Chalisa
गणेश चालीसा: Ganesh Chalisa, Lyrics, Jaap, Bhajan, Aarti, Benefits in Hindi
हिंदू धर्म में, त्रिनेत्रधारी श्री. शिव शंकर व माता पार्वती जी कि, दूसरी संतान के तौर पर भगवान श्री. गणेश जी को बेहद पूजनीय और श्रेद्ध्ये माना जाता है और साथ ही साथ इन्हें “सिद्धिविनायक’’ की उपाधि भी मिली हुई है जिसकी वजह से इनका गुणगाण तीनो लोको में, अन्नत काल से होता आया है जो कि, अन्नतकाल तक जारी रहेगा और इसीलिए इस आर्टिकल में, Shri Ganesh Chalisa श्री. गणेश चालीशा का पूरा पाठ प्रदान किया जायेगा।
दुनिया समस्याओँ और परेशानियों का घर है जहां पर हम या आप लाख चाहें खुश रहना लेकिन नहीं रह पाते है और ना ही अपने जीवन को लेकर किसी भी प्रकार की संतुष्टि का अहसास कर पाते है बस अंधेरे में, भटकते रहते है जिसकी मूल वजह यह है कि, हम, अंहकारी और व्यस्त हो गये है और हमारे पास प्रभु गणेश जी को स्मरण करने का भी समय नहीं है और यही अन्त में, जाकर हमारी सभी समस्याओं का मूल कारण बनती है।
“चलो खुशियो का जाम हो जाए,
लेके बप्पा का नाम कुछ आचे काम हो जाए,
खुशिया बाँट के हर जघा
आज का दिन बप्पा के नाम हो जाए…”
प्रभु गणेश जी को मंगलकारी, शुभकारी के साथ ही साथ सिद्धिविनायक भी कहा गया है अर्थात् माता-पिता के आर्शीवाद से उन्हें यह वरदान दिया गया है कि, तीनों लोगो में, जब भी कोई नया काम शुरु किया जायेगा तो सबसे पहले प्रभु गणेश जी मंगल वंदना, गणेश आरती और पाठ किया जायेगा और बिना इसके शुरु किया गया काम सफल नहीं होगा और इसीलिए पूरे भारतवर्ष में, छोटे से लेकर छोटे और बड़े से लेकर बड़े कामों की शुरुआत गणेश वंदना व आरती के साथ ही शुरु किया जाता है ताकि कार्य सफल और सिद्ध हो सकें, इसीलिए तो गणेश जी को सिद्धिविनायक कहा गया है।
“पग में फूल खिले, हर ख़ुशी आपको मिले,
कभी न हो दुखों का सामना,
यही मेरी गणेश चतुर्थी की शुभकामना।”
🙏🙏 गणपति बाप्पा मोरया 🙏🙏
शास्त्रो के अनुसार, गणेश चालीसा की मान्यता क्या है?
हमारा भारतवर्ष, शास्त्रो का भारतवर्ष है जहां पर प्रत्येक कार्य शास्त्रों के अनुसार पूरे रीति-रिवाज के साथ किया जाता है ताकि ना केवल कार्य की सफल शुरुआत हो सकें बल्कि कार्य की सिद्धि भी सकें इसीलिए शास्त्रों के अनुसार, गणेश चालीसा की मान्याओं को हम, कुछ बिंदुओँ की मदद से स्पष्ट करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं:-
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सनातन धर्म में, गणेश चालीसा की क्या मान्यता है?
जहां तक सनातन धर्म के अनुसार गणेश चालीसा की मान्यता का प्रश्न है तो हम, अपने सभी गणेश भक्तों को बताना चाहते है कि, किसी भी प्रकार के कार्य या अनुष्ठान की शुरुआत गणेश मंगल वंदना से की जाती है ताकि कार्य ना केवस सफल हो सकें बल्कि सिद्ध भी हो सकें।
इसके पीछे की प्रचलित मूल मान्यता यह है कि, प्राचीन काल में, तीनों लोको के देवी-देवताओँ ने, भगवान श्री. गणेश जी को “प्रथम पूज्य’’ होने का आर्शीवाद दिया था जिसकी वजह से किसी भी कार्य या अनुष्ठान की शुरुआत में, सबसे पहले गणेश जी को पूजा जाता है।
साथ ही साथ यह भी सुनने को मिलता है कि, जिस कार्य या अनुष्ठान की शुरुआत गणेश पूजा से नहीं होती है ना तो वो कार्य कभी सफल होता है और ना ही कभी सिद्ध होता है। इसीलिए हम, अपने सभी पाठको से कहेंगे कि, अपने प्रत्येक नये कार्य की शुरुआत गणेश वंदना व पूजा से करें ताकि आपका कार्य सफल होने के साथ ही साथ सिद्ध भी हो सकें।
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ग्रंथो में, गणेश चालीका की क्या मान्यता है?
प्रभु श्री. गणेश जी को समर्पित गणेश चालीसा को लेकर ग्रंथो में भी प्रकार की अलग-अलग मान्यताओँ का चलन है जैसे कि, ग्रंथो में, भगवान गणेश को प्रमुख तौर पर विघ्नहर्ता कहा जाता है अर्थात् भक्तो के सभी विघ्नो को हरने वाला।
विघ्नहर्ता प्रभु श्री. गणेश जी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है जिससे ना केवल हमारे जीवन में, सुख-शांति का प्रवेश होता है बल्कि साथ ही साथ हमारे जीवन से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान भी सरलतापूर्वक हो जाता है और इसीलिए तो इन्हें हमारे भक्तजन बड़े ही स्नेह, भक्ति व प्रेम से विघ्नहर्ता कहते है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,गणेश चालीसा की मान्यता क्या है?
ज्योतिष शास्त्र की माने तो बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा अति-फलदायी व कल्याणकारी मानी जाती है।
जैसा कि, हमने कहा कि, गणेश जी व गणेश चालीसा को लेकर अनेको प्रकार की मान्यताओं का चलन है ठीक उसी प्रकार से एक मान्यता यह भी है कि, बुधवार के शुभ दिन गणेश जी की आरती, मंगल वंदना व भक्तिपूर्ण Ganesh Chalisa गणेश चालीसा का पाठ करने से भगवान गणपति ना केवल अपने भक्तजनों की समस्याओँ का समाधान करते है बल्कि उनकी हर मनोकामना की पूर्ति करते है आदि।
उपरोक्त बिदुंओँ की मदद से हमने भगवान गणपति व गणेश चालीसा के पाठ को लेकर अलग-अलग मान्यताओँ का आपके सामने रखा ताकि आप भी इनकी महिमा से परिचित हो सकें।
“चलो खुशियो का जाम हो जाए,
लेके बप्पा का नाम कुछ अच्छा काम हो जाए।
खुशिया बाँट के हर जगह, आज का दिन बप्पा के नाम हो जाए।”
🙏🙏 Jai Ganesh Jai Ganesh Deva 🙏🙏
गणेश चालीसा के फायदे:-
गणेश चालीसा के गुणकारी व कल्याणकारी लाभ इस प्रकार से हैं:-
- गणेश चालीसा से घर में, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
- घर में, सुख-शांति व समृद्धि का वास होता है
- घर के सदस्यों के बीच संबंध व विश्वास के अटूट रिश्ते की उत्पत्ति होती है
- गणेश चालीसा से घर के सदस्यों को नई ऊर्जा के साथ ही साथ नया विश्वास व नई आस्था की प्राप्ति होती है
- नियमित तौर पर गणेश चालीसा से घर व बाहर दोनो ही जगहों पर आपको व पूरे परिवार को सफलता की प्राप्ति होती है।
“सुख करता जय मोरया, दुख हरता जय मोरया।”
उपरोक्त केवल कुछ लाभ है जबकि जब आप स्वंय नियमित तौर पर गणेश चालीसा का पाठ करेंगे तो आपको स्वयं Ganesh Chalisa गणेश चालीसा के अनेको लाभो की प्राप्ति होगी।
गणेश चालीसा का महत्व क्या है?
“एक, दो,तीन ,चार, गणपति की जय जयकार।
पाँच, छः, सात, आठ, गणपति है सबके साथ।”
हम, Ganesh Chalisa गणेश चालीसा के महत्व को कुछ बिंदुओँ की मदद से उजागर करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं:-
- गणेश चालीसा का सर्वाधिक महत्व यह है कि, गणेश चालीसा में, भगवान श्री. गणेश के जन्म, पराक्रम व उनकी महिमा की अपरम्पार गाथा का विस्तार से उल्लेख किया गया है जिससे हमें शिक्षा प्राप्त होती है
- गणेश चालीसा का नियमित पाठ करने से घर-गृहस्थी में, सुख-शांति व समृद्धि का वास होता है
- घर के सदस्यों के भीतर आत्मविश्वास की जागृति के साथ ही साथ नई उमंग का भी संचार होता है
- भगवान श्री. गणेश की कृपा से गणेश चालीसा का पाठ करने वाले भक्तजनो को सिद्धि-बुद्धि व ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है
- गणेश चालीसा का रोजाना पाठ करने से भक्तजनों को धन की अपार प्राप्ति होती है जिससे वे धनी बनते है
- गणेश चालीसा का पाठ करने से भक्तजनों की सभी समस्याओँ का सतत तौर पर समाधान होता है और उन्हें सुख व शांति की प्राप्ति होती है।
उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आप सभी को गणेश चालीसा के महत्व के बारे में, बताया।
गणपति श्री गणेश चालीसा पाठ हिंदी में:-
“सुखा करता जय मोरया, दुख हरता जय मोरया;
कृपा सिन्धु जय मोरया, बूढ़ी विधाता मोरया;
गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ती मोरया!”
गणेश चालीसा के दोहे व सभी 38 चौपाईयां इस प्रकार से हैं:-
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गणेश चालीसा दोहा:
।। दोहा ।।
जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
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गणेश चालीसा चौपाई:
।। चौपाई ।।
जय जय जय गणपति राजू।
मंगल भरण करण शुभ काजू॥
जय गजबदन सदन सुखदाता।
विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥
राजित मणि मुक्तन उर माला।
स्वर्ण मुकुट सिर नयन विशाला॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित।
चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि शिवसुवन षडानन भ्राता।
गौरी ललन विश्व-विधाता॥
ऋद्धि—सिद्धि तव चँवर डुलावे।
मूषक वाहन सोहत द्वारे॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी।
अति शुचि पावन मंगल कारी॥
एक समय गिरिराज कुमारी।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा।
तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रूपा।
अतिथि जानि कै गौरी सुखारी।
बहु विधि सेवा करी तुम्हारी॥
अति प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥
मिलहि पुत्र तुहि बुद्धि विशाला।
बिना गर्भ धारण यहि काला॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना।
पूजित प्रथम रूप भगवाना॥
अस कहि अन्तर्धान रूप ह्वै।
पलना पर बालक स्वरूप ह्वै॥
बनि शिशु रुदन जबहि तुम ठाना।
लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना॥
सकल मगन सुख मंगल गावहिं।
नभ ते सुरन सुमन वर्षावहिं॥
शम्भु उमा बहुदान लुटावहिं।
सुर मुनि जन सुत देखन आवहिं॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा।
देखन भी आए शनि राजा॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं।
बालक देखन चाहत नाहीं॥
गिरजा कछु मन भेद बढ़ायो।
उत्सव मोर न शनि तुहि भायो॥
कहन लगे शनि मन सकुचाई।
का करिहौ शिशु मोहि दिखाई॥
नहिं विश्वास उमा कर भयऊ।
शनि सों बालक देखन कहऊ॥
पड़तहिं शनि दृग कोण प्रकाशा।
बालक शिर उड़ि गयो आकाशा॥
गिरजा गिरीं विकल ह्वै धरणी।
सो दुख दशा गयो नहिं वरणी॥
हाहाकार मच्यो कैलाशा।
शनि कीन्ह्यों लखि सुत को नाशा॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाए।
काटि चक्र सो गज सिर लाए॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो।
प्राण मन्त्र पढ़ शंकर डारयो॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा।
पृथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा॥
चले षडानन भरमि भुलाई।
रची बैठ तुम बुद्धि उपाई॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥
धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई।
शेष सहस मुख सकै न गाई॥
मैं मति हीन मलीन दुखारी।
करहुं कौन बिधि विनय तुम्हारी॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा।
लख प्रयाग ककरा दुर्वासा॥
अब प्रभु दया दीन पर कीजै।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥
।। दोहा ।।
श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान। नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश। पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥
Ganesh Chalisa Lyrics & Ganesh Bhajan in Hindi
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Shri Ganesh Chalisa Doha
Jai Ganapati Sadguna Sadan।
Kavivar Badan Kripaal।।
Vighna Haran Mangal Karan।
Jai Jai Girijaalaal।।
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Ganesh Chalisa Chaupai
Jai Jai Jai Ganapati Ganaraaju।
Mangal Bharana Karana Shubha Kaajuu ।।
Jai Gajbadan Sadan Sukhdaata।
Vishva Vinaayaka Buddhi Vidhaataa ।।
VakraTunda Shuchi Shunda Suhaavana।
Tilaka Tripunda bhaal Man Bhaavan ।।
Raajata Mani Muktana ura maala।
Swarna Mukuta Shira Nayana Vishaalaa ।।
Pustak Paani Kuthaar Trishuulam।
Modaka Bhoga Sugandhit Phuulam ।।
Sundara Piitaambar Tana Saajit।
Charana Paadukaa Muni Man Raajit ।।
Dhani Shiva Suvan Shadaanana Bhraataa।
Gaurii Lalan Vishva-Vikhyaata ।।
Riddhi Siddhi Tav Chanvar Sudhaare।
Mooshaka Vaahan Sohat Dvaare ।।
Kahaun Janma Shubh Kathaa Tumhari।
Ati Shuchi Paavan Mangalkaarii ।।
Ek Samay Giriraaj Kumaarii।
Putra Hetu Tapa Kiinhaa Bhaarii ।।
Bhayo Yagya Jaba Poorana Anupaa।
Taba Pahunchyo Tuma Dhari Dvija Rupaa।।
Atithi Jaani Kay Gaurii Sukhaarii।
Bahu Vidhi Sevaa Karii Tumhaari ।।
Ati Prasanna Hvai Tum Vara Diinhaa।
Maatu Putra Hit Jo Tap Kiinhaa।।
Milhii Putra Tuhi, Buddhi Vishaala।
Binaa Garbha Dhaarana Yahi Kaalaa ।।
Gananaayaka Guna Gyaan Nidhaanaa ।
Puujita Pratham Roop Bhagavaanaa ।।
Asa Kehi Antardhyaana Roop Hvai ।
Palanaa Par Baalak Svaroop Hvai ।।
BaniShishuRudanJabahiTum Thaanaa ।
Lakhi Mukh Sukh Nahin Gauri Samaanaa ।।
Sakal Magan Sukha Mangal Gaavahin ।।
Nabha Te Suran Suman Varshaavahin ।।
Shambhu Umaa Bahudaan Lutaavahin ।
Sura Munijana Suta Dekhan Aavahin ।।
Lakhi Ati Aanand Mangal Saajaa ।
Dekhan Bhii Aaye Shani Raajaa ।।
Nija Avaguna Gani Shani Man Maahiin ।
Baalak Dekhan Chaahat Naahiin ।।
Girijaa Kachhu Man Bheda Badhaayo ।
Utsava Mora Na Shani Tuhi Bhaayo ।।
Kahana Lage Shani Man Sakuchaai।
Kaa Karihau Shishu Mohi Dikhayii ।।
Nahin Vishvaasa Umaa Ura Bhayauu ।
Shani Son Baalak Dekhan Kahyau ।।
Padatahin Shani Drigakona Prakaashaa ।
Baalak Sira Udi Gayo Aakaashaa ।।
Girajaa Girii Vikala Hvai Dharanii ।
So Dukha Dashaa Gayo Nahin Varanii ।।
Haahaakaara Machyo Kailaashaa ।
Shani Kiinhon Lakhi Suta Ko Naashaa ।।
Turat Garuda Chadhi Vishnu Sidhaaye ।
Kaati Chakra So GajaShira Laaye ।।
Baalak Ke Dhada Uupar Dhaarayo ।
Praana Mantra Padhi Shankar Daarayo ।।
Naama’Ganesha’ShambhuTabaKiinhe ।
Pratham Poojya Buddhi Nidhi Vara Diinhe ।।
Buddhi Pariikshaa Jab Shiva Kiinhaa ।
Prithvii Kar Pradakshinaa Liinhaa ।।
Chale Shadaanana Bharami Bhulaai ।
Rache Baithii Tum Buddhi Upaai ।।
Charana Maatu-Pitu Ke Dhara Liinhen ।
Tinake Saat Pradakshina Kiinhen ।।
Dhani Ganesha Kahi Shiva Hiye Harashyo ।
Nabha Te Suran Suman Bahu Barse ।।
Tumharii Mahima Buddhi Badaai ।
Shesha Sahasa Mukha Sake Na Gaai ।।
Main Mati Heen Maliina Dukhaarii ।
Karahun Kaun Vidhi Vinaya Tumhaarii ।।
Bhajata ‘Raamsundara’ Prabhudaasaa ।
Jaga Prayaaga Kakraa Durvaasaa ।।
Ab Prabhu Dayaa Deena Par Keejai ।
Apnii Bhakti Shakti Kuchha Deejai ।।
॥ Doha ॥
Shrii Ganesha Yeh Chaalisaa।
Paatha Karre Dhara Dhyaan।
Nita Nav Mangala Graha Base।।
Lahe Jagat Sanmaana।
Sambandh Apna Sahasra Dash।।
Rishi panchamii dinesha।
Poorana Chaalisaa Bhayo।।
Mangala Moorti Ganesha।।
🙏🙏 Jai Ganesh Jai Ganesh Deva 🙏🙏
आज के इस जीवन में, जहां चारों तरफ समस्यायें और परेशानियां हमारा इंतजार कर रही है हमें, इन समस्याओं वप परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए भगवान श्री. गणेश जी की शरण में, नि-संदेह चाहिए क्योंकि भगवान श्री. गणेश ना केवल हमें, हमारी समस्याओं व परेशानियों से मुक्ति प्रदान करेंगे बल्कि हमें व हमारे पूरे जीवन को सुख-शांति व समृद्धि से परिपूर्ण करेंगे और इसीलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है।
“भगवान गणेश जी आपको खुशियाँ सम्पूर्ण दे,
जो भी भक्ति इनकी करे उसे सुख-सम्पति भरपूर दे।”
अन्त, हमारे सभी पाठक रोजाना व विशेष तौर पर बुधवार को गणेश वंदना कर सकें इसके लिए हमने अपने इस आर्टिकल Ganesh Chalisa LyricsGanesh Chalisa Jaap, Ganesh Chalisa Bhajan, Ganesh Chalisa Aarti, Ganesh Chalisa in Hindi में, आप सभी को विस्तार से गणेश चालीसा पाठ हिंदी व अंग्रेजी दोनो भाषाओँ में, प्रदान की ताकि आप सभी गणेश चालीसा का पाठ कर सकें और अपने जीवन के साथ ही साथ अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को सभी सुख-शांति व समृद्धि से परिपूर्ण करते हुए सबके उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकें और यही हमारा लक्ष्य है।
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