Chalisa
हनुमान चालीसा: Hanuman Chalisa, Lyrics, Chaupai, Doha, Path, Jaap, Benefits in Hindi
आज की दुनिया में हर कोई किसी ना किसी वजह से परेशान है, और एक समय के बाद वही परेशानियां डर में बदल जाती हैं। जब आप में शक्ति और साहस हो तो फिर किसी बात का डर नहीं होता और ऐसे ही शक्ति और साहस का प्रतीक माने जाते है भगवान हनुमान जी और, उन पर लिखी चालीसा जिसमें 3 दोहे और 40 चोपाई लिखी गई है, उसे अगर कोई प्रतिदिन या जब भी उसके मन में डर का आभास होता है और वह हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो, उसका डर दूर भागता है और अंदर से वह काफी बलवान महसूस करता है। इसके पाठ से नकारात्मक शक्तियां भी दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
जय हनुमान, जय श्री हनुमान।
हनुमान चालीसा में कोई मंत्र नहीं है बल्कि इसकी चौपाइयों में ही लोगों की समस्या का समाधान है। ऐसा भी कहा जाता है कि, अगर आप रोजाना नहाने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको नई ऊर्जा का एहसास होता है और साथ ही जिंदगी के दुख दूर होते हैं और डर लगने पर इंसान हनुमान चालीसा पढ़ कर निडर हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार अगर आप किसी रोग का निदान चाहते हैं तो आपको हनुमान चालीसा की चौपाई का पाठ करना चाहिए।
“दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं,
स्वर्ग में देवता भी उनका अभिनंदन करते हैं,
जो हर पल हनुमान जी का वंदन करते हैं।”
🙏जय श्री राम 🙏जय श्री हनुमान🙏🙏
हनुमान चालीसा जो हिंदू धर्म की सबसे शक्तिशाली और प्रभावी लिखी गई वेदों माइंस एक है। हनुमान चालीसा की सबसे प्रसिद्ध चौपाई:-
“जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर है…”
हनुमान चालीसा – पढ़ने मात्र से जिंदगी में सकारात्मक बदलाव शुरू हो जाएंगे, जानिए कैसे इस वीडियो में:-
The History of Hanuman Chalisa
हनुमान चालीसा की शुरुआत दोहे से होती है, जिसका पहला शब्द गुरु है “श्री गुरु” इसमें श्री का मतलब सीता माता है, जिनको हनुमान जी गुरु मानते हैं। इस चौपाई के पाठ से गुरु की महत्वता समझ आती है। (हनुमान बाहुक) तुलसीदास द्वारा तुलसी घाट पर बैठकर लिखी हुई हनुमान चालीसा सिर्फ धार्मिक पहलू से ही महान नहीं है, बल्कि इसमें लिखी हुई कुछ बातों की पुष्टि तो खुद विज्ञान भी करता है।
आपने हनुमान जी के सूरज को फल समझकर खा लेने वाली कहानी तो जरूर ही सुनी होगी, जिससे यह सिद्ध हुआ है की हनुमान जी ने करीब डेढ़ करोड़ साल पहले ही सूरज को छू लिया था, आज से हजारों साल पहले हनुमान जी ने पृथ्वी से सूर्य तक की दूरी तय कर ली थी, जिसे तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में वर्णित भी किया है।
अब बात करते हैं एक और रहस्य की जो है अनंत शेषनाग के बारे में। उनके बारे में हिंदू पुराण में भी लिखा गया है और माना जाता है कि अनंत शेषनाग के हजार सर थे। इतना ही नहीं इस अनंत शेषनाग का संबंध सीधे समय से किया गया है और कहा गया है कि जब शेषनाग सीधा होता है तब समय आगे की तरफ चलता है, जिसके चलते ब्रह्मांड का निर्माण होता है। और जब यह शेषनाग कुंडली मार लेता है या फिर गोलाकार बना लेता है, तो इस ब्रह्मांड का नाश हो जाता है। जब सबकुछ खत्म हो जाता है तो सिर्फ एक चीज बची रहती है और वह है खुद शेषनाग।और तभी इनको शेष की उपाधि दी गई है। क्योंकि, शेष का अर्थ होता है “बचा हुआ”और हनुमान चालीसा के तेरहवें श्लोक,“सहस बदन तुम्हारो यश गावे अस कहि श्रीपति कंठ लगावे” जिसका मतलब है कि, श्री राम हनुमान जी को गले लगा कर कहते हैं कि वह हजार सर वाला शेषनाग भी तुम्हारा यश गान करेगा।
हनुमान चालीसा में एक दोहा है:-
“जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लिलियो ताहि मधुर फल जानू”
जिसमें एक युग मतलब 12000 साल, सहस्त्र का मतलब 1000 और एक योजन मतलब 8 मील है, और इन तीनों का जब गुणा किया गया तो NASA नासा के द्वारा बताई गई दूरी और हनुमान चालीसा में लिखी हुई दूरी एक समान मिलती है।
Hanuman Chalisa Ke Fayde: हनुमान चालीसा के फायदे
हनुमान चालीसा के रोज पाठ से कितने फायदे होते हैं यह तो विज्ञान भी मान चुका है। विज्ञान ही नहीं सामाजिक जीवन में भी लोग हनुमान चालीसा से काफी प्रभावित रहते हैं इतने सारे महान गुणों को समाय रखा है एक किताब ने और वह है “हनुमान चालीसा।”
यहां तक कि हनुमान चालीसा पर लोगों का विश्वास तब देखने को मिलता है, जब हनुमान पर लिखी हुई हनुमान चालीसा का व्याख्यान पिक्चर में भी होने लगा। 80 प्रतिशत लोगों ने वोह डरावनी 1920 तो देखी ही होगी और उस पिक्चर में भी यही दिखाया गया कि, पिक्चर का मेन किरदार भगवान पर काफी विश्वास करता है और हनुमान चालीसा का रोज पाठ करता था और जब उसने कुछ समय बाद किन्हीं कारणवश पाठ करना छोड़ दिया तो उसकी पत्नी पर एक भूत का साया आ गया और वह दोनों डरने की स्थिति में आ जाते हैं।और फिर अंत में उस लड़के ने भगवान की शरण अपनाई हनुमान चालीसा को अपनाया और हनुमान चालीसा का जोर जोर से पाठ किया, जिसे सुनकर वह भूत उसकी पत्नी के शरीर से निकल गया और उनका डर भी दूर हो गया ।
हनुमान चालीसा पाठ हिंदी में:
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हनुमान चालीसा दोहा:
हनुमान जी पर लिखी यह चालीसा में हनुमान जी की सारी शक्तियों का बखान है:-
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
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हनुमान चालीसा चौपाई:
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
जय हनुमान, जय श्री हनुमान।
Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi
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Hanuman Chalisa Doha
Shri Guru Charan Saroj Raj, Nij man Mukuru Sudhaari।
Barnau Raghubar Bimal Jasu, Jo Daayaku Phal Chaari॥
Buddhiheen Tanu Jaanike, Sumirau Pavan-Kumaar।
Bal Buddhi Bidya Dehu Mohi, Harahu Kalesh Bikaar॥
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Hanuman Chalisa Chaupai
Jai Hanuman Gyaan Gun Sagar।
Jai Kapis Teehun Lok Ujagar॥
Ram Doot Atulit Bal Dhama।
Anjani-Putra Pavan suta Nama॥
Mahabir Bikram Bajrangi।
Kumati Nivaar Sumati Ke Sangi॥
Kanchan Baran Biraaj Subesa।
Kaanan Kundal Kunchit Kesa॥
Haath Vajra Aur Dhwaja Biraaje।
Kaandhe Moonj Janeu Saaje॥
Sankar Suvan Kesarinandan।
Tej Prataap Maha Jag Bandan॥
Vidyavaan Guni Ati Chaatur।
Ram Kaaj Karibe Ko Aatur॥
Prabhu Charitra Sunibe Ko Rasiya।
Ram Lakhan Sita Man Basiya॥
Sukshma Roop Dhari Siyahin Dikhawa।
Bikat Roop Dhari Lanka Jarawa॥
Bheem Roop Dhari Asur Sanhaare।
Ramchandra Ke Kaaj Sanwaare॥
Laaye Sanjivan Lakhan Jiyaaye।
Shri Raghubeer Harashi Ur Laaye॥
Raghupati Keenhi Bahut Badaai।
Tum Mum Priya Bharata Hi Sam Bhai॥
Sahas Badan Tumhro Jas Gaavein।
As Kahi Shripati Kanth Lagaavein॥
Sanakadik Bramhaadi Munisa।
Narad Sarad Sahit Ahisa॥
Jam Kuber Digpaal Jahaan Te।
Kavi Kovid Kahi Sake Kahaan The॥
Tum Upkaar Sugreeva hin Kinha।
Ram Milaaye Raajpad Dinha॥
Tumharo Mantra Vibhishan Maana।
Lankeswar Bhaye Sab Jag Jaana॥
Jug Sahastra Jojan Par Bhaanu।
Lilyo Taahi Madhur Phal Jaanu॥
Prabhu Mudrika Meli Mukh Maahi।
Jaldhi Laanghi Gaye Achraj Naahi॥
Durgam Kaaj Jagat Ke Jete।
Sugam Anugraha Tumhre Tete॥
Ram Dwaare Tum Rakhwaare।
Hoat Na Aagya Binu Paisaare॥
Sab Sukh Lahai Tumhari Sarna।
Tum Rakhshak Kaahu Ko Darna॥
Aapan Tej Samharo Aapai।
Teeno Lok Haank Te Kaanpen॥
Bhoot Pisaach Nikat Nahi Aave।
Mahabir Jab Naam Sunave॥
Naasai Rog Harai Sab Peera।
Japat Nirantar Hanumat Beera॥
Sankat Te Hanuman Chhudaave।
Man Krama Bachan Dhyaan Jo Laave॥
Sab Par Raam Tapasvi Raja।
Tin Ke Kaaj Sakal Tum Saaja॥
Aur Manorath Jo Koi Laave।
Soi Amit Jivan Phal Paave॥
Chaaro Jug Partaap Tumhara।
Hai Parsiddh Jagat Ujiyara॥
Saadhu Sant Ke Tum Rakhwaare।
Asur Nikandan Ram Dulaare॥
Asht Siddhi Nau Nidhi Ke Daata।
As bar Deen Janki Maata॥
Ram Rasayan Tumhre Paasa।
Sada Raho Raghupati Ke Daasa॥
Tumhre Bhajan Ram Ko Paave।
Janam Janam Ke Dukh Bisraave॥
Antakaal Raghubar Pur Jaayee।
Jahan Janam Hari-Bhakt Kahayee॥
Aur Devta Chitt Na Dharayi।
Hanumat Sei Sarb Sukh Karayi॥
Sankat Kate Mite Sab Peera।
Jo Sumirai Hanumat Balbira॥
Jai Jai Jai Hanuman Gosaai।
Kripa Karahun Gurudev Ki Nyaai॥
Jo Sat Baar Paath Kar Koi।
Chhootahin Bandi Maha sukh Hoyi॥
Jo Yeh Padhe Hanuman Chalisa।
Hoye Siddhi Saakhi Gaurisa॥
Tulsidas Sada Harichera।
Kijai Naath Hridaya Mahan Deera॥
॥ Doha ॥
Pavantanaya Sankat Harana, Mangal Moorti Roop।
Ram Lakhan Sita Sahit, Hridaya Basahu Soor Bhoop॥
🙏🙏 सियावर रामचंद्र की जय 🙏🙏
🙏🙏 पवन पुत्र हनुमान की जय 🙏🙏
जो इंसान हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करता है उसके परमधाम जाने का मार्ग सरल हो जाता है और हनुमान चालीसा का पाठ करना इतना अधिक लाभदायक है कि केवल इस के पाठ से जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति के आत्मविश्वास में काफी वृद्धि होती है।
ऐसे ही किसी भी डर को अगर आप महसूस करते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ आपके लिए बहुत आवश्यक है और हनुमान चालीसा को पढ़ने के बाद लोगों ने अलग-अलग एहसास महसूस किए हैं। आप भी रोज पढ़ें हनुमान चालीसा और हमारे इस आर्टिकल पर वापस आकर कमेंट करें कि आपके साथ क्या घटना घटी और आपको कैसा महसूस हुआ और अगर आप भी संकटमोचन हनुमान Sankat Mochan Hanuman के भक्त ही तो इस आर्टिकल ज़रूर शेयर करें।
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