Shayari
तारीफ शायरी: Tareef Shayari In Hindi for Friend, Girl, Beauty & Whatsapp Status
क्या कोई ऐसा हो सकता है जिसे तारिफ़ पसंद ना हो, नहीं ना क्योंकि तारिफ़ किसी के दिल में, हमारे लिए वो अहसास, ख्यालात और जज्बात होते है जो कि, दिल की गर्माहट से पक कर और शब्दों की माला में गुंथकर लबों पर आ जाती है और लज़ाती आंखो से तारिफ़ की वो माला हमें, पहना दी जाती है और हम, अपनी ही नज़रो में सबसे अलबेले, अनोखे, दिलदार, दलबर और आशिक नज़र आते है।
अन्त, इसीलिए हम, अपने इस तारिफ़ शायरी आर्टिकल को अपने सभी पाठकों की नज़र करते है ताकि वो भी तारिफ़ की तासीर प्राप्त कर सकें और खुलकर अपनी, अपनो और दूसरों की तारिफ़ कर सकें ताकि दिलों को जिंदा किया जा सकें, अहसासों को संवारा जा सकें और रुह की पुकार को ख्यालातो की आवाज़ बनाई जा सकें और यही हमारा लक्ष्य है।
तारिफ़ क्या होती है?
जब हम, किसी के मुंह से अपनी तारिफ़ सुनते है या फिर किसी कि, तारिफ़ करते है तो फूले नहीं समाते है और खुद को गौरवान्वित महसूस करते है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि, ये तारिफ़ क्या होती हैं? यदि आपको नहीं पता है तो हम, अपने इस आर्टिकल Tareef Shayari In Hindi तथा तारीफ शायरी में, आपको बतायेंगे कि, तारिफ़ क्या होती है?
तारिफ़, एक दिल से दूसरे दिल के लिए निकली हुई दुआ हैं, नज़रो से नज़रो का मिलन है, अहसासों का इज़हार है, शब्दों की बहार है, रुहों का रुबाब है, आंखों का शबाब है और साथ ही जिंदादिली की पहचान है क्योंकि किसी कि, तारिफ़ केवल एक जिंदादिल इंसान ही कर सकता है क्योंकि किसी की तारिफ़ करके हम, उसे उपने बड़ा बनाते है अर्थात् बड़ा औहदा प्रदान करते है और ये दिल-विजयी नामक दुष्कर कार्य केवल सादगी भरी आवारगी की सड़क पर खड़ा एक जिंदादिल इंसान ही कर सकता है जिसे हम, तारिफ़ कहते है।
तारिफ़ शायरी कितने प्रकार की होती है?
जितने प्रकार के लोग होते है उनते ही प्रकार की तारिफ़ शायरी होती है जिसे हम, कुछ शब्दो या बिंदुओं में, समेट नहीं सकते है और इसीलिए हम, यहां पर तारिफ़ के कुछ प्रकारों को बिंदुओँ के रुप में, प्रस्तुत करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं:–
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अहसासों, ख्यालातों और जज्बातों की जुबां होती है तारिफ़
सरल और सहज शब्दो में, कहा जाये तो तारिफ़ कुछ और नहीं बल्कि अहसासों, ख्यालातों औऱ ज्जबातों की जुबां होती है जो कि, सीधा एक दिल के निकल दूसरे दिल पर दस्तक देती है और इस दिल को खुशियों, हर्षो-उल्लास और बसंती छटा रुपी दिलकश मौसम की सौगात देती है।
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किसी के कठिन – अथक परिश्रम को सम्मानित करती है तारिफ़
वहीं दूसरी तरफ तारिफ़ वो ज़रिया भी होती है जिसकी मदद से हम, किसी के कठिन-अथक परिश्रम को सम्मानित करके पुरस्कृत करते है ताकि उनके परिश्रम और लगन को एक अस्तित्व प्रदान किया जा सकें।
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प्रेरणा व प्रोत्साहन होती है तारिफ़
हम, आपको बता दें कि, तारिफ़ प्रेरणा व प्रोत्साहन भी होती है जिसकी मदद से हम, किसी भी व्यक्ति के भीतर छुपी क्षमताओं और सामर्थताओं को उजागर करते है जिससे बड़े – बड़े कामों को पूर्ण सहजता के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जा सकता है।
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मान व स्वाभिमान है तारिफ़
मान व स्वाभिमान को भी तारिफ़ कहा जाता है क्योंकि जब हम, किसी की तारिफ़ करते है तो यही तारिफ़ उनका मान व स्वाभिमान बन जाता है जिसकी रक्षा वे हर कीमत पर करते है और इस प्रकार एक इंसानी व्यक्तित्व बन जाता है।
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दिलों की पुकार है तारिफ़
तारिफ़, एक दिल से दूसरे दिल को पुकारी गई एक मधुर पुकार है जिसे दिलों की पुकार कहा जाता है क्योंकि तारिफ़ वो राह होती है जिससे गुज़र कर हम, किसी के भी दिल में, दाखिल हो जाते है और उसे अपना बना लेते है।
Tareef Shayari: तारिफ़ शायरी का महत्व क्या होता है?
आइए अब हम, आपको तारिफ़ शायरी के महत्वों को कुछ बिंदुओँ की मदद से प्रस्तुत करें जो कि, इस प्रकार से हैं-
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तारिफ़, दिली जज्बातों का इज़हार करती है
तारिफ़ का सबसे बड़ा महत्व तो यही है कि, तारिफ़ असल मायनो में, हमारे भीतर कैद दिली जज्बातों का इज़हार करती है अर्थात् किसी के प्रति हमारे अहसासों, ख्यालातों और जज्बातों को अभिव्यक्त करने का एक ज़रिया प्रदान करती है और इसीलिए इसे सर्वाधिक मात्रा में, पसंद किया जाता है।
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तारिफ़, आगे बढ़ने की राह होती है
हम, आपको बता दें कि, तारिफ़ को आगे बढ़ने की राह भी कहा जाता है क्योंकि तारिफ़ के द्धारा हम, किसी के भीतर आत्मविश्वास और आन्तरिक ऊर्जा को जागृत करते है जिसके बाद एक सामान्य मानव, महामानव बन जाता है और अपने सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन से सभी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है और इसीलिए, तारिफ़ को आगे बढ़ने की राह कहा जाता है।
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तारिफ़, अथक प्रयासों को पुरस्कृत करती है
हम, जीवन में, चाहें जो किरदार निभा रहे हो उस किरदार में, हमारे द्धारा अदा किये गये अथक प्रयासों को तारिफ़ के द्धारा ही पुरस्कृत और सम्मानित किया जाता है जिससे ना केवल उन्हें प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त होती है बल्कि साथ ही साथ उनकी आन्तरिक इच्छाशक्ति को भी नई पहचान प्रदान करती है।
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तारिफ़, माहौल को खुशहाल बनाती है
जहां कहीं भी लोग खुल कर एक-दूसरे की तारिफ़ करते है वहां पर आपको शर्तियां तौर पर खुशहाल माहौल मिलेगा क्योंकि वहीं पर तारिफ़ की शक्ल में, जिंदादिलों का वास होता है और उन्हीं जिंदादिलों का इज़हार ही, तारिफ़ होता है आदि। उपरोक्त बिदुओँ की मदद से हमने आपको तारिफ़ शायरी के महत्व के बारे में, बताया।
Best Tareef Shayari & Shayari On Beauty
“कुछ आपका अंदाज़ है.. कुछ मौसम भी रंगीन है… तारीफ करूँ या चुप रहूँ.. जुर्म दोनों ही संगीन है।”
“संभाल के रखना अपनी पीठ को यारो,
शाबाशी और खंजर दोनो वहीं पर मिलते है।”
“जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये।”
“इतना खूबसूरत कैसे मुस्कुरा लेते हो.. इतना क़ातिल कैसे शरमा लेते हो
पता भी नही चलने देते हो और कितनी आसानी से जान ले लेते हो।”
“खुश होना है तो तारीफ सुनिए और बेहतर होना है तो निंदा।”
“आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,
सिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए।”
“गलतिया भी होगी और आपको गलत भी समझा जाएगा ये जिंदगी है मेरे दोस्त सम्हल कर रहना यहाँ अपनो के बीच तुमको तारीफे कर कर के हर लम्हे परखा जाएगा।”
“इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।”
“तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया।”
“क्या लिखूँ आपकी तारीफ में …
अल्फाज ही खत्म हो गये आपकी मासूमियत देखकर।”
“देख कर तुमको यकीं होता है, कोई इतना भी हसीं होता है, देख पाते है कहाँ हम तुमको, दिल कहीं, होश कहीं होता है।”
“कातिल तेरी अदाओं ने लूटा है, मुझे तेरी वफाओं ने लूटा है,
शौंक नहीं था मुझे मर मिटने का, मुझे तो आपकी इन्ही निगाहों ने लूटा है।”
“नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं, कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखें सना है, वो आँखों से अपना बना लेते है।”
“उसने होठों से छू कर दरिया का पानी गुलाबी कर दिया,
हमारी तो बात और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया।”
“तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है, जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है, चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।”
Khubsurati Ki Treef Shayari: ख़ूबसूरती की तारीफ शायरी
“दुनिया के मालिक एक एहसान कर,
जो परेशान है उसे और न परेशान कर।”
“कुछ फिजायें रंगीन हैं, कुछ आप हसीन हैं,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।”
“आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं,
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।”
“कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,
चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं।”
“दुनिया को अच्छा-बुरा बताने वाले,
ये बदलती रहती है तू इतना जान ले।”
“कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी, बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए, अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।”
“हटा के जुल्फ़ चहरे से, न तुम छत पर शाम को जाना,
कहीं कोई ईद ना करले सनम, अभी रमज़ान बांकी है।”
“ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,
तन्हाई मैं खुद अपनी तस्वीर न देखा कर।”
“वो निगाहों से यूँ शरारत करते हैं, अपनी अदा से भी कयामत करते हैं ,
निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं, और वो हमारी नजरो से शिकायत करते हैं।”
“डर लगता है अब आपकी तारीफ करने में,
कहीं पूंछ ना बैठो मै तेरा कौन लगता हूं।”
“गम में भी मुस्कुराना पड़ता है,
ये दुनिया है यहाँ दर्द को भी छुपाना पड़ता है।”
Hindi Shayari on Beauty
“यूँ न निकला करों आज कल रात को,
चाँद छुप जाएगा देख कर आप को।”
“गले मिला है वो मस्त-ए-शबाब बरसों में, हुआ है दिल को सुरूर-ए-शराब बरसों में,
निगाह-ए-मस्त से उसकी हुआ ये हाल मेरा, कि जैसे पी हो किसी ने शराब बरसों में।”
“भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली।”
“तारीफ करूँ क्या तेरी, कुछ अल्फ़ाज ही ना मिले,
जब से देखा है तुझको दिल में अरमान है जगे।”
“दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,
सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे।”
“जब मैंने चाँद को अपनी चाँद दिखाया,
रात में निकला पर हुस्न पर नहीं इतराया।”
“आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं,
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।”
“तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,
खूबसूरती की इंतेहा है तू…तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।”
“ऐ दिल तू क्यों रोता है,
ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता हैं।”
“सपना मत बनाओ मुझे, सपने सच नहीं होते,
बनाना है तो अपना साया बनाओ, कभी साथ ना छोड़ेंगे तुम्हारा।”
“उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की,
रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी।”
Tareef Ke Liye Shayari: तारीफ के शायरी
“निगाह उठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाएँ, एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ।”
“तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता…….
काश के तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती।”
“मुझको मालूम नहीं…. हुस़्न की तारीफ, मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है, जो तुम जैसा हो।”
“मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है,
तितलियों सी नाजुक, परियों जैसी खूबसूरत सी है।”
“जब वो सँवर कर मेरे सामने आयें, वो करोड़ो में सँवरी और चिल्लर में हम तारीफ़ कर पायें।”
“ख्वाहिश नहीं तारीफ़ की किसी यार से,
मुझे तो इश्क़ हो गया, आज अपने श्रृंगार से।”
“तारीफों से जी भरा सा है, इक वो नहीं तो सब अधूरा सा है।”
“फिज़ाओ में रंग बिखेरे तुम्हारा चाँद सा चेहरा
मुझे बेचैन कर जाये तुम्हारा मासूम चाँद सा चेहरा
मेरी खातिर सँवरता है तुम्हारा चाँद सा चेहरा।”
“सोचता हूँ हर कागज पे तेरी तारीफ करु, फिर ख्याल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।”
“क्या लिखूँ तेरी सूरत – ए – तारीफ मेँ , मेरे हमदम
अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के।”
“मासूम सी सूरत तेरी दिल में उतर जाती है, भूल जाऊं कैसे मैं तुझे, तू मुझे हर जगह नजर आती है।”
“तेरे हुस्न को किसी परदे की जरूरत ही क्या है,
कौन रहता है होश में… तुझे देखने के बाद।”
Hindi Tareef Shayari
“ये बेपनाह हुस्न यूँ सादगी से शरमायें,
चिराग बुझा दो कही आन न लग जायें।”
“क्या हुस्न था… कि आँखों से देखा हजार बार,
फिर भी नजर को हसरत-ए-दीदार रह गयी।”
“तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद।”
“तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी।”
“तेरी आँखों के जादू से तू खुद नही हैं वाकिफ,
ये उसे भी जीना सीखा देता जिसे मरने का शौक हो।”
“एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू
पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये।”
“ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,
कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम।”
“इश्क़ को जब हुस्न से नजरें मिलाना आ गया,
खुद-ब-खुद घबरा के कदमों में जमाना आ गया।”
“मुझे मालूम नहीं, हुस्न की तारीफ,
मेरी नज़रों में हसीं, वो है जो तुम जैसे हो।”
“ढाया है खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर,
तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क़ देकर।”
“तेरी मोहब्बत में डूब कर बूँद से दरिया हो जाऊँ,
मैं तुझसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ।”
तारीफ शायरी इन हिंदी
“हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा
जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे।”
“हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं।”
“तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है।”
“आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं,
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।”
“यूँ ना निकला करो आज कल रात
को चाँद चुप जायेगा देख कर आपको।”
तारीफ वाली शायरी
“हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है,
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।”
“हुस्न वालो को क्या जरूरत है संवरने की,
वो तो सादगी में भी कयामत से अदा रखते है।”
“मासूमियत से भरा खूबसूरत चेहरा है,
उस पर काले तिल का पहरा है।”
“मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ,
सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम।”
“मेरी निगाहें बार-बार आकर रुक जाती है,
उसके हुस्न-ए-दीदार से ना जाने क्यों ये थम जाती है।”
खूबसूरती की तारीफ शायरी
“बड़ा हैरान हूं देखकर आईने का ज़िगर,
एक तो तेरी कातिल नज़र और उस पर काज़ल का कहर।”
“यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ के देखने
की तुम्हे देखा तो लगा, एक बार और देख लूँ।”
“ये तेरा हुस्न औ कमबख्त अदायें तेरी
कौन ना मर जाय,अब देख कर तुम्हें।”
“उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा ,
आसमान पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा।”
“हसीन तो और भी है इस जहाँ में मौला , पर जब उसने अपना घुँगट खोला ,
तो चाँद भी मुझसे शर्मा के बोला, ये रात की चाँदनी है या दिन का शोला।”
तारीफ वाली शायरी
“एक तिल का पहरा भी जरूरी है, लबों के आसपास,
डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को, कोई नज़र न लगा दे।”
“क्या लिखूं तेरी तारीफ ऐ-सूरत में यार
अल्फाज कम पड़ रहे है तेरी मासूमियत देखकर।”
“देख पाते हैं कहा हम तुमको
दिल कही होश कही होता हैं।”
“जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो
श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये।”
“ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर,
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम।”
प्यार के लिए तारीफ शायरी
“इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको,
कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी।”
“दिल की नही जान की जरूरत हो तुम जमी की नही आसमा की इनायत हो तुम
ओर अब हम क्या आपकी तारीफ करे हुस्न की नही कयामत की मूर्त हो तुम।”
“उनकी आंखों से काश कोई इशारा तो होता, कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता ,
तोड़ देते हम हर रस्म जमाने की , एक बार ही सही कोई इशारा तो होता।”
“तेरा हुस्न बयां करना नहीं मकसद था मेरा !
ज़िद कागजों ने की थी और कलम चल पड़ी।”
“तेरा होंठो की पंखुडियो को तू गुलाब न कहना वो तो मुरझा जाते है
इनकी लाली को देखकर लगता है गुलाब भी अपना रंग यही से चुरा कर लाये है।”
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Final Words: अन्त में!
तारिफ़, दवा और दुआ दोनों होती है क्योंकि दवा व दुआ रुपी तारिफ़ से किसी भी निराश इंसान में आश जगाई जाती है, बुझे दिपक मे, लौ जलाई जाती है, प्यासी धरती की प्यास बुझाई जाती है और इंसानी जज्बातों की अभिव्यक्ति की जाती है और इसीलिए हमने इस आर्टिकल Treef Shayari In Hindi तथा तारीफ शायरी हिंदी में आपको, तारिफ़ शायरी के कुछ पन्नों से परिचित करवाया।
आशा करते है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल खूबसूरती की तारीफ शायरी Tareef Ke Liye Shayari & तारीफ के लिए शायरी जरुर पसंद आया होगा जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल Tareef Ki Shayari In Hindi तथा तारीफ की शायरी हिंदी में को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव भी हमें कमेंट करके बतायेंगे ताकि इसी तरह के आर्टिकल Tareef Par Shayari तथा तारीफ पर शायरी हिंदी में आपके लिए लाते रहें।
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