Chalisa
दुर्गा चालीसा: Durga Chalisa, Lyrics, Path, Aarti, Puja, Aradhana, Mantra, & Benefits

पूरे भारतवर्ष में, बड़े ही धूम-धाम और हर्षो-उल्लास के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है ताकि माता दुर्गा का आर्शीवाद हमें और हमारे पूरे परिवार को मिलें और हमारे उज्जवल भविष्य का निर्माण हो लेकिन माता दुर्गा की आराधना, Durga Chalisa दुर्गा चालीसा के बिना कैसे पूरी हो सकती है और इसी कमी को पूरा करने के लिए हम, अपने इस आर्टिकल में, दुर्गा चालीसा के पूरे पाठ को प्रस्तुत करेंगे।।
नौ देवियों के एकीकृत रुप को माता दुर्गा कहा जाता है जिनके सभी नौ रुपों की पूजा हम, नवरात्रि मे, करते है अर्थात् नवरात्रि पूरे नौ दिन चलने वाला पूरे भारतवर्ष के साथ ही साथ विदेशों का भी एक प्रमुख त्यौहार है जिसे बड़े ही धूम-धान और सहर्ष मनाया जाता है।
“मैंने तेरा नाम लेकर ही सारे काम किये है माँ,
और लोग समझते है कि, बंदा बहुत किस्मत वाला है”
माता दुर्गा को, नारी शक्ति का सबसे विराट रुप माना जाता है और साथ ही साथ उन्हें ब्रुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है और इसी वजह से हमें, अपने दैनिक जीवन में, माता दुर्गा की पूजा-आराधना करते ही करते है साथ ही साथ नवरात्रि में, विशेष तौर पर माता दुर्गा के सभी नौ रुपों की आराधना करके अपने, अपने परिवार व पूरे विश्व का कल्याण सुनिश्चित करते है।
अन्त, हम, अपने इस आर्टिकल में, अपने सभी माता दुर्गा के भक्तो को विस्तार से दुर्गा चालीसा का पाठ हिंदी व अंग्रेजी में प्रदान करेंगे ताकि आप अपने सुविधानुसार माता दुर्गा को समर्पित दुर्गा चालीसा का पाठ करके अपना व अपनो को लिए माता दुर्गा का आर्शीवाद प्राप्त कर सकें क्योंकि यही हमारा लक्ष्य है।
दुर्गा चालीसा का महत्व क्या है?
माता दुर्गा की महिमा अपरमपार है और उन्हीं की आराधना को समर्पित दुर्गा चालीसा के सभी महत्वों को हम, कुछ बिंदुओं की मदद से स्पष्ट करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं:-
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सुख-शांति व समृद्धि की स्रोत है दुर्गा चालीसा का पाठ
दुर्गा चालीसा का सबसे बड़ा महत्व तो यही है कि, माता दुर्गा को समर्पित दुर्गा चालीसा की मदद से ना केवल हम, सीधे – सीधे माता दुर्गा की आराधना कर पाते है बल्कि साथ ही साथ माता दुर्गा का आर्शीवाद पाने के लिए नियमित रुप से दुर्गा चालीसा का पाठ करते है जिसे सामान्य तौर पर सुख-शांति व समृद्धि का स्रोत माना जाता है।
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शास्त्रों के अनुसार क्या महत्व है दुर्गा चालीसा का?
वहीं दूसरी तरफ यदि हम, शास्त्रों को मानें तो शास्त्रो में, दुर्गा चालीसा का महत्व अत्यन्त महत्वपूर्ण है जिसके अनुसार माता दुर्गा को समर्पित नवरात्रि या अन्य किसी शुभ अवसर पर दुर्गा चालीसा का पाठ करना अत्यन्य लाभकारी व गुणकारी माना जाता है व पूरे परिवार में, सुख-शांति व समृद्धि की वर्षा होती है।
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नवरात्रि के दौरान व्रत करने वालों के लिए क्या महत्व है दुर्गा चालीसा का?
नवरात्रि के दौरान हम, आप व सभी या फिर परिवार में, कोई ना कोई सदस्य व्रत जरुर रखता है जिसके लिए दुर्गा चालीसा का महत्व, बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे ना केवल उन्हें अपने ऊपर संयम रखने की शक्ति मिलती है बल्कि उनके भीतर दिव्य ऊर्जा का संचार भी होता है और वे खुद को सीधे तौर पर माता दुर्गा से जुड़ा हुआ पाते है।
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धर्म की रक्षा व अन्धकार का नाश करती है दुर्गा चालीसा
दुर्गा चालीसा के नियमित पठन-पाठन से सभी भक्तजनों को दुर्गा माता का आर्शीवाद तो नि-संदेह मिलता ही मिलता है साथ ही साथ दुर्गा चालीसा के नियमित पठन-पाठन से हमारे भीतर धर्म की रक्षा और अन्धकार का विनाश करने वाली दिव्य-भव्य सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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नारी शक्ति को प्राथमिकता देती है दुर्गा चालीसा
माता दुर्गा साक्षात नारी शक्ति की सबसे बड़ी प्रतीक मानी जाती है और इसीलिए दुर्गा चालीसा मुख्य तौर पर हमारे समाज की सभी महिलाओं के भीतर आत्मनिर्भरता व स्वाभिमान का भाव उत्पन्न करती है ताकि वे एक आत्मनिर्भर जीवन जीते हुए माता दुर्गा की आराधना Durga Mata Aradhana कर सकें और अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें आदि।
दुर्गा मंत्र : Durga Mantra
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
नवार्ण मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’।
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
Benefits of Durga Chalisa: दुर्गा चालीसा पढ़ने से क्या फायदा?
आइए अब हम, अपने सभी माता दुर्गा के भक्तजनों को कुछ बिंदुओँ की मदद से Durga Chalisa Ke Fayde दुर्गा चालीसा के फायदों के बारे में, सूचित करें जो कि, इस प्रकार से हैं:-
- दुर्गा चालीसा के नियमिक पठन-पाठन के साथ ही साथ जब हम, दुर्गा चालीसा का पठन-पाठन नवरात्रि या फिर किसी शुभ अवसर पर करते है तो इससे हमारे भक्तजनों को विशेष तौर पर आध्यात्मिक, भौतिक व भावनात्मक ऊर्जा व खुशी की प्राप्ति होती है,
- दुर्गा चालीसा का सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि, दुर्गा चालीसा के नियमित पठन-पाठन से हमारे अशान्त मन को शांति मिलती है जिसका प्रमाण यह है कि, बड़े-बड़े ऋषि-मुनी भी अपने मन को शांत करने के लिए नियमित रुप से दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं,
- हमारा जीवन संकटों से भरा पड़ा है लेकिन जब हम, नियमित रुप से दुर्गा चालीसा का पठन-पाठन करते है तो हमारे भीतर दिव्य-भव्य सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे हम, बेहतर तरीके से अपने संकटों का मुकाबला करके एक सफल जीवन जी पाते है,
- दुर्गा चालीसा का नियमिट पाठ करने से हमारे घर-संसार में सुख-शांति व समृद्धि तो आती ही आती है साथ ही साथ घर में होने वाले वित्तीय नुकसानों व अन्य समस्याओँ से भी मुक्ति प्राप्त होती है,
- वहीं दूसरी तरफ हमारी युवा पीढ़ी जो कि, वासना, ईर्ष्या, द्धेष और अन्य विकारों से ग्रसित हो जाती है उन्हें भी दुर्गा चालीसा के नियमित पठन-पाठन से मानसिक शक्ति और मजबूती प्राप्ति होती है,
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने से हमें, हमारे दिमाग में, उत्पन्न होने वाले सभी मानसिक विकारों के साथ ही साथ मन में उत्पन्न होने वाले सभी नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है
- साथ ही साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करने से हमारे भीतर ज्ञान, विवेक और सद्बुद्धि का भी संचार होता है।
Durga Chalisa in Hindi: दुर्गा चालीसा का पाठ हिंदी में..!
“चलो शरण में जगदम्बे की चलते हैं,
पनाह देगी वो उनको भी, जो पाप की तपन से जलते हैं”
ll श्री दुर्गा चालीसा ll
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुँलोक में डंका बाजत॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन र जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नरनारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीदेवीदास शरण निज जानी।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
र्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें।
मोह मदादिक सब बिनशावें॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला॥
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
Durga Chalisa Lyrics in Hindi
!! Namo Namo Durge Sukh Karni Namo Namo Ambe Dukh Harani,
Nirakar Hai Jyoti Tumhari Tihoun Lok Phaili Uujiyaari,
Shashi Lalaat Mukh Maha Vishala Netra Lal Bhrikoutee Vikarala
Roop Maatu Ko Adhik Suhave Darshan Karat Jan Ati Sukh Pave !!
!! Tum Sansar Shakti Le Keena Palan Hetu Ann Dhan Deena,
Annapoorna Hui Jag Pala Tumhi Aadi Sundari Bala !!
Pralayakal Sab Nashan Haari Tum Gouri Shiv Shankar Pyari,
Shiv Yogi Tumhre Gun Gave Brahma Vishnu Tumhe Nit Dhyave,
!! Roop Saraswati Ko Tum Dhara De Subudhi Rishi Munin Ubara,
Dhareo Roop Narsimha Ko Amba Pragat Bhayi Phaad Ke Khamba,
Raksha Kari Prahlad Bachayo Hiranyaykush Ko Swarg Pathao,
Lakshmi Roop Dharo Jag Mahi Shri Narayan Anga Samahi !!
!! Sheer Sindhu Mein Karat Vilasa Deya Sindhu Deje Man Aasa,
Hingalaj Mein Tumhi Bhavani Mahima Amit Na Jaat Bakhani,
Matangi Aru Dhomawati Mata l Bhuvaneshwari Bagala Sukhdata,
Shri Bhairav Tara Jag Tarani Chhinna Bhala Bhav Dukh Nivarini !!
!! Kehar Vahan Soh Bhavani Langur Veer Chalat Agvani,
Kar Mein Khappar Khadag Viraje Jako Dekh Kaal Dar Bhaje,
Sohe Astra Aur Trishula Jase Uthat Shatru Hiye Shula,
Nagarkot Mein Tumhi Virajat Tiho Lok Mein Danka Bajat !!
!! Shumbh Nishumbh Danv Tum Mare RaktBeej Shankhan Sahare,
Mahishasur Nrip Ati Abhimani Jehi Agh Bhar Mahi Akulani,
Roop Karal Kali ka Dhara Sen Sahit Tum Tihi Sahara ,
Pari Garh Santan Par Jab Jab Bhayi Sahat Matou Tum Tab Tab !!
!! Amarpuri Aru vasb Loka Tab Mahima Sab Kahe Ashoka
Jwala Mein Hai Jyoti Tumhari Tumhein Sada Puje Nar Nari,
Prem Bhagati Se Jo Yash Gave Dukh Daridra Nikat Nahi Aave,
Dhyave Tumhe Jo Nar Man Layi Janm Maran Tako Chouti Jayi !!
!! Yogi Sur Muni Kehat Pukari Yog Na Hoye Bin Shakti Tumhari,
Shankar Acharaj Tap Ati Keno Kaam aru Krodh Jeet Sab Leno ,
Nishidin Dhyan Dharo Shankar Ko Kahu Kaal Nahi Soumiro Tumko,
Shakti Roop Ko Maram Na Payo Shakti Gayi Tab Man Pachitayo, !!
!! Sharnagat Hui Ki devidaas shran nijj jani,
kahu kirpa Jagdamb Bhavani jai jai jai jagdamb bhavani
Bhayi Prasann Aadi Jagdamb Dai Shakti Nahi Keen Vilamba,
Mauko Matu Kasht Ati Ghero Tum Bin Kaun Hare Dukh Mero,
Asha Trishna Nipat Satave Moh madait sab vianshve !!
Shatru Nash Kije Maharani Soumiron Ikchit Tumhein Bhavani
Karo Kripa Hey Matu Deyala Riddhi Siddhi Dey Krhu Nihala,
Jab Lagi Jiyu Deya Phal Paoun Tumhro Yash Mein Sada Sounaoun,
Durga Chalisa Jo Nar Garvey Sab Sukh Bhog Parampad Pavey,
Devidas Sharan Nij Jaani Karahoun Kripa Jagadambe Bhavani !!
माता दुर्गा त्याग, तपस्या, साहस और शौर्य की देवी है जिन्हें आत्मतौर पर बुराई पर सच्चाई की विजय के प्रतीक के तौर पर सम्मानित किया जाता है। पूरे भारतवर्ष के साथ ही साथ पूरा विश्व माता दुर्गा की महिमा का गुणगान करने के लिए नवरात्रि का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम और हर्षो-उल्लास के साथ मनाता है ताकि माता दुर्गा का आर्शीवाद प्राप्त किया जा सकें।
“देखों, सिंह पर सवार होकर आई है मेरी माँ,
मन के सारे मुराद पूरी करने आई है मेरी माँ,
सारे जग में कोई नहीं माँ से बड़ा कृपालु
सारे दुःख और कष्ट को हरने आई है मेरी माँ.”
“माँ दुर्गा का सिर पर हाथ हो,
पूरे परिवार में खुशियों का वास हो,
घर में सुख-शांति का निवास हो,
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो॥”
माता दुर्गा, अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती है और भक्तजनों को सुख-शांति व समृद्धि का वरदान भी देती है लेकिन माता Durga Puja Aradhana दुर्गा की पूजा आराधना, दुर्गा चालीसा के बिना अधूरा रहता है और इस कमी को दूर करने के लिए हमने अपने इस आर्टिकल में, अपने सभी माता दुर्गा के भक्तजनों को विस्तार से दुर्गा चालीसा के पूरे पाठ की जानकारी प्रदान की ताकि हमारे साथ ही साथ हमारे सभी भक्तजन माता दुर्गा की आराधना व आर्शीवाद प्राप्ति के लिए नियमित रुप से दुर्गा चालीसा का पठन-पाठन कर सकें और अपना व अपने परिवार का कल्याण सुनिश्चित कर सकें।
अन्त हम, आशा करते है कि, आप सभी भक्तजनों को हमारा ये आर्टिकल Durga Chalisa in Hindi जरुर पसंद आया होगा जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल Durga Chalisa Lyrics को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव भी हमें, बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।
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