसी बीच साल 1941 से लेकर साल 1945 डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी बहुत सारी विवादित किताबे भी लिखी थी।

डाक्टर भीमराव आंबेडकर द्वारा प्रकाशित की गयी किताबो में एक किताब ‘ थॉट्स ऑन पाकिस्तान ‘ सबसे प्रमुख किताब थी। इस किताब में मुसलमानों के लिए एक अलग देश पाकिस्तान बनाने की मांग का बहुत अधिक विरोध किया गया था। इसके बाद भी डाक्टर भीमराव आंबेडकर उन्होंने भारत केउस समय के उन सभी नेताओ का जमकर विरोध भी किया जो भारत के सामाजिक रूप से टुकड़े कर रहे थे।

इसके बाद जैसे ही हमारा देश भारत 15 अगस्त सन 1947 को आजाद हुआ। उसके बाद डाक्टर भीमराव आंबेडकर आजाद भारत के पहले कानून मंत्री बने थे। खराब स्वास्थ्य की चिंता किये बगैर, डाक्टर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जी ने हमारे भारत को एक ठोस और संपन्न कानून दिया। उनके द्वारा लिखे गये संविधान को 26 जनवरी ,1950 में लागु कर दिया गया था। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी के ही विचार थे जिसके कारण भारतीय रिजर्व बेंक की स्थापना भी की गयी थी।

Dr. B. R. Ambedkar का खराब स्वास्थ्य से झुझना 

भारत को एक बेहतर संविधान देने के बाद तथा अपने खराब स्वास्थ्य से झुझते हुए भी डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी ने समाज के निचले स्तर के लोगो के लिए बहुत अधिक प्रयास किये थे और उनके प्रयासों और मेहनत का ही नतीजा है की आज हमारे देश भारत में प्रत्येक धर्म , जाति को एक समान समझा जाता है। डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी ने दलितों , महिलाओ और और पिछड़े वर्गो के लिए काम करते हुए समाज में और संविधान में उन्हें उनके अधिकार दिलाये।

इसके बाद देश के राजनितिक मुद्दों से झुझते हुए और दिन पर दिन ख़राब स्वास्थ्य के चलते डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने 6 दिसंबर ,साल 1956 में बाबासाहब ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और हमें हमेशा के लिए छोड़कर चले गये।

Dr. B. R. Ambedkar के जीवन से सीख  

Dr. Bhim Rao Ambedkar Picture

भारत रत्न बाबासाहब डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी हमेशा हमारे देश भारत को एक ऐसा राष्ट्र बनाने में यकीन रखते थे। जहा समाज के सभी वर्गो के लोगो को समान अधिकार प्राप्त हो।  भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी को आज भी समानता और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। बाबासाहब ने समाज में फैली उन सभी कुरीतियों तथा खोखले कानूनों को भी खत्म कर दिया जो मानव समाज और किसी भी व्यक्ति के हित में नही थे। 

बाबासाहब डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी की सोच थी की में ऐसे धर्म में भरोसा रखता जो हमें सभी के प्रति समानता और भाई – चारा सिखाता है। “

उनका मानना था की समाज के प्रत्येक वर्ग विशेष को अपनी बात रखने तथा अपने अधिकारों प्राप्त करना का पूरा – पूरा हक है। हमारे देश के लिए इतना कुछ करने वाले बाबासाहब डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी ने अपने शुरूआती जीवन में अपनी नीची जाति और सामाजिक भेद -भाव के कारण बहुत उन्हें बहुत अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

लेकिन हमें बाबासाहेब से यह सीखना चाहिए की भले ही अभी हमारे पास पर्याप्त संसाधन और पारिवारिक सहायता उपलब्ध नही है। लेकिन हम अपने अटूट हौसले और कड़ी मेहनत के दम पर अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते है।

हमें भारत रत्न बाबासाहब डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी से उनके समानता और सभी को एक समान समझने के विचारो को ग्रहण करना चाहिए। हमें आशा ही नही पूरा विश्वास भी है की आपको Dr. B. R. Ambedkar Biography In Hindi  तथा डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी का जीवन परिचय पर यह आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया होगा।

आज आपने बाबासाहब डाक्टर भीमराव आंबेडकर जी के जीवन से कुछ न कुछ तो जरुर सीखा होगा। YourHindiQuotes.com आगे भी आपके लिए ऐसे ही प्रेरणादायक महान व्यक्तियों का जीवन परिचय तथा बायोग्राफी लाते रहेंगे।

धन्यवाद !!

 

इन्हें भी जरूर पढ़े:

Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

TRENDING POSTS

Diwali In Hindi Diwali In Hindi
Festivals & Events2 months ago

Diwali In Hindi: दिवाली त्यौहार पर निबंध…!

दीवाली का पर्व हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहार के रूप में जाना जाता है। ये त्योहार जितना धर्म से...

Diwali Quotes In Hindi Diwali Quotes In Hindi
Festivals & Events2 months ago

Diwali Quotes in Hindi: दीवाली के उद्धरण – दीपावली कोट्स हिन्दी मे..!

दीवाली के पर्व पर हमें अपने अंदर की कमियों को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए। हमे इस दिन अपनी...

Happy New Year In Hindi Happy New Year In Hindi
Festivals & Events2 months ago

Happy New Year In Hindi: नव वर्ष पर निबंध, शायरी, विशेष…!

धीरे-धीरे ये साल भी बीतने वाला है। हम सभी का सामना जल्द ही नए साल 2023 से होने वाला है। आने...

Chrismas Wishes Chrismas Wishes
Festivals & Events2 months ago

Merry Christmas Wishes in Hindi: मेरी क्रिसमस की शुभकामनाएं हिंदी में..!

क्रिसमस बच्चों का सबसे प्रिय पर्व माना गया है। माना जाता है, कि इस इस दिन धरती पर सांता क्लोज...

Happy Holi Status Image Happy Holi Status Image
Festivals & Events2 months ago

Happy Holi Shayari, Holi Images for Friends and Family: हैप्पी होली शायरी, दोस्तों और परिवार के लिए

इस अवसर के लिए कई मिठाइयां और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं। लोग सुबह से ही अपने घरों...

New Year Wishes In Hindi New Year Wishes In Hindi
Festivals & Events2 months ago

New Year Wishes In Hindi: भेजें न्यू इयर विशेज़ हिंदी…!

हर नया साल हमारे लिए एक ऐसा मौका होता है जो कि हमें जीवन मे कुछ नया करने का मौका...

Friendship Day Quotes Friendship Day Quotes
Festivals & Events2 months ago

Best Friendship Day Quotes In Hindi: फ्रेंडशिप डे कोट्स हिन्दी मे..!

दोस्ती! भगवान ने हमें मां-बाप और फैमिली चुनने का तो अवसर नहीं दिया और इसका मतलब यह कतई नहीं कि...

Diwali Greetings In Hindi Diwali Greetings In Hindi
Festivals & Events2 months ago

Diwali Greetings In Hindi: दिवाली की शुभकामनाएँ हिंदी में..!

दीवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। ये जीवन मे से दुख के अंधियारे को ख़त्म कर के...

Hanuman Jayanti Wishes Quotes in Hindi Hanuman Jayanti Wishes Quotes in Hindi
Festivals & Events2 months ago

Hanuman Jayanti Wishes & Quotes in Hindi: आओ जानें हनुमान जयंती बारे में..!

हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है और लोगों के लिए हनुमान जयंती का...

Hindi Diwali Wishes Image Hindi Diwali Wishes Image
Festivals & Events2 months ago

Diwali Wishes In Hindi: दिवाली की शुभकामनाएं संदेश…!

दीवाली प्रेम और सौहार्द का त्योहार है। ये बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। ये दुखों को हटाने...

Advertisement