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Teacher Day Essay in Hindi: शिक्षक दिवस पर निबंध हिन्दी मे..!
भारत, इतिहास की शुरुआत से ही “विश्वगुरु’’ रहा है और इतिहास इस बात का गवाह है कि, विदेशो सें विद्यार्थी हमारे यहां पर शिक्षा प्राप्ति के लिए आते रहे हैं और आते रहेंगे। इसलिए शिक्षक दिवस का महत्व, भारतवर्ष से बेहतर और कौन जान सकता है और इस पर केंद्रित होगा हमारा आर्टिकल जिसमें हम, आप सभी को Teacher Day शिक्षक दिवस पर निबंध विस्तार से प्रदान करेंगे।
शिक्षक की गोद में, विकास और विनाश दोनो खेलते है इसलिए एक शिक्षक को वास्तविक मायनों में, समाज व राष्ट्र का शिल्पकार और भविष्य का निर्माता माना जाता है और यही वजह है कि, पूरे भारतवर्ष सहित विश्व में, शिक्षकों का अपना ही एक महत्व व प्रासंगिकता होती है जिसे हम, Teacher Day पर निबंध में, उजागर करने का पूरा प्रयास करेंगे।
“गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥”
प्रस्तावना:
Teacher Day Nibandh में हम, आपको बता दें कि, गुरु-शिष्य की परम्परा का पालन करते हुए पूरे भारतवर्ष में, 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के तौर पर बड़े ही उत्साह, हर्षो-उल्लास और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है समाज के साथ ही साथ पूरे राष्ट्र का सतत व सर्वांगिन विकास हो सकें जिसे हम, अपने Essay on Teacher Day in Hindi, शिक्षक दिवस पर निबंध प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगे ताकि भारतवर्ष में, गुरु-शिष्य की परम्परा को ना केवल जीवित रखा जा सकें बल्कि इस परम्परा को अनन्तकाल तक बढ़ाया जा सकें।
Teacher Day कब मनाया जाता है?
“साक्षर हमें बनाते है, जीवन क्या है समझाते है। जब गिरते है हम हारकर तो वही साहस बढ़ाते है, ऐसे महान व्यक्ति ही तो शिक्षक-गुरु कहलाते है।।”
Essay on Teacher Day को समर्पित हमारा ये पूरा आर्टिकल हमारे सभी विद्यार्थियों को समर्पित है जिसके तहत हम, आप सभी को कुछ बिंदुओँ की मदद से बतायेंगे कि, शिक्षक दिवस कब और किसकी याद मे मनाया जाता है?
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शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
वैसे तो आप सभी अच्छे से जानते है कि, लेकिन फिर भी सामान्य ज्ञान के लिए हम, अपने सभी विद्यार्थियों सहित पाठको को बता दे कि, विश्वगुरु कहे जाने वाले शिक्षा की इस गौरवपूर्ण धरती पर प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को बड़े ही धूम-धाम, हर्षो-उल्लास और उत्साह के साथ शिक्षक मनाया जाता है।
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शिक्षक दिवस किसकी याद मे मनाया जाता है?
हमारे अनेको विद्यार्थी ये तो जानते है कि, शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है लेकिन हमारे कई विद्यार्थी ऐसे है जिन्हें ये नहीं पता होता है कि, शिक्षक दिवस किसकी याद में, मनाया जाता है?
Teacher day पर निबंध हिन्दी मे, हम, अपने विद्यार्थियों की इसी अज्ञानता को दूर करने के लिए आपको बता दें कि, प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति व पूर्व राष्ट्रपति रह चुके श्री. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के शुभ-अवसर पर मनाया जाता है।
अन्त, उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से बताया कि, भारतवर्ष में, शिक्षक दिवस कब और किसकी याद में, मनाया जाता है।
अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
“जो बनाये हमे इंसान, और दे सही गलत की पहचान।
देश के उन निर्माताओं को, हम करते है शत शत प्रणाम।।”
पूरे भारतवर्ष में, जहां 5 सितम्बर के दिन धूम-धान से शिक्षक दिवस का उत्सव मनाया जाता है वहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षको को सम्मानित करने और उनके महत्व को उजागर करने के हेतु प्रति वर्ष 5 अक्टूबर को मनाया जाता है जिसकी आधिकारीक घोषणा 5 अक्टूबर, 1966 को पेरिस में, संयुक्त राष्ट्र के अंग, “यूनेस्को’’ द्धारा की गई थी।
Teacher Day क्यों मनाया जाता है?
“गुरु की ऊर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार।
गुरु की महिला से बड़ा, नहीं कहीं आकार।।
गुरु का सदसान्निध्य ही, जग में है उपहार।
प्रस्तर को क्षण क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।।”
शिक्षक समाज के सबसे पहले और निर्णायक निर्माता होते है और इसीलिए कहा जाता है कि, एक शिक्षक की गोद में, विकास और विनाश दोनो खेलते है क्योंकि समाज का उत्थान और पथन शिक्षको पर ही निर्भर होता है और इसी तथ्य को Teachers Day Essay for Students, दर्शाते हुए हम, कुछ बिंदुओँ की मदद से मौलिक कारणों पर प्रकाश डालेंगे जिसकी वजह से पूरे भारतवर्ष में, धूम-धाम के साथ शिक्षक दिवस मनाया जाता है जो कि, इस प्रकार से हैं-
1. राष्ट्र निर्माण में, राधाकृष्णन के अतुलनीय योगदान को अनन्तकाल तक जीवित रखने हेतु:
सबसे पहले हम, अपने सभी विद्यार्थियों को बता दे कि, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति व पूर्व राष्ट्रपति रह चुके है जिनका जन्म 5 सितम्बर, 1888 को हुआ था।
राधाकृष्णन जन्म से ही महान राजनेता, एक सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद् और दार्शनिकों की प्रतिभा से सम्पन्न थे जिसके फलस्वरुप उन्होने अपने अधिकांश जीवन को शिक्षा व शिक्षकों के महत्व को स्थापित करने हेतु समर्पित कर दिया।
राधाकृष्णन जी ने, एक राजनेता के तौर पर जिस प्रकार समाज व राष्ट्र के सतत विकास के लिए खुद को पूरी तरह के झौंक दिया ठीक उसी प्रकार इन्होंने खुद को भारत के शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए भी पूरी तरह से समर्पित कर दिया था और राष्ट्र निर्माण में, उनके इसी अतुलनीय योगदान को अनन्तकाल तक जीवित रखने के लिए भारत सरकार द्धारा उनके जन्मदिवस अर्थात् 5 सितम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षत दिवस मनाने का आधिकारीक निर्णय जारी कर दिया गया।
2. राधाकृष्णन जी द्धारा राष्ट्र निर्माण में, किये गये अतुलनीय कार्य:
- उन्होंने भारत के पहले उपराष्ट्रपति के तौर पर देश की सेवा की,
- बाद में, भारत के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भारत के सतत व सर्वांगिन विकास के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया,
- उन्होने अपने जीवन के बहुमूल्य 40 वर्षो तक भारत के शैक्षणिक सशक्तिकरण को समर्पित किया,
- उन्होंने अनेको विश्वविघालयों में कार्य किया जैसे कि-ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी और मैसूर यूनिवर्सिटी में, शिक्षक के तौर पर राष्ट्र निर्माण का कार्य किया आदि।
और अन्त में, 5 सितम्बर, 1962 को पूरे भारतवर्ष में, बड़े ही धूम-धाम और हर्षो-उल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया गया।
3. गुरु-शिष्य की परम्परा को अनन्तकाल तक जीवित रखने के लिए:
भारत में, शिक्षक दिवस को मनाना कोई मजबूरी नहीं है बल्कि यह एक उत्सव है जिसे हमारे विद्यार्थी बडे ही स्नेह-भाव से अपने शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता को व्यक्त करने के लिए मनाते है जिसके फलस्वरुप पूरे भारतवर्ष में, एक स्वस्थ गुरु-शिष्य परम्परा का उदय होता है जिसे अनन्तकाल तक जीवित रखने के लिए ही पूरे भारतवर्ष में, बड़े ही धूम-धाम के साथ 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
4. समाज में, शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए:
भारत में, शिक्षक दिवस को मनाने का एक अन्य मौलिक कारण भी है कि, शिक्षक दिवस की मदद से ना केवल भारतवर्ष में, शिक्षा की एक नई अखंड लौ प्रज्ज्वलित की जा सकें बल्कि भारत में, स्थायी रुप से शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया जा सकें ताकि एक शिक्षित राष्ट्र का निर्माण हो सकें।
5. भारत को एक शिक्षित राष्ट्र के तौर पर निर्मित करने हेतु:
आप सभी जानते है कि, विश्वगुरु कहे जाने वाले हमारे इस भारतवर्ष को अनपढ़-गवारों व सपेरो का देश कहा जाता था लेकिन इसके बावजूद भी हमारा भारतवर्ष ना केवल अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर विश्वगुरु बनकर उभरा बल्कि पूरे विश्व को ज्ञान का मार्ग बताया।
अन्त, भारतवर्ष को सतत तौर पर शिक्षित करने के लिए भी राष्ट्रीय स्तर पर 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
6. भारत को, महाशक्ति के तौर पर स्थापित करने के लिए:
भले ही हम, विश्वगुरु रहें हो लेकिन वर्तमान संदर्भ में, हम, एक विकासशील देश कहलाते है और महाशक्ति बनने की राह पर अग्रसर है और इस राह को आसान बनाने के लिए पूरे भारतवर्ष में शिक्षक दिवस मनाया जाता है ताकि ना केवल भारतवर्ष, शिक्षित भारत बन सकें बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक महाशक्ति के रुप में उभर सकें।
उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आपको बताया कि, भारत में, शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते है कि, शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?
“आपसे ही सीखा, आपसे से ही जाना।
आप ही को हमने गुरु है माना।।
सीखा है सबकुछ आपसे हमने।
कलम का मतलब आपसे है जाना।।”
Teacher day Essay in Hindi मे, हम, विशेषतौर पर अपने सभी विद्यार्थियों व पाठको को कुछ बिंदुओं की मदद से बतायेगे कि, पूरे भारतवर्ष में, शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?
- पूरे भारतवर्ष में, प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को धूम-धाम व हर्षो-उल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
- इस दिन सभी शिक्षण संस्थानों में, शिक्षको के अतुलनीय महत्व को दर्शाने हेतु शिक्षक केंद्रित रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं।
- शिक्षकों को विशेष होने का अहसास करवाया जाता है।
- उन्हें समाज व राष्ट्र निर्माणा कहकर संबोधित किया जाता है।
- शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस के अवसर पर अनेको प्रकार के विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि वे बड़े पैमाने पर विद्यार्थियों के साथ संचार कर सकें।
- शिक्षक दिवस के मौके पर अनेको विद्यार्थी बड़े पैमाने पर अपने शिक्षको को उपहार भेंट करते है।
- साथ ही साथ शिक्षकों अमूल्य योगदान के लिए उन्हें हार्दिक धन्यवाद कहते है।
उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने अपने सभी पाठको व विद्यार्थियों को बताया कि, पूरे भारतवर्ष में, कैसे शिक्षक दिवस मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते है कि, शिक्षक दिवस का महत्व क्या होता है?
शिक्षक दिवस का महत्व क्या होता है?
“क्या दूं गुरु-दक्षिणा, मन ही मन मैं सोचूं।
चुका ना पाऊं ऋण मैं तेरा, अगर जीवन भी अपना दे दूं।।”
शिक्षक दिवस के महत्व को एक वाक्य में, व्यक्त नहीं किया जा सकता है और इसीलिए हम, अपने सभी पाठको व विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस के महत्व से परिचित करवाने के लिए कुछ बिंदुओं की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं:–
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विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस का क्या महत्व है?
शिक्षक दिवस का वास्तविक महत्व, हमारे विद्यार्थियों के लिए ही होता है क्योंकि शिक्षको का अस्तित्व ही विद्यार्थियों से होता है इसलिए हम, कह सकते है कि, एक विद्यार्थी को ना केवल शिक्षा प्रदान करने में, बल्कि उसके पूरे जीवन की रुपरेखा तैयार करने और उज्जवल भविष्य की प्राप्ति हेतु पथ-प्रदर्शक के तौर पर शिक्षक दिवस का महत्व अतुलनीय माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि, विद्यार्थी व शिक्षक एक-दूसरे के पूरक होते है अर्थात् एक-दूसरे के बिना अधूरे होते है और इन्हीं के सार्थक मेल के एक शिक्षित समाज, संस्कृति-सभ्यता व एक शिक्षित राष्ट्र का जन्म होता है इस प्रकार विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस का महत्व वहीं होता है जो कि, मछली के लिए पानी का, पंक्षी के लिए वायु का और जीवन के लिए सांस का होता है।
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समाज के लिए शिक्षक दिवस का क्या महत्व होता है?
शिक्षकों को लेकर आमतौर पर संकुचित धारणा देखने के मिलती है जिसके तहत उन्हें केवल विद्यार्थियों को पढ़ाने तक ही सीमित मान लिया जाता है तो एक समाज व राष्ट्र के तौर पर सबसे बड़ी भूल होती है और इसीलिए हम, शुरु से कहते है कि, विकास व विनाश दोनो एक शिक्षक की गोद में, खेलते है।
इसलिए शिक्षकों का महत्व केवल विद्यार्थियों के लिए नहीं होता है बल्कि समाज के लिए भी होता है क्योंकि वास्तविक सूरतो में, शिक्षक ही समाज के निर्माता और पथ-प्रदर्शक होते है क्योंकि शिक्षक ही समाज के अच्छा-बुरा, अंधविश्वास और अन्य प्रकार की कुरीतियों से मुक्ति देकर उन्हें मानवधर्म को समर्पित करते है जिससे ना केवल उनके समाज का बल्कि उनके राष्ट्र का भी विकास होता है।
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सभ्यता व संस्कृति के लिए शिक्षक दिवस का क्या महत्व है?
हम, वास्तविक मायनो में, भाग्यशाली है क्योंकि हमारा भारतवर्ष एक सभ्यता व संस्कृति के दृष्टि से बेहद सम्पन्न माना जाता है जिसका पूरा श्रेय हमारे शिक्षकों को जाता है जो कि, ना केवल शिक्षा के प्रचार-प्रसार से हमें, शिक्षित बनाते है बल्कि हमारी सभ्यता व संस्कृति को एक नया रुप और नया जीवन प्रदान करते है इसी वजह से सभ्यता व संस्कृति के लिए भी शिक्षक दिवस का महत्व अमूल्य माना जाता है।
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मानव-सेवा के लिए शिक्षक दिवस का क्या महत्व होता है?
नर सेवा-नारायण सेवा के मौलिक सिद्धान्त पर कार्य करने वाला प्रथम व्यक्ति एक शिक्षक ही होता है क्योंकि वह शिक्षा का संचार करके मानव-विकास की राह का निर्माण करता है और इस राह का मूल लक्ष्य होता है मानव-सेवा जिसकी प्राप्ति के लिए एक शिक्षक अपना सर्वस्व समर्पित कर देता है ताकि मानवों में, मानव-सेवा का भाव सतत तौर पर जागृत किया जा सकें।
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राष्ट्र निर्माण में, शिक्षक दिवस का क्या महत्व है?
अन्त में, Essay on Teacher Day को केंद्रित अपने इस आर्टिकल में, हम, अपने विद्यार्थियों व पाठको को बता दें कि, शिक्षक दिवस का सर्वाधिक महत्व, राष्ट्र निर्माण के लिए होता है क्योंकि राष्ट्र निर्जीव वस्तुओं या फिर विनाशकारी हथियारों से नहीं बनता है बल्कि विवेकशील मानव से बनता है और इसी विवेकशील मानव के निर्माण का मूल कार्य शिक्षको द्धारा सम्पन्न किया जाता है जिसका अन्तिम रुप हमें, राष्ट्र निर्माण के रुप में देखने को मिलता है।
अन्त, उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने अपन सभी पाठको व विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस के महत्व के बारे में, बताया लेकिन क्या आप जानते है कि, अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
उपसंहार:
शिक्षक दिवस को समर्पित अपने इस आर्टिकल में, हमने अपने सभी विद्यार्थियों के प्रिय त्यौहार अर्थात् शिक्षक दिवस की जानकारी Teacher day Essay अर्थात् Teacher day Nibandh, शिक्षक दिवस निबंध के रुप में, प्रस्तुत किया ताकि आप भी अपने शिक्षको के महत्व को समझ सकें और अपने शिक्षको का आदर-सम्मान करते हुए उनके मार्ग-दर्शन पर चलकर अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें और यही हमारे इस आर्टिकल का मौलिक व प्राथमिक लक्ष्य है।
“शांति का पाठ पढ़ाया, अज्ञानता का मिटाया अंधकार।
गुरु ने सिखाया हमें, नफरत पर विजय है प्यार।।”
अन्त, हमें पूरी उम्मीद है कि, Teacher day Essay in Hindi को समर्पित हमारा ये आर्टिकल आप सभी को पसंद आया होगा व आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए मूल्यवान सिद्ध हुई होगी जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि अपने विचार व सुझाव भी हमें, कमेंट करके बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।
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