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Steve Jobs Biography in Hindi : स्टीव जॉब्स – सम्पूर्ण जीवन परिचय / यात्रा?
Steve Jobs Biography In Hindi के इस लेख में, हम, आपको Apple कम्पनी जो कि Computer, Laptop or Mobile बनाने वाली कम्पनी जो कि, ना केवल भारत में, लोकप्रिय और प्रसिद्ध हैं बल्कि दुनिया भर में इसकी गहरी धाक है और जिसके निर्माण कर्ता कोई और नहीं बल्कि 56 वर्षीय Steve Jobs हैं जो आज ना केवल मोबाइल की दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत है बल्कि हमारे युवाओँ के लिए मिशाल है जिनसे प्रेरणा लेकर वे अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
तुम्हारा समय सीमित है इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जीकर बिलकुल भी व्यर्थ मत करों। – Steve Jobs Quotes
Steve Jobs ही हमारे इस लेख का मूल केंद्र होने वाले है और इसीलिए हम, अपने इस लेख में, आपको स्टीव जॉब्स का पूरा जीवन परिचय अर्थात् Steve Jobs biography in Hindi की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे और साथ ही साथ Steve Jobs net worth के बारे में, भी बतायेगे ताकि आप उनकी सफलता की ऊंचाई का अंदाजा लगा सकें और उनके व्यक्तित्व को गहराई से पढ़कर उनके प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें।
अन्त, स्टीव जॉब्स के जीवन पर आधारित अपने इस आर्टिकल मे, हमारी कोशिश रहेगी कि, हम आपको Steve Jobs के जीवन के सभी पहलूओँ और पक्षो को समेट कर एक गजह प्रस्तुत करे ताकि आप आसानी से उनके व्यक्तित्व को पढ़ सकें।
लेख में, किन बिंदुओ पर होगी चर्चा?
- Steve Jobs Kaun Hai? / स्टीव जॉब्स कौन हैं?
- Steve Jobs biography in Hindi? / स्टीव जॉब्स – सम्पूर्ण जीवन परिचय हिंदी में?
- Steve Jobs का जन्म, शिक्षा और प्रारम्भिक जीवन कैसा रहा?
- how old is Steve Jobs? स्टीव जॉब्स कितने साल के हैं?
- when did Steve Jobs die? / स्टीव जॉब्स की मृत्यु कब हुई थी?
- Steve Jobs को कौन-कौन से अवार्ड्स मिले हैं?
Steve Jobs Kaun Hai? / स्टीव जॉब्स कौन हैं?
स्टीव जॉब्स एक, Multi Personality वाले व्यक्ति हैं जिन्होंने ना तो अपना कॉलेज पूरा किया और ना ही उनके पास कोई डिग्री है लेकिन फिर भी Steve Jobs ने सिर्फ 56 साल की आयु में ही दुनिया की Most Popular मोबाइल फोन अर्थात् Apply का निर्माण किया जिसकी वजह से हम, उन्हें Apply के संस्थापक / Founder के रुप मे, पहचानते हैं।
शायत मौत ही इस जिन्दगी का सबसे बड़ा आविष्कार है। – Steve Jobs Quotes
Steave Jobs ने ना सिर्फ एप्पल मोबाइल फोन का ही निर्माण किया बल्कि साथ ही साथ दुनिया की सबसे Latest and Advanced Technology वाले Mac Operating System का निर्माण किया है जिसके बारे में, आज आधे से अधिक इंजीनियर केवल पढ़ ही रहें है और इधर स्टीव जॉब्स ने, उसका निर्माण कर उसे लांच भी कर दिया हैं।
अन्त, हम, आशा करते है कि, हमने अपने पाठको के इस सवाल अर्थात् Steve Jobs Kaun Hai? / स्टीव जॉब्स कौन हैं? का जबाव दे दिया होगा और अब हमारे सभी पाठक अच्छे से जान और समझ गये होंगे कि, स्टीव जॉब्स कौन है और उनकी पूरी जीवनी को प्रस्तुत करने के लिए हम, Steve Jobs biography in hindi में, प्रस्तुत कर रहे हैं।
Steve Jobs Biography in Hindi: स्टीव जॉब्स – सम्पूर्ण जीवन परिचय / यात्रा?
स्टीव जॉब्स की पूरी जीवनी अर्थात् उनके सम्पूर्ण जीवन परिचय को आपके सामने प्रस्तुत करने के लिए हम, कुछ बिंदुओं की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं –
जो इतने पागल होते है कि, उन्हे लगता है कि, वे दुनिया बदल सकते हैं वे अक्सर बदल देते है। – Steve Jobs Quotes
1. स्टीव जॉब्स का पूरा और मूल नाम क्या है?
स्टीव जॉब्स का पूरा और मूल नाम स्टीवन पॉल है जिसे संक्षिप्त रुप मे, स्टीव जॉब्स कहा जाता है।
2. Steve Jobs का जन्म कब, कैसे और कहां हुआ था?
अमेरिकी बिजनेस का चेहरा और आविष्कारक कहे जाने वाले Steve Jobs का जन्म मूलत अमेरिका के California में, मौजूद San Francisco में 24 फरवरी, 1955 को जोअन्नी सिम्पसन ( माता ) और अब्दुलफत्त जन्दाली ( पिता ), दम्पति के यहां हुआ था।
रोचक बात ये है कि, उनके पिता सीरियाई मूल के मुसलमान थे जबकि उनकी माता कैथोलिक थी और उनकी सांक्षी विरासत के रुप मे, Steve Jobs का जन्म हुआ था।
3. Steve Jobs को जन्म के बाद दूसरी दम्पति को गोद क्यूं दिया गया?
आपको जानकर हैरानी होगी कि, Steve Jobs को उनके जन्म के बाद ही दूसरी दम्पति को गोद दे दिया गया था क्योंकि जैसा कि, हमने आपको बताया कि, उनके पिता सीरियाई मूल के मुसलमान थे जबकि उनकी माता कैथोलिक थी और उनकी Steve Jobs नामक ये सन्तान उनके नाना जी अर्थात् उनकी माता के पिता को मंजूर नहीं थी।
इसके बाद सहमति से फैसला लिया गया कि, Steve Jobs को किसी दूसरी दम्पति को गोद दे दिया जाये जिसके लिए एक पढ़े लिखे दम्पति का चयन भी किया गया लेकिन आखिरी समय में उन्होंने अपना मन बदलते हुए लड़की को गोद ले लिया।
अन्त मे, पॉल व क्लारा नामक दम्पति को Steve Jobs को गोद दिया गया।
4. Steve Jobs की शिक्षा यात्रा कैसे शुरु हुई?
स्टीव जॉब्स की शिक्षा यात्रा भी बेहद रोचक और दिलचस्प है क्योंकि स्टीव जॉब्स को गोद लेने वाले पॉल व क्लारा साल 1961 में, कैलिफोर्नियां के माउंट व्यू में, रहने गये जहां उन्होंने परिवार चलाने के लिए गैरज खोला।
यहीं से Steve Jobs ने, अपनी शुरुआती शिक्षा का सफर शुरु किया और वे एक बेहतरीन विद्यार्थी भी थे लेकिन उन्हें स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था और ना ही उन्हें अपनी उम्र के दूसरे बच्चो से दोस्ती करनी अच्छी लगती थी जिसकी वजह से वे कक्षा में, सदा अकेले ही बैठते थे।
लेकिन समय बीतने के साथ-साथ उन्हें उन्हीं जैसी रुचियों वाले दूसरे लड़के अर्थात् वोजनिआक से मुलाकात हुई जिसकी दिलचस्पी भी इलेक्ट्रॉनिक्स में, थी जिसकी वजह से उनके बीच गहरी दोस्ती हुई।
5. Steve Jobs का कॉलेज का संघर्षमय जीवन कैसा रहा?
स्टीव जॉब्स ने, जब अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पूरी की तब उन्हें ओरेगोन के रीड कॉलेज में दाखिला दिलवाया गया जो कि, वास्तविक मायनो में, काफी मंहगा कॉलेज था जिसकी फीस भरना उनके माता-पिता के लिए आसान नहीं था।
कॉलेज में दाखिले के कुछ समय बाद ही उन्हें अहसास हुआ कि, यहां उनका भविष्य नहीं बनेगा और इसमें पढ़कर वे अपने माता-पिता की सारी जमा पूंजी बर्बाद कर रहे हैं इसके बाद उन्होंने कुछ ही पसंदीदा क्लास ली जैसे कि – कैलीग्राफी और बाकि क्लासो में, जाना बंद कर दिया था।
Steve Jobs की आर्थिक स्थिति इनती बुरी थी कि, उन्हें अपने हॉस्टल में, फर्श पर सोना पड़ता था, कोक की जिन बोतलों के पीकर लोग इधर-उधर फेंक दिया करते थे उन्हें बिनकर और बेचकर Steve Jobs अपने लिए भोजन की व्यवस्था करते थे।
आपको जानकर हैरानी हो कि, Apple कम्पनी जो कि, Computer, Laptop or Mobile बनाती हैं उसके मालिक अर्थात् स्टीव जॉब्स अपने कॉलेज के दिनो मे हर रविवार को कृष्णा मंदिर जाते थे पूरा अर्चना के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि, वहां उन्हें भंडारे में भर पेट खाना खाने को मिल जाता था।
अन्त, इस प्रकार हम, कह सकते हैं कि, स्टीव जॉब्स का शुरुआती शिक्षात्मक जीवन काफी संघर्षमय और कठीन रहा।
6. स्टीव ने कितनी शादियां की और उनके कितने बच्चे हुए?
हम, आपको बताना चाहते है कि, स्टीव जॉब्स ने, अपने जीवन में, कुल 2 शादियां की थी जिनकी दोनो पत्नियों का नाम इस प्रकार से हैं – लोरिन पावेल और क्रिसर्टन ब्रेन्नन से हुई थी।
स्टीव को अपनी इन दोनो शादियों के फलस्वरुप कुल 6 संतानो की प्राप्ति हुई थी जिनके नाम इस प्रकार से हैं – लिसा ब्रेन्नन, रीड जॉब्स, एरिन जॉब्स और ईव जॉब्स आदि।
7. when did Steve Jobs die? / स्टीव जॉब्स की मृत्यु कब हुई थी?
स्टीव जॉब्स की मृत्यु कैसे और कितने चरणो में, हुई थी उसे प्रस्तुत करने के लिए हम, कुछ बिंदुओं को प्रस्तुत करना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –
- साल 2003 में, स्टीव जॉब्स को उन्हें उनकी अग्नाशय वाली कैंसर की बीमारी के बारे में, पता चला,
- साल 2004 में, स्टीव की सर्जरी हुई जिसमें कैंसर नामक ट्यूमर को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया और दौरान व मेडिकल लीव पर रहें जिनकी गैर – अनुपस्थिति में, टीम कुक, एप्पल का काम संभाल रहे थे,
- स्टीव पूरी तरह से ठीक नहीं हुए थे बल्कि अपनी इस बीमारी के साथ ही उन्होंने साल 2009 तक काम किया लेकिन साल 2009 में, ही उनकी तबीयत बेहद संवेदनशील हो गई थी जिसकी वजह से उन्हें Leaver Transplant करवानी पड़ी जिसके बाद 17 जनवरी, 2011 को स्टीव जॉब्स ने, पुन एप्पल में, काम करना शुरु किया,
- स्टीव सदा से अपने काम और कर्तव्य को प्राथमिकता देते थे जिसकी वजह से उन्होंने खराब स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हुए अपना काम जारी रखा लेकिन उन्हें उनकी बिगडती हालत का अंदाजा था जिसकी वजह से उन्होंने समय रहते महत्वपूर्ण फैसला लिया,
- स्टीव ने 24 अगस्त, 2011 को एप्पल के CEO Post से त्यापगत्र अर्थात् Resignation Letter को कम्पनी के Board of Member को सौंप दिया और
- अन्तत, कैलिफोर्नियां के पालो अल्टो नामक अस्पताल में 5 अक्टूबर, 2011 को स्टीव जॉब्स की मृत्यु हो गई।
उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आपको स्टीव जॉब्स की मृत्यु की पूरी यात्रा का वर्णन विस्तार से बताया।
अन्त, उपरोक्त सभी बिंदुओँ की मदद से अपने अपने सभी पाठको व युवाओँ को स्टीव जॉब्स की पूरी जीवनी के बारे में, विस्तार से बताया ताकि आप उनकी कड़ी मेहनत और दुर्लभ संघर्ष को पढ़ व समझ कर उनसे व उनके जीवन से प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें।
Steve Jobs का करियर कैसा रहा?
स्टीव जॉब्स का पूरा जीवन ही उतार – चढ़ावों से भरा पड़ा था और इसीलिए हम, उनके उतार – चढावो से परिपूर्ण करियर के पूरे परिचय को आपके सामने चरणबद्ध तरीके से प्रस्तुत करना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –
कभी कभी जिन्दगी आपके सिर पर ईंट से वार करेंगी लेकिन आप अपना भरोसा कभी मत खोइए। – Steve Jobs Quotes
1. Steve Jobs गेमिंग कम्पनी से लेकर भारत यात्रा पर कैसे निकल गये?
साल 1972 का समय था जब Steve Jobs ने, अटारी नामक गेम बनाने वाली एक कम्पनी में, काम शुरु किया और कुछ समय किया भी लेकिन अपनी यायावर प्रवृत्ति के कारण उनका मन यहां भी नहीं लगा जिसके फलस्वरुप उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
कुछ रुपय जमा करने के बाद Steve Jobs साल 1974 में, 7 महीनों की भारत यात्रा पर निकल गये जिसके दौरान उन्होंने कई गतिविधियां की जैसे कि –
- भारत भ्रमण के दौरान उन्होंने बुद्ध धर्म की थोड़ी बहुत शिक्षा भी प्राप्त की,
- दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश धूमने के लिए बस यात्रा की आदि।
उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आपको स्टीव की भारत यात्रा के कुछ पहलूओं को बताने की कोशिश की।
2. भारत भ्रमण से क्या बदलाव आया स्टीव जॉब्स में?
उनके जानने वालो का कहना है कि, स्टीव जॉब्स का पूरा जीवन और जीवन के प्रति उनकी विचारधारा ही भारत यात्रा के बाद बदल गयी थी जिसके वजह से जब वे अमेरिका वापस आये तो सबसे पहले उन्होंने अपने सर को मुड़वा दिया और दुबारा उसी अटारी नामक गेमिंग कम्पनी में, काम करते हुए अपने परिवार के साथ रहने लगे।
3. स्टीव जॉब्स को एप्पल नामक कम्पनी खोलने की प्रेरणा कहां से मिली?
जैसा कि, हमने आपको बताया कि, स्टीव और वोजनियाक अपने कॉलेज के दिनों से ही अच्छे मित्र हुआ करते थे और दुबारा उनकी मित्रता में, गाढ़ापन देखने को मिला।
वोजनियाक, इलेक्ट्रॉनिक्स में, काफी अच्छे थे और चाहते थे कि, वे अपना खुद का कम्प्यूटर बनाये और उन्होंने बनाया भी यहीं से स्टीव जॉब्स ने, सोचा कि, क्यूं ना हम, मिलकर कम्प्यूटर बनायें और बेचें जिससे ना केवल हमारी कमाई होगी बल्कि हमें, नौकरी के लिए भटकना भी नहीं पडेगा।
साल 1976 में, सिर्फ 21 साल की उम्र में स्टीव और उनके मित्र वोजनियाक ने, मिलकर स्टीव के पिता के गैरज में, कम्प्यूटर बनाने का काम शुरु किया और एक कम्पनी खोली जिसे उन्होंने Apple का नाम दिया था और इस कम्पनी में, निर्मित पहले कम्प्यूटर को Apple 1 का नाम दिया गया था।
4. स्टीव जॉब्स की कम्पनी एप्पल ने, कैसे सफलता की उड़ान भरी?
कहा जाता है कि, Apple 1 पर काम करने के बाद वोजनियाक ने, Apple 2 पर काम शुरु किया और इसी दौरान कम्पनी को आगे बढाने के लिए स्टीव और वोजनियाक ने मिलकर निवेशकर्ताओं को उनकी कम्पनी Apple में, निवेश करने के लिए राजी किया।
वोजनियाक द्धारा निर्मित Apple 2 लोगो का काफी पसंद आया और निवेशकर्ताओं ने इसमें निवेश किया जिसके बाद कम्पनी में, सफलता की उड़ान भरी जिसका परिणाम ये निकला की साल 1980 तक एप्पल एक जानी – मानी कम्पनी बन गई और सिर्फ 10 साल के भीतर ही कम्पनी में, 2 बिलियन का व्यापार किया और तब तक इसमें कुल 4,000 से अधिक लोग काम करने लगे थें।
5. एप्पल द्धारा निर्मित लिसा कम्प्यूटर के पीछे की कहानी क्या है?
Apple 2 को लांच करने के बाद स्टीव और उनकी कम्पनी ने, Apple 3 लांच किया और इसके बाद लिसा नामक कम्प्यूटर लांच किया जिसका नाम साल 1978 में, जन्मी स्टीव की बेटी लिसा के नाम पर रखा गया था लेकिन ये ज्यादा कमाई नहीं कर पाई।
6. स्टीव को एप्पल से क्यूं निकाला गया?
स्टीव ने, ही एप्पल कम्पनी की शुरुआत की थी लेकिन एक समय ऐसा आया जब उन्हें ही कम्पनी से निकाल दिया गया जिसके पीछे पूरी कहानी इस प्रकार से हैं –
Apple 3 और लिसा के खराब प्रदर्शन की वजह से स्टीव ने आई.बी.एम के साथ मिलकर Personal Computer बनाने का फैसला लिया।
स्टीव ने, Mackintosh पर काफी मेहनत की थी और इसी में अपना पूरा संघर्ष झोंक दिया था जिसके बाद स्टीव ने लिसा पर आधारित सुपर वाऊल को बाजार में, लांच किया जिसे काफी अच्छा प्रदर्शन किया।
लेकिन कम्पनी में, कम्प्यूटर निर्माण की पूरी जानकारी सार्वजनिक कर दी थी जिसकी वजह से कई नकल करने वाली कम्पनियों ने, हु ब हु वहीं कम्प्यूटर बाजार में, लांज किया वो भी नाम मात्र की कीमतो पर जिसकी वजह से कम्पनी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा और उन्ही की बनाई कम्पनी ने, उन्हें ही कम्पनी से निकाल दिया।
7. हार चुके स्टीव ने विपरित लहरो को पार करते हुए पुन सफलता प्राप्त की?
स्टीव खुद स्वीकार करते है कि, जब उन्हें एप्पल से निकाला गया था वो समय उनके जीवन का काफी कठीन समय था जिसके बाद वे तनाव और दबाव में आ गये थे और कुछ पल के लिए ठहर से गये थे।
लेकिन इसी बीच उनके भीतर छुपा एप्पल का असली मालिक जाग उठा और उन्होंने सोचा कि, एप्पल बनाना मुझसे बेहतर कौन जाता है और इसी आत्मविश्वास के बल पर स्टीव ने, अपनी दूसरी कम्पनी अर्थात् Next Company खोली और उनकी प्रतिभा से प्रभावित होते हुए Ros Parrot नामक निवेशकर्ता ने, उनकी इस कम्पनी में, बड़े पैमाने पर निवेश किया।
इसके बाद स्टीव के Next Company द्धारा अर्जित सफलता इन बिंदुओ के रुप में, प्रस्तुत है –
- स्टीव की Next Company का पहला उत्पाद उनका High and Personal Computer था,
- 12 अक्टूबर, 1988 को Next Computer को बड़े समारोह मे, लांज किया गया,
- इस कम्पनी में, अपना पहला Work Station में 1990 लांच किया जो कि, एप्पल और लिसा से दुगुनी क्षमता वाला अर्थात् High Technology वाला था और इसी वजह से इसकी कीमत भी बहुत अधिक थी और इसी वजह से उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा,
- स्टीव द्धारा निर्मित Next Company अभी तक एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में बदल चुकी थी जिससे उन्हें काफी लाभ हुआ क्योंकि ये कम्पनी अब बहुतायत मात्रा में, वेब एप्लिकेशन और फ्रेमवर्क बनाकर देने लगी थी।
इस प्रकार हमने आपके सामने स्टीव की अगल कम्पनी Next Company की सफलता की कहानी आपके सामने प्रस्तुत की।
8. पिक्सर कम्पनी व टॉय स्टोरी से कैसे मिली स्टीव को सफलता?
स्टीव ने, साल 1986 में, कुल 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कीमत पर ग्राफिक्स कम्पनी अर्थात् पिक्सर को खरीदा जिसे उन्होंने पिक्सर नाम दिया जो कि, कुल 3डी सॉफ्टवेयर बनाकर बेचा करती थी।
साल 1991 में, पिक्सर को डिज्नी की तरफ से भागीदारी करते हुए एक फिल्म बनाने का प्रस्ताव दिया गया जिसे स्टीव की कम्पनी अर्थात् पिक्सर ने, स्वीकार कर लिया।
इसके बाद पिक्सर व डिज्नी में, सांझेदारी करते हुए टॉय – स्टोरी नामक फिल्म बनाई जिसे लोगो ने खूब पसंद किया और दोनो को अच्छी कमाई हुई।
9. कैसी हुई स्टीव की एप्पल में, शानदार और धमाकेदार वापसी?
साल 1996 एप्पल कम्पनी के लिए अन्तिम साल माना जा रहा था क्योंकि कम्पनी बेहतर प्रदर्शन करने के बजाय औसत प्रदर्शन भी नहीं कर पा रही थी जिसे देखते हुए एप्पल ने, फैसला किया कि, वे स्टीव की Next Company को 427 मिलियन डॉलर की कीमत पर खरीदेगी।
उनका असल मकसद था स्टीव को कम्पनी में, वापस लाना ताकि एप्पल कम्पनी की पुन जीवित किया जा सकें और दुबारा से सफलता के शिखर पर पहुंचाया जा सकें और इस प्रकार स्टीव की एप्पल में, शानदार और धमाकेदार वापसी हुई जिसके बाद कम्पनी में, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जैसे कि –
- कम्पनी में, ipod Music Player or itune Music Player को लांच किया जिसे काफी सफलता मिली,
- कम्पनी में, मोबाइल फोन की दुनिया में जबरदस्त क्रान्ति लाते हुए कम्पनी का पहला मोबाइल फोन अर्थात् एप्पल को लांच किया जिसे ग्राहकों ने, बडी मात्रा में, हाथो-हाथ खरीद लिया और इस प्रकार स्टीव ने, सफलता की छीन चुकी जगह को दुबारा प्राप्त किया।
उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर हम, कह सकते है कि, स्टीव ने, एप्पल से निकाले जाने के बाद एप्पल कम्पनी में, दुबारा शानदार, धमाकेदार और क्रान्तिकारी वापसी की।
Steve Jobs को कौन-कौन से अवार्ड्स मिले हैं?
हम, अपने सभी पाठको को बताना चाहते हैं कि, उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें कई तरह के अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है जैसे कि –
- National Medal of Technology से स्टीव को उनकी उपलब्धियों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति द्धारा सम्मानित किया गया,
- वहीं दूसरी ओर स्टीव को California Hall of Fame से सम्मानित किया गया औ
- साथ ही साथ स्टीव को उनकी सफल कम्पनी एप्पल के लिए साल 1982 में, Machine of the Year के पुरस्कार से सम्मानित किया गया आदि।
उपरोक्त सभी पुरस्कारों से स्टीव की उपलब्धियों को सम्मानित और पुरस्कृत करते हुए उन्हें प्रेरणा और सफलता की एक मिशाल के तौर पर पहचान प्रदान की गई।
सारांश
अन्त, स्टीव जॉब्स और उनकी संघर्षमयी जीवनी को समर्पित अपने इस लेख में, हमने आपको Steve Jobs Biography in Hindi : स्टीव जॉब्स – सम्पूर्ण जीवन परिचय / यात्रा? पूरे विस्तार से प्रदान की ताकि हमारे सभी पाठक व युवा स्टीव जॉब्स की संघर्षमयी सफलता से प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें और यही हमारे इस लेख का मूल लक्ष्य भी है जिसे हम, प्राप्त करना चाहते हैं।
हम आपसे आशा करते है कि, हमारा ये लेख आपको अच्छा और ज्ञानपूर्ण लगा होगा जिसके लिए आप हमारे इस लेख को लाइक करेंगे, दोस्तो के साथ शेयर करेंगे और साथ ही साथ अपने सभी सुझाव व विचार कमेंट करके हमें बतायेगे।
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