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Teachers Day Speech In Hindi: शिक्षक दिवस पर बेस्ट स्पीच तथा भाषण हिंदी में
प्यारे पाठको , हमें अपने जीवन में हमेशा ही सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए , हमें सदैव ही अपने मन में दया का भावना रखनी चाहिए तथा दुसरो की सहायता करनी चाहिए । अब आपको लग रहा होगा की हम ये बाते यहा क्यों कर रहे है , क्योकि यही वो सभी बाते है जो एक अच्छा शिक्षक हमें अपने जीवन में सिखाता है।
जिससे हम अपने जीवन में आगे बढ़ते है और एक सम्पूर्ण और कृतज्ञ व्यक्ति बनते है , हमारे जीवन में एक अच्छे शिक्षक का होना क्यों जरूरी है इस बात का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है की जब किसी व्यक्ति को उसके जीवन में सही शिक्षा नही मिलती है तब वो अपने जीवन में भटक जाता है और वह व्यक्ति उन गलत रास्तो पर चलने लगता है। वही यदि किसी व्यक्ति को अपने जीवन में अच्छे शिक्षक से शिक्षा प्राप्त होती है ।
तब वह व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा ही आगे बढ़ता है और समाज का कल्याण करता है , इसलिए अब तो आप भी जान ही गये होंगे की हमें अपने जीवन में एक अच्छे और सही मार्ग प्रशस्त करने वाले शिक्षक का कितना अधिक महत्त्व होता है । इस आर्टिकल में हम जानेंगे की शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है ? और साथ ही साथ शिक्षक दिवस पर बेस्ट स्पीच भी लिखेंगे।
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है ?
हमारे देश में प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है , शिक्षक दिवस का यह ख़ास दिन उन सभी लोगो के प्रति अपना प्यार और स्नेह प्रकट करने का दिन होता है। जिसने आपने अपने जीवन में बहुत कुछ सीखा है और अपने जीवन में उन्ही सीखो को अप्लाई करते हुए आगे बढ़ रहे है । दरअसल वो व्यक्ति और कोई नही होते है , बल्कि हमारे Teachers ही होते है ।
जो हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही मार्ग प्रशस्त करते है। दरअसल भारत में Teachers Day मनाने की शुरुआत साल 1962 में हुई थी। क्योकि इसके पीछे एक ख़ास वजह है , हमारे देश के पूर्व उप – राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण भारतीय शिक्षक और फिलोसोफर भी थे।उनके राजनीति में आने से पहले उन्होंने 40 सालो तक एक शिक्षक के रूप में कार्य किया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में भी प्रोफ़ेसर रह चुके है , डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने भारत को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने में बहुत योगदान दिया है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण जी का जन्म 5 सिम्बर 1888 तमिलनाडु में हुआ था। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण का मानना की शिक्षा ही वो तरीका है जिसका उपयोग करते हुए किसी भी व्यक्ति के दिमाग का सदुपयोग किया जा सकता है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण के जन्मदिन के दिन Teachers Day इसलिए मनाया जाता है , क्योकि जब ये 1962 में भारत के प्रेसिडेंट थे। तब इनके दोस्तों और स्टूडेंट्स ने इनका जन्मदिन मनाने की मनाने की अनुमति मांगी। इसपर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण जी ने कहा की मेरे जन्मदिन पर सिर्फ मेरे लिए जश्न नही होना चाहिए बल्कि वो सभी शिक्षक जो देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दे रहे है। उनके लिए भी कुछ होगा तब मुझे बहुत ख़ुशी होगी। तब से ही प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर के दिन शिक्षक दिवस ( Teachers Day) मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस पर बेस्ट स्पीच तथा भाषण हिंदी: Teachers Day Best Speech In Hindi
यहा उपस्थित सभी गुरुजनों और मेरे साथ पढने वाले मेरे प्यारे सथित्यो को मेरा स्नेह भरा नमस्कार ।आज 5 सितम्बर का वो दिन है। जब हम सभी अपने गुरुजनों के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए उनका आभार प्रकट करते है। हम सभी आज यहा अपने गुरुजनों के साथ शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर एकत्रित हुए है।सर्वप्रथम यहा उपस्थित प्यारे सहपाठियों तथा गुरुजनों ( शिक्षको ) और शिक्षिकाओ को शिक्षक दिवस की हार्दिक – हार्दिक शुभकामनाये। में आज आप सभी का आभारी हूँ जो आपने मुझे शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर मेरे विचार प्रकट करने का अवसर प्रदान किया।
शिक्षक दिवस को हम सभी प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को मनाते है , शिक्षक दिवस के दिन हम सभी अपने गुरुजनों से अपने जीवन को सफल बनाने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते है। इस दिन को हम सभी शिक्षक दिवस के रूप में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण जो को याद करते हुए मनाते है , उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिया गया योगदान अविस्मरनीय है।
उन्होंने आपने जीवन के मूल्यवान 40 वर्ष सिर्फ भारत को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढाने में लगा दिए। सही मायनों में कहा जाए तो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण जी ने अपने देश तथा शिक्षा के प्रति दायित्वों को पूरी इमानदारी से पूरा किया है। भले ही वो देश के पूर्व उप – राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत रहे हो। लेकिन उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जिस लगन और नियत से जितना भी योगदान दिया है ,वो योगदान देश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए काफी था। यही कारण है की आज 5 सितम्बर के दिन डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृषण के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है।
हम इस दिन डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृषण द्वारा शिक्षा के प्रति निस्वार्थ भाव से किये गये कार्यो के लिए उनका आभार प्रकट करते है। साथ ही साथ हम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृषण की भांति वर्तमान में देश को शिक्षा दे रहे उन लांखो शिक्षको के प्रति भी गहरा आभार प्रकट करते है।
जो पूरी इमानदारी से देश के भविष्य ( बच्चो ) को शिक्षित कर रहे है। भले ही हमारे माता – पिता हमें जन्म देकर इस दुनिया में लाते है , लेकिन एक सच्चा शिक्षक तो हमें पूरे जीवन सही – गलत का फर्क समझाता है। यदि एक शिक्षक अपने कर्तव्यो को सही से न निभाए तो देश के भविष्य को अन्धकार में जाने में तनिक भी देर नही लगेगी।
इसीलिए किसी भी बालक के जीवन माता – पिता के बाद का स्थान एक शिक्षक का ही तो होता है , एक शिक्षक ही होता है जो एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करता है। अपने गुरु ( शिक्षक ) की गुरु दक्षिणा देने का हमारे पास केवल एक यही तरीका है। की हम उनके द्वारा बताये गये सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलते हुए एक समझदार और सफल व्यक्ति बने।
जो की देश तथा समाज के प्रति अपने कर्तव्यो को जाने और उन्हें इमानदारी के साथ पूरा भी करे। यही तो होती एक शिक्षक और गुरु की गुरु दक्षिणा , फिर भी हम आज 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के दिन उन सभी शिक्षको का दिल की गहराईयों से आभार प्रकट करते है। जो समाज और देश को निस्वार्थ भाव से शिक्षा प्रदान करते है ,ताकि आगे चलकर उनका समाज तथा देश एक शिक्षित समाज और देश के रूप में जाना जा सके।
इस मुश्किल और अत्यंत कठिनाइयों भरे जीवन को बगैर शिक्षा के चलाना संभव ही नही है। जिस प्रकार से हमारे शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए अच्छे और पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार हमारे जीवन में आने वाली मुश्किलों से आगे बढ़ने के लिए सही शिक्षा का होना अति – आवश्यक हो जाता है।
भले ही कक्षा में बहुत से छात्र होते है , लेकिन एक सच्चा शिक्षक सभी को समान समझते हुए निस्वार्थ भाव से सभी को समान शिक्षा प्रदान करता है। एक सच्चे शिक्षक की यही तो महानता होती है की वो प्रत्येक छात्र को अपना बालक समझकर शिक्षा देते है। ताकि वो जीवन में सही – गलत में चुनाव कर सके और आगे चलकर देश के विकास में सहायक बने। शिक्षक हमारे मन के भीतर छुपी बुराई तथा भेदभाव की जगह अच्छाई और सच्चाई के बीजो को डालता है और हमें एक बेहतर इंसान बनने में सहायता करता है।
शिक्षको के हमारे जीवन में मूल्यवान योगदान को देने के लिए सदैव ही हमारे गुरुजनों और शिक्षको का आदर सत्कार करना चाहिए। जिस प्रकार से एक शिक्षक बगैर किसी रिश्ते के हमें निस्वार्थ रूप से शिक्षा प्रदान करता है उसी प्रकार से हमें भी सभी शिक्षको का दिल से सम्मान करना चाहिए तथा उनके योगदान के लिए हमें जीवन भर उनके आभारी रहना चाहिए।
संस्कृत भाषा के महान कवि कबीरदास जी ने भी कहा है की यदि मुझे भगवान् और शिक्षक के चरण स्पर्श करने के लिए कहा जाये तब में बगैर किसी विचार के शिक्षक के चरण स्पर्श सबसे पहले करूँगा। इस बात से ही आप कल्पना कर सकते है की एक शिक्षक का स्थान भगवान् से भी उपर होता है।
आप सभी गुरुजनों तथा मेरे प्यारे सहपाठियों को 5 सितम्बर के दिन शिक्षक दिवस ही हार्दिक शुभकामनाये। मुझे उम्मीद ही नही पूरा विश्वास भी है की आपको शिक्षक दिवस पर मेरी स्पीच और शिक्षक दिवस पर विचार अवश्य ही पसंद आये होगे।
गुरु ही तो है जिन्होंने हमारी अज्ञानता को दूर करके हमारे भीतर ज्ञान की ज्योति जलाई है। गुरु के चरणों में रहकर ही तो हमने सच्ची शिक्षा पायी है। जब भी हम गलत राह पर भटकने लगे हमारी उंगली पकड़कर गुरु ने ही तो हमें सही राह दिखाई है। इन्ही पंक्तियों के साथ आप सभी को एक बार फिर से शिक्षक दिवस ( Teacher’s Day ) की हार्दिक शुभकामनाये।
निष्कर्ष –
आपको भी पता ही होगा की प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है , हमारे जीवन में एक सही शिक्षक की क्या भूमिका होती है। इस बात से तो कोई भी व्यक्ति अछुता नही है , ये वो दिन होता है जब आप उन महान लोगो के लिए अपना प्यार और सम्मान प्रकट करते ही। जिनसे आपने जीवन में कुछ न कुछ ख़ास जीवन की सीख सीखने को मिली होती है।
आप जिनके लिए अपना सम्मान प्रकट करते है वो आपके गुरुजन हो सकते है या फिर आपके स्कूल के शिक्षक हो सकते है। लेकिन सभी के लिए 5 सितम्बर ( शिक्षक दिवस ) कृतज्ञता की भावना समान रहती है। हम आशा करते है की आप भी अपने गुरुजनों और शिक्षको के प्रति शिक्षक दिवस के दिन आभार अवश्य प्रकट करेंगे। उम्मीद करते है की आपको हमारा ये प्रयास शिक्षक दिवस पर भाषण तथा शिक्षक दिवस पर बेस्ट स्पीच अवश्य ही पसंद आयी होगी।
गुरु पर श्लोक –
” गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरा
गुरुर्साक्षात परब्रम्हा, तस्मै श्री गुरवे नमः “
शिक्षक दिवस पर सुन्दर कविता :
- अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योति जलाई है ,
- गुरु के चरणों में रहकर ही तो हमने शिक्षा पायी है ,
- गलत राह पर हम जब भी भटके है , हमारी उंगली पकड़कर
- हमारे गुरु ने ही तो हमें जीवन में सही राह दिखाई है।
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