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Subhas Chandra Bose Quotes In Hindi: सुभाष चंद्र बोस कोट्स हिंदी.!
एक आदर्श व्यक्तित्व और सच्चे देशभक्त की मिसाल, एक निर्भीक देशभक्त और भारत माता के सच्चे सिपाही, सुभाष चन्द्र बोस के बारे में आज हम आपको कुछ खास जानकारी देने वाले हैं। साथ ही हम आपको नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा कही गयी कुछ प्रेरणादायक बातें भी अपने इस पोस्ट Subhash Chandra Bose In Hindi के माध्यम से बताने वाले हैं। इस क्रम में आइये सबसे पहले एक नजर डाल लेते हैं नेताजी की निजी जिंदगी पर..!
“निजी जीवन से देश बड़ा होता है हम मिटते हैं, तब देश खड़ा होता है”
“दिल्ली चलो, जय हिन्द, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा…” ये कुछ ऐसे नारे थे, जो नेता जी की सबसे बड़ी पहचान बनकर उभरे। वैसे तो सुभाष चंद्र बोस का स्मरण 365 दिन होना चाहिए, लेकिन आज उनके जन्मदिन पर उन्हें याद न करना देशभक्ति के साथ-साथ देश को भी भूल जाने जैसा होगा। नेताजी ने जो हमारे देश को दिया, वो हमेशा हर सच्चे भारतवासी के ज़ेहन में जीवित रहेगा।”
जन्म | 23 जनवरी 1897, कटक, बंगाल प्रेसीडेंसी का ओड़िसा डिवीजन, |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | बी०ए० (आनर्स) |
शिक्षा प्राप्त की | कलकत्ता विश्वविद्यालय |
पदवी | अध्यक्ष (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)(1938), सुप्रीम कमाण्डर आज़ाद हिन्द फ़ौज |
प्रसिद्धि कारण | भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी तथा सबसे बड़े नेता |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1921–1940, |
धार्मिक मान्यता | हिन्दू |
जीवनसाथी | एमिली शेंकल, (1937 में विवाह किन्तु जनता को 1993 में पता चला) |
सुभाषचंद्र बोस जी का जीवन: Netaji Subhash Chandra Bose Biography
सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिसा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ बोस एक वक़ील थे। सुभाष जी की माता का नाम प्रभावती देवी था।
वो अपने 8 भाई और 6 बहनों में 9वें स्थान पर थे। उनकी स्कूली पढ़ाई सन 1902 में प्रोटेस्टेंट यूरोपियन स्कूल से शुरू हुई थी। वहाँ वो अपने भाई बहनों के साथ पढ़ने के लिए जाते थे। बाद में साल 1909 में उनका प्रवेश रावेंशॉ कॉलीगेट स्कूल में करा दिया गया था। अपनी 10 वीं तक को पढ़ाई कटक से पूरी करने के बाद सुभाष जी कलकत्ता चले गए। इसके बाद उन्होंने सन 1918 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद साल 1919 में वो आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड के कैम्ब्रिज शहर चले गए।
वहाँ उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हो गया। इस परीक्षा में उन्होंने पूरे देश मे चौथा स्थान हासिल किया था। लेकिन साल 1921 में जलियावाला बाग में हुए नरसंहार को देखकर उनका मन विचलित हो उठा। उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया। साथ ही उन्होंने अँग्रेजी प्रशासन के लिए काम करने से भी मना कर दिया। इंडियन सिविल सर्विसेज के पद से इस्तीफा देने के बाद सुभाष चन्द्र बोस भारत लौट आये।
यहाँ आकर उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की सदस्यता हासिल की। इसके 2 साल बाद 1923 में, सुभाष चन्द्र बोस को ऑल इंडिया यूथ काँग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। साल 1925 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा, फ़िर 1927 में अंग्रेज़ी प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया। इसके बाद वो यूरोप की यात्रा पर निकल गए और 1935 में ‘द इंडियन स्ट्रगल’ नाम की किताब को प्रकाशित किया। यूरोप से वापस लौटने के बाद साल 1937 और 1939 में सुभाष चन्द्र बोस को दो बार काँग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
साल 1939 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने ‘पूर्ण स्वाधीनता’ की माँग उठायी। जिसके चलते अँग्रेजी प्रशासन ने उनके नाम गिरफ्तारी वारेंट जारी कर दिया। तब सुभाष चन्द्र बोस पेशावर, अफ़ग़ानिस्तान और रूस के रास्ते बर्लिन जा पहुँचे। बर्लिन में रहते हुए उन्होंने भारत की आज़ादी के लिए बहुत से महत्वपूर्ण कार्य किये। साल 1943 में नेता जी बर्लिन से जापान पहुँच गए।
जापान में रहते हुए सन 1943 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन किया। इसी समय उन्होंने ‘तुम मुझे खुन दो मैं तुम्हे आज़ादी दूँगा’ तथा ‘जय हिंद’ का नारा भी दिया था। उनकी इस फ़ौज ने इम्फाल और कोहिमा में अंग्रेज़ो के विरुद्ध लड़ाई भी लड़ी थी। साल 1943 में ही बोस ने अंडमान निकोबार में भी आईएनए की शुरुआत की थी।
आजादी की लड़ाई – Freedom Fight
जिस तरह के सुभाष चन्द्र बोस जी के विचार थे उसी तरह के ही निर्भीक और गरम स्वभाव वाले वो व्यक्ति भी रहे हैं। अपने इसी स्वभाव और विचार के दम पर उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, अंग्रेजो को नाकों चने चबवा दिए थे। सुभाष चन्द्र बोस ने ‘भारतीय राष्ट्रीय सेना’ का गठन कर के अंग्रेज़ो से आज़ादी छीनने का लिए काफ़ी संघर्ष किया था।
जहाँ गाँधी जी आज़ादी की लड़ाई सत्य और अहिंसा के बल पर जीतना चाहते थे, वहीं सुभाष चन्द्र बोस अपने हक की आज़ादी के लिए लड़ने में विश्वास रखते थे। इसी वज़ह से दोनों महापुरुषों के विचार में काफ़ी मतभेद भी हुआ करता था।
अन्तिम समय: Last time
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु के राज से अभी तक पर्दा नहीं उठ सका है। लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि 18 अगस्त 1945 को ताईवान में हुए प्लेन क्रैश में उनकी मौत हो गयी थी। वहीं बहुत से लोग ये मानते है कि उस प्लेन क्रैश में नेताजी सुरक्षित बच गए थे। वहाँ से बचने के बाद वो ताईवान में ही रहने लगे गए थे।
साल 1937 में सुभाष चन्द्र बोस ने चुपके से एमिली स्चेंकल से शादी कर ली थी। 24 नवम्बर 1942 को उनकी एक बेटी भी हुई, जिनका नाम अनिता बोस था। अनिता इस समय जर्मनी की मशहूर अर्थशास्त्री के रूप में जानी जाती हैं।
नेताजी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के बोल – Netaji Netaji Subhash Chandra Bose Words
सुभाषचंद्र बोस जी की छवि एक निर्भीक देशभक्त की है। वो जिस तरह से खुद देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रहते थे ठीक उसी तरह से वो अपने जोशीले भाषणों से नौजवानों के मन मे भी देशभक्ति की चिंगारी को आग में बदल देते थे। उनके द्वारा दिए गए नारे और बताई गई बातें आज भी लोगो के मन मे एक खास तरह की ऊर्जा भर देती है।
ऐसे में आज के इस पोस्ट Subhashchandra Bose In Hindi के माध्यम से हम आपको नेताजी द्वारा कही गयी कुछ खास और प्रेरणादायक बातें कोट्स बताने वाले हैं।
Subhash Chandra Bose Quotes:-
“इतिहास में कोई भी बदलाव सिर्फ़ बातें कर के कभी नहीं लाया जा सका है।”
“जीवन में प्रगति का आशय यह है की शंका संदेह उठते रहें और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे।”
“हम संघर्षों और उनके समाधानों द्वारा ही आगे बढ़ते हैं।”
“यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े तब वीरों की भांति झुकना।”
“संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया ! मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले नहीं था।” – Subhas Chandra Bose
“याद रखें अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है।”
“अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है।” – Subhas Chandra Bose
“मुझे जीवन में एक निश्चित लक्ष्य को पूरा करना है ! मेरा जन्म उसी के लिए हुआ है ! मुझे नेतिक विचारों की धारा में नहीं बहना है।”
“मैंने जीवन में कभी भी खुशामद नहीं की है ! दूसरों को अच्छी लगने वाली बातें करना मुझे नहीं आता।” – Subhas Chandra Bose
“इतना तो आप भी मानेंगे, एक न एक दिन तो मैं जेल से अवश्य मुक्त हो जाऊँगा, क्योंकि प्रत्येक दुःख का अंत होना अवश्यम्भावी है।”
“मुझमे जन्मजात प्रतिभा तो नहीं थी, परन्तु कठोर परिश्रम से बचने की प्रवृति मुझमे कभी नहीं रही।”
“हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो,
हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो,
फिर भी हमें आगे बढ़ना ही है..
सफलता का दिन दूर हो सकता है, पर उसका आना अनिवार्य है।” – Subhas Chandra Bose
“आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए,
मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके..
एक शहीद की मौत मरने की इच्छा,
ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके।”
“जीवन में प्रगति का आशय यह है की शंका संदेह उठते रहें और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे।” – Subhas Chandra Bose
“अपने कॉलेज जीवन की देहलीज पर खड़े होकर मुझे अनुभव हुआ, जीवन का कोई अर्थ और उद्देश्य है।”
“मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्यायों जैसे गरीबी ,अशिक्षा , बीमारी , कुशल उत्पादन एवं वितरण का समाधान सिर्फ समाजवादी तरीके से ही की जा सकती है।” – Subhas Chandra Bose
“मुझे यह नहीं मालूम की स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममे से कौन कौन जीवित बचेंगे ! परन्तु में यह जानता हूँ ,अंत में विजय हमारी ही होगी।”
“राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शों सत्यम, शिवम्, सुन्दरम से प्रेरित है।” – Subhas Chandra Bose
“सफलता, हमेशा असफलता के स्तम्भ पर खड़ी होती हैं।”
“माँ का प्यार सबसे गहरा होता हैं – स्वार्थरहित| इसको किसी भी तरह से मापा नहीं जा सकता।” – Subhas Chandra Bose
“जिस इन्सान में श्रद्धा की कमी होती है, वही इन्सान कष्टों और दुखो से घिरा होता है।”
“मैं जीवन में तीन चीजें चाहता हूँ – चरित्र, ज्ञान और कार्य।” – Subhas Chandra Bose
Final Words:-
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को ना सिर्फ़ सच्चे सिपाही के रूप में याद किया जाता है, बल्कि उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में भी सम्मान दिया जाता है। भले ही महात्मा गाँधी से उनके विचार मेल नहीं खाते थे, लेकिन गाँधी जी द्वारा खुद उन्हें ‘देशभक्तों के देशभक्त’ की उपाधि दी गयी थी। गाँधी जी भी नेताजी का बहुत सम्मान करते थे।
दोस्तों आज के इस पोस्ट Subhas Chandra Bose In Hindi के माध्यम से हमने ना सिर्फ आपका परिचय नेता जी के व्यक्तित्व से करवाया है बल्कि हमने आपको नेताजी द्वारा कही गयी कुछ प्रेरनादायक बातें भी बताई है। ऐसे में हम आशा करते हैं कि आपको हमारी ये पोस्ट Subhas Chandra Bose In Hindi पसन्द आयी होगी। आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये और अपने जानने वाले लोगों तक पहुँचाने का प्रयास कीजिये। साथ ही इस पोस्ट को लेकर आपके क्या विचार हैं हमें कमेंट कर के जरूर बताइए।
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