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Dussehra Essay in Hindi: विजयदशमी दशहरा के त्यौहार पर निबंध हिन्दी मे..!
“विजय सत्य की हुई हमेशा, हारी सदा बुराई है। आया पर्व दशहरा कहता, करना सदा भलाई है।।’’
दशहरार पर निबंध Essay on Dussehra को समर्पित अपने इस आर्टिकल मे, हम आपको भारतीय संस्कृति और सभ्यया को गौरवमयी, रोमाचंक और सतत प्रासंगिकता प्रदान करने वाले प्रमुख भारतीय त्यौहार के तौर पर दशहरा महापर्व के बारे में, बतायेंगे जिसे विशेष महत्व व प्रासंगिकता प्रदान की जाती है व जिसे आमतौर पर “विजयदशमी’’ भी कहा जाता है कि, पूरी जानकारी Dussehra Essay in Hindi, दशहरा पर निबंध में, विस्तार से प्रदान करेंगे।
यहां पर हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को Dussehra Essay के तहत बतायेंगे कि, दशहरा का त्यौहार एक बहु-आयामी और बहु-प्रासंगिक त्यौहार है जिसका भारतीय संस्कृति व सभ्यता से लेकर भारतीय आम जन-जीवन पर अपना एक अमिट महत्व है जिसे हम Dussehra Essay for class 1 to 8 in Hindi, दशहरा निबंध के रुप में, हम विस्तार से प्रदान करेंगे।
दशहरा पर प्रस्तावना:
दशहरा ना केवल एक प्रमुख व विश्व प्रसिद्ध भारतीय त्यौहार है बल्कि हिंदुओं के लिए इस त्यौहार का आपना महत्व है जिसकी वजह से दशहरा त्यौहार को हर आयु वर्ग अर्थात् बच्चो से लेकर नौजवानों तक और नौजवानों से लेकर घर के बड़े-बुजुर्गो तक अत्यन्त प्रसन्नता से मानते है व इसी के साथ अपना व अपने घर की नई सकारात्मक शुरुआत करते है।
दशहरा त्यौहार को प्रमुख तौर पर प्रभु श्री. राम द्धारा राक्षस व दैत्यों के राजा रावन की मृत्यु के उपलक्ष्य में, मनाया जाता है और चूंकि इस दिन रावण रुपी बुराई पर राम रुपी अच्छाई की विजय हुई थी इसी वजह से लोकप्रियता के तौर पर दशहरा को विजयदशमी ’’ का त्यौहार भी कहते है।
अन्त, हमारा ये आर्टिकल पूरी तरह से दशहरा के त्यौहार को समर्पित होने वाला है जिसमें हम, Dussehra Essay in Hindi ।।Dussehra Essay शीर्षक के तहत अपने सभी पाठको व युवाओं को विशेष तौर पर दशहरा महापर्व व इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण व मौलिक जानकारीयों को प्रदान करेंगे क्योंकि यही हमारे इस आर्टिकल का मौलिक लक्ष्य है।
दशहरा का त्यौहार क्या है?
“सतीत्व मर्यादा के लिए, कुदरत ने कहर बरसाया था। जब रावण की मौत आई समन्दर ने, पत्थरों को तैराया था।।”
दशहरा का त्यौहार क्या है? की पूरी जानकारी प्रदान करने के लिए हम, कुछ बिंदुओ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं-
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प्रमुख भारतीय हिंदू त्यौहार है दशहरा
वैसे तो ये असंभव है कि, कोई भारतवासी दशहरा के त्यौहार के बारे में, ना जानता है लेकिन फिर भी हम, आप सभी के सामान्य ज्ञान के लिए बता दें कि, दशहरा का त्यौहार क्या है?
जैसा कि, आप सभी जानते है कि, दशहरा का त्यौहार हिंदुओं के साथ ही साथ समस्त भारतवर्ष का एक प्रमुख त्यौहार है जिसमें ना केवल हमारी भारतीय सभ्यता व संस्कृति की गौरवमयी झलक दिखाई देती है दशहरा का त्यौहार समर्पण, त्याग, तपस्या और शौर्य के अटल – अमिट विजय से हमारा साक्षात्मकार भी करवाता है।
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बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दशहरा का त्यौहार
हम, सभी ने, ना केवल प्रभु श्री. राम के शौर्य और त्याग को समर्पित श्री. रामायण की गाथा पढ़ी है बल्कि धारावाहिकों के रुप मे, देखी है जिसकी वजह से हमें, भली-भांति पता है कि, दशहरा के त्यौहार का सबसे बड़ा महत्व व प्रतीक यही है कि, दशहरा के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत / विजय के तौर पर मनाया जाता है ताकि हमारे भीतर भी बुराई का सर्वनाश होकर अच्छाई की अखंड लौ प्रज्ज्वलित हो सकें।
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उत्साह, रोमांच, समर्पण और खुशियों का त्यौहार है दशहरा
ये तो आप सभी जानते ही जानते है कि, दशहरे का त्यौहार उत्साह, रोमांच, समर्पण और खुशियों का त्यौहार है बल्कि साथ ही साथ दशहरे का त्यौहार हर आयु वर्ग अर्थात् बच्चे से लेकर बड़े – बुजुर्गो का पसंदीदा त्यौहार है दशहरा जो कि, हमारे भीतर सरकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
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जीवन जीने का मार्ग-दर्शक है दशहरे का त्यौहार
भारत चूंकि त्यौहारो का देश है और इन त्यौहार की सबसे बड़ी विशेषता ये होती है कि, ये हमें, जीवन जीने का एक ढंग बताते है अर्थात् अच्छाई व मानव कल्याण को समर्पित जीवन जीने के लिए हमारा सतत मार्ग-दर्शन करते है ताकि हम, एक बेहतर व समाज-हितैषी जीवन जी सकें।
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गौरवमीय भारतीय सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है दशहरे का त्यौहार
दशहरे के त्यौहार की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि, दशहरे का त्यौहार ना केवल असत्य पर सत्य की विजय को दर्शाता है अर्थात् बुराई पर अच्छाई की जीत को प्रदर्शित करता है बल्कि इसके साथ ही साथ उत्साह, त्याग, समर्पण, शौर्य और सत्याग्रही भारतीय सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है जो कि, ना केवल हमारे लिए बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए गौरव का प्रतीक है आदि।
उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से बताया कि, दशहरे का त्यौहार क्या है? लेकिन क्या आप जानते है कि, दशहरा का अर्थ क्या होता है?
दशहरा व विजयदशमी का अर्थ क्या होता है?
“दशहरा का तात्पर्य, सदा सत्य की जीत। गढ़ टूटेगा झूठ का, करें सत्य से प्रीत।।”
हम, सभी अपनी भारतीय सभ्यता व गौरवमयी संस्कृति का प्रतीक कहे जाने वाले दशहरे के त्यौहार से भली-भांति सुपरिचित है लेकिन क्या आपको दशहरा का अर्थ क्या है इसकी जानकारी है?
हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को बता दें कि, दशहरा शब्द की उत्तपति प्राचीन भारतीय भाषा अर्थात संस्कृत के दश – हर से हुई है जिसका शब्दार्थ होता है दस बुराई पर विजय प्राप्त करना होता है।
इसके साथ ही साथ हम, आप सभी को बताते चलें कि, जैसा कि, हम, सभी जानते है कि, अत्याचारी व क्रूर राक्षस रावण, दस सिरों वाला था जिसका प्रत्येक सिर में, राक्षसी प्रवृत्ति मौजूद थी और इसीलिए जब प्रुभ श्री. राम जी ने, रावण का वध किया तो इसे विजयदशमी कहकर भी पुकारा गया जो कि, ना केवल बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक था बल्कि त्याग, तपस्या, साहस और शौर्य का जीवित प्रमाण भी है।
दशहरा कब मनाया जाता है?
“राम चिरन्तन चेतना, राम सनातन सत्य। रावण वैर-विकार है रावण है दुष्कृत्य।।”
दशहरे का त्यौहार उत्साह वर्धक, रोमांचकारी, सकारात्मक विचारधारा का प्रेषक और असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर दिव्यता व भव्यता को संजोते हुए बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है जिससे ना केवल हमारे भीतर सरकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है बल्कि हमारे भीतर जीवन के प्रति एक नई आशावादी किरण की लौ भी प्रस्फुटित होती है।
हमारे कुछ पाठको व युवाओं की इस बात को लेकर आमतौर पर जिज्ञासा होती है कि, दशहरे का त्यौहार कब मनाया जाता है तो हम, इस आर्टिकल में, आपकी इस जिज्ञासा की प्यास को आपकी संतुष्टि के स्तर तक बुझाने का प्रयास करते है जिसके लिए हम, कुछ बिंदुओँ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं:-
हम, आपको बता दें कि, दशहरे का त्यौहार प्रमुख भारतीय त्यौहार – दीपावली अर्थात् दिवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की दशमी को बड़े ही उत्साह व धूम-धाम से मनाया जाता है।
दशहरा का नवरात्रि से क्या संबंध है?
आप सभी देवी दुर्गा की उपासना के महापर्व अर्थात् नवरात्रि के बार में, अच्छे से जानते है लेकिन नवरात्रि का दशहरा का बड़ा ही गहरा व करीबी संबंध है जिसके तहत नवरात्रि कुल 9 दिनों तक देवी की उपासना में, मनाया जाता है वहीं नवरात्रि के 10वें दिन जहां देवी दुर्गा की महा-आराधना की जाती है वहीं इसी दिन दशहरे का त्यौहार भी मनाया जाता है जो कि, नवरात्रि के साथ शुरु होता है और नवरात्रि के साथ ही समाप्त होता है जिसकी दिव्यता व भव्यता देखते ही बनती है।
उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से बताया कि, दशहरे का त्यौहार कब मनाया जाता है।
दशहरे का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
दशहरे के महा-त्यौहार को मनायें जाने के एक नहीं बल्कि अनेको कारण है जिन्हें हम, विस्तार से कुछ बिंदुओँ के रुप में, आपके सामने प्रस्तुत करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं:-
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रावण पर राम की महा-विजय के उपलक्ष्य में दशहरा मनाया जाता है
जैसा कि, आप सभी जानते है कि, पूरे हिंदू समाज के साथ ही साथ पूरा भारतवर्ष दशहरे के त्यौहार को क्रूर व अत्याचारी राजा रावण पर शौर्य, कर्तव्यपराण व त्याग की मूर्ति कहे जाने वाले प्रभु श्री. राम की महा-विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जिसे आमतौर पर विजयदशमी भी कहा जाता है जो कि, बुराई पर अच्छाई की विजय का सबसे बड़ा प्रमाण व प्रतीक माना जाता है।
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महा-दानव महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय के उपलक्ष्य में भी दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है
यहां पर हमारे सभी पाठको व युवाओं को आमतौर पर आधी-अधूरी जानकारी के कारण ये भ्रम हो जाता है कि, दशहरे का त्यौहार केवल प्रुभ राम द्धारा राक्षस रावन पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में, मनाया जाता है।
बल्कि इसके साथ ही साथ दशहरे का महा-पर्व महा-दानव महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय प्राप्ति के उपलक्ष्य में, मनाया जाता है जिसका भारतीय सभ्यता व संस्कृति में, अपना महत्व व प्रासंगिकता है।
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बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में, दशहरा मनाया जाता है
ये तो आप सभी जानते है कि, भारतीय सभ्यता व संस्कृति को दर्शाते भारतीय त्यौहार अलग – अलग प्रकारो से बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाते है और इसी प्रकार दशहरा भी भारतीय सभ्यता व संस्कृति का एक गौरवमयी त्यौहार है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में, मनाया जाता है।
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प्रत्येक मानव के भीतर छिपे रावन के विनाश के लिए दशहरा मनाया जाता है
हम, आपको बता दें कि, भारतीय सभ्यता व संस्कृति में दशहरे का त्यौहार इसलिए भी मनाया जाता है ताकि प्रत्येक मानव के भीतर छुपे रावण का अन्त किया जा सकें ताकि मानव रावण रुपी अंहकार से मुक्ति प्राप्त करके स्वंय को मानव कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित कर सकें और
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जीवन को ऊर्जावान व सकारात्मक बनाने के लिए भी दशहरा मनाया जाता है
दशहरे के त्यौहार के दिन हम, अपने कुछ बुरी आदतों को छोड़ने का संकल्प करते है ताकि हम, अपने जीवन को ऊर्जावान व सकारात्मक तरीके से जी सकें और अपना व अपनो के साथ ही साथ पूरे भारतवर्ष के सतत व सर्वांगिन विकास में, योगदान दे सकें आदि।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको बताया कि, दशहरे का त्यौहार क्यों मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते है कि, दशहरे के त्यौहार का महत्व क्या है?
दशहरे के त्यौहार का महत्व क्या है?
शान्ति अमन के इस देश में अब बुराई को मिटाना होगा। आतंकी रावण का दहन करने आज फिर श्री. राम को आना होगा।।
दशहरे के त्यौहार का भारतीय संस्कृति व सभ्यता में, अपना एक विशेष महत्व है जिसे हम, कुछ बिंदुओं की मदद से प्रस्तुत करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –
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दशहरे का त्यौहार भारतीय सभ्यता व संस्कृति को गौरवान्वित करता है
दशहरे के त्यौहार का सबसे बड़ा व मौलिक महत्व तो यही कि, यह ना केवल बुराई पर अच्छाई को सुनिश्चित करता है बल्कि साथ ही साथ भारतीय संस्कृति व सभ्यता को गौरवान्वित भी करता है जिससे आम जन-जीवन के साथ ही साथ पूरे भारतवर्ष गौरवान्वित होता है।
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बुराई पर अच्छाई की विजय के मौलिक सिद्धान्त को स्थापित करता है
वहीं दूसरी तरफ दशहरे के त्यौहार का दूसरा सबसे बड़ा महत्व यह है कि, दशहरे का त्यौहार किसी भी और कितनी ही बडी बुराई पर अच्छाई की विजय के मौलिक व अटल सिद्धान्त को स्थापित करता है जिसका तात्पर्य ये है कि, बुराई की हमेशा हार होती है और सत्य की हमेशा विजय होती है और इसलिए मानवजाति को सदा सत्य के मार्ग का चयन करना चाहिए और उस पर चलकर अपना व पूरे जगत का कल्याण सुनिश्चित करना चाहिए।
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अनैतिकता व अभद्रता का विनाश करता है
दशहरा का मूल कारण रावण द्धारा माता सीता का अपरहण था जो कि, नैतिकता की दृष्टि से अति अनैतिक और अभद्र था और इसी वजह से दशहरे के त्यौहार को अनैतिकता व अभद्रता के विनाश के तौर पर भी जाना जाता है जो कि, इसके महत्व को उजागर करता है।
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दशहरे का त्यौहार नारी शक्ति को प्राथमिकता देता है
दशहरे का त्यौहार जहां एक तरफ बुराई पर अच्छाई की विजय के महत्व को उजागर करता है तो वहीं इसके साथ ही साथ दशहरे का त्यौहार भारतीय समाज की नारीयों के भीतर ऊर्जा और प्रोत्साहन का संचार भी करता है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है जो कि, दशहरे के मौलिक महत्व को प्रदर्शित करता है आदि।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से दशहरे के त्यौहार के अलग-अलग मौलिक महत्वों की जानकारी प्रदान की लेकिन क्या आप जानते है कि, दशहरे का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
दशहरे का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
जैसा कि, आप सभी जानते है कि, हमारा भारतवर्ष विविधता का संगम है जहां पर एक ही त्यौहार अलग-अलग रुपों व प्रकारो से मनाया जाता है और इसी प्रकार भारतवर्ष में, दशहरे का त्यौहार भी अलग-अलग प्रकारो से मनाया जाता है जिसे हम, कुछ बिंदुओं की मदद से प्रस्तुत करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं-
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दशहरे से पहले दशहरे के इन्तजार का उत्सव मनाया जाता है
हम, सभी होली, नवरात्रि व दीवाली आदि त्यौहारों को आने से पहले उनके इंतजार का उत्सव मनाते है जो कि, खुद भी ना केवल रोमांचकारी होता है बल्कि अत्यन्त सुखद भी होता है।
ठीक इसी प्रकार से हम, दशहरे के त्यौहार के आने से पहले ही उसके इन्तजार का उत्सव मनाते है जो कि, दशहरे के पावन त्यौहार को मनाने का एक तरीका ही कहा जाता है क्योंकि इसी इंतजार के दौरान हम, दशहरे वाले दिन के लिए अनेको प्रकार की तैयारीयां करते है, योजनायें बनाते है और बेसब्री से खुशियों का इंतजार करते है।
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दशहरे से पहले पूरे घर की साफ–सफाई की जाती है
यहां पर एक बात और है कि, दशहरे का त्यौहार बाहरी रावण को बाद में, मारता है बल्कि इससे पहले हमें, अपने भीतर और अपने घर के भीतर छुपे रावण को मारने की प्रेरणा देता है जिससे प्रेरित होकर हम, ना केवल अपने भीतर छुपे रावण को मारते बल्कि घर की साफ-सफाई व अन्य कार्यों की मदद से घर में, छुपे रावण को भी मारते है और अपने घर को सकारात्मक ऊर्जा से सुसज्जित करते है।
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भारतीय सभ्यतानुसार घर-परिवारों में, पूजा-अर्जना की जाती है
यहां पर हम, आप सभी को ये भी बताना चाहते है कि, दशहरे के त्यौहार वाले दिन सभी घरो में, पूरे परिवार द्धारा मिलकर पूजा-अर्जना की जाती है ताकि इन 9 दिनों में शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रुपी 3 शक्तियों की प्राप्ति की जा सकें।
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स्कूलों व दफ्तरों में, अवकाश प्रदान किया जाता है
दशहरे वाले त्यौहार के दिन देश के सभी शैक्षणिक संस्थाओं व सरकारी कार्यालयों में, अवकाश प्रदान किया जाता है ताकि हर इंसान अपने परिवार के साथ मिलकर इस त्यौहार को मना सकें और अपने व अपनो के उज्जवल भविष्य को नई ऊर्जा प्रदान कर सकें।
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भव्यता व दिव्यता के संगम से मनाया जाता है दशहरे का त्यौहार
यहां पर हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को विशेष तौर पर बताना चाहते है कि, भारतीय त्यौहारो में, कुछ त्यौहार ऐसे होते है जिन्हें बड़ी ही दिव्यता व भव्यता के साथ मनाया जाता है और दशहरे का त्यौहार भी इसी तरह का एक त्यौहार है जिसे पूरे भारतवर्ष में, बड़ी ही दिव्यता व भव्यता से मनाया जाता है।
दशहरे के दिन अलग – अलग स्थानों पर अलग – अलग प्रकार के रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जो कि, इसकी दिव्यता व भव्यता को उजागर करती है।
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बड़े-बडे मेलो का आयोजन किया जाता है
दशहरे के त्यौहार को आमतौर पर मेलो का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन पूरे भारतवर्ष में, अलग–अलग स्थानों पर बड़े-बड़े मेलो का आयोजन किया जाता है जहां पर अनेको प्रकार के व्यंजन, झूलो व बच्चो के लिए खिलौनो आदि का प्रबंध किया जाता है अर्थात् कुल मिलाकर बच्चे से लेकर बुजुर्ग की प्रसन्नता का पूरा इन्तजाम किया जाता है।
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दिव्य-भव्य रामलीला का मंचन किया जाता है
दशहरे के दिन देश भर के मंदिरो में, दिव्यता व भव्यता की पवित्रता के साथ रामलीला का मंचन किया जाता है जिसमें ना केवल प्रभु श्री. राम की जीवन प्रदर्शित की जाती है बल्कि साथ ही साथ रावण रुपी बुराई पर राम रुपी अच्छाई की विजय को भी प्रदर्शित करके समाज में, बुराई पर अच्छाई की विजय के सिद्धान्त को स्थापित किया जाता है और
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रावण के पुतलों को जलाया जाता है
दशहरे के त्यौहार को मनाने का सबसे आकर्षक तरीका होता है दशहरे की सांझ को रावन,मेघनाथ और कुम्भकरण के विशाल पुतलो को बनाया जाता है और दशहरे की संध्या को प्रमु श्री. राम के हाथो अग्नि में, भस्म कर देने का अभिनय किया जाता है जिसे पूरे भारतवर्ष में, बेहद पसंद किया जाता है और इसी के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की विजय को सुनिश्चित किया जाता है आदि।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको विस्तार से दशहरे का त्यौहार कैसे मनाया जाता है के बारे में, बताया।
उपसंहार:
दशहरा ना केवल भारतीय सभ्यता व संस्कृति के गौरव को उजागर करता बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है ताकि पूरी मानवजाति बुराई को छोड़कर अच्छाई का मार्ग अपना सकें और सत्य के मार्ग पर चलकर अपना, अपने परिवार का और पूरे भारतवर्ष का सतत व सर्वांगिन विकास कर सकें और यही हमारे इस आर्टिकल का भी मौलिक लक्ष्य है।
अन्त, हमें, पूरी आशा है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल Essay on Dussehra, दशहरा पर निबंध हिन्दी मे, Dussehra Nibandh in Hindi जरुर पसंद आया होगा व आर्टिकल में, दी गई जानकारी आपके लिए मूल्यवान सिद्ध हुई होगी जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव हमें, कमेंट करके बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।
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