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Chalisa

शिव चालीसा: Shiv Chalisa, Lyrics, Aarti, Mantra, Benefits in Hindi

Shiv Chalisa in Hindi

अकाल मृत्यु वह मरे, जो काम करे चंडाल का काल उसका क्या करे , जो भक्त हो महाकाल का।।

देवों के देव, महादेव अर्थात् भगवान शिव सबसे बड़े दानी और ज्ञानी माने जाते है जिन्होंने मानवजाति के कल्याण के लिए समुंद्र मंथन के दौरान सारा विष पी लिया था और उसी दिन उन्हें ’’ नीलकंठ ’’ की उपाधि भी प्राप्त हुई जो कि, सदा अपने भक्तों का कल्याण करते है और भक्तजन भी पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ महादेव अर्थात् शिव की आराधना करते है। 

लेकिन Shiv Chalisa शिव चालीसा के बिना महादेव की आराधना अधूरी मानी जाती है और इसी कमी को हम, अपने इस आर्टिकल में, विस्तार से शिव चालीसा के पाठ को हिंदी व अंग्रेजी भाषा में, प्रस्तुत करके दूर करेंगे ताकि हमारे सभी पाठक रोजाना शिव चालीसा पाठ करके महादेव का आर्शीवाद प्राप्त कर सकें।

शिव बड़े भोले है क्योंकि कई बार वे अपने भक्तजनों को अपनी कठोर पूजा व आराधना करने के लिए किसी भी तरह का वरदान दे बैठते है जिससे मानवजाति का अन्त तक हो सकता है लेकिन जो वरदान देता है वहीं उसका समाधान भी करता है और इसी प्रकार जहां एक तरफ महादेव,वरदान देकर अपने भक्तजनों को पुरस्कृत करते है वहीं दुष्ट भक्तजनों को अपनी तीसरी आंख से जलाकर राख भी कर देते है।

महावेद अर्थात् भगवान शिव को जन्म व अन्त का देवता माना जाता है जो कि, श्मशान मे, वास करते है परन्तु पूरी मानवजाति का उद्धार भी करते है और इसीलिए हम और आप भी महादेव का आर्शीवाद पाकर अपना सर्वस्व विकास कर सकें व अपना व अपने परिवार का कल्याण सुनिश्चि कर सकें इसके लिए हम, अपने इस आर्टिकल में, विस्तार से शिव चालीसा के पूरे पाठ को प्रस्तुत करेंगे ताकि हम व आप नियमित रुप से शिव चालीसा का पाठ करके महादेव के आर्शीवाद को प्राप्त कर सकें और अपना व अपनो का कल्याण कर सकें।

शिव चालीसा का महत्व क्या है?

कर्ता करे न कर सके, शिव करे सो होय

तीन लोक नौ खंड में , महाकाल से बड़ा न कोय।।

आइए अब हम, अपने सभी शिव भक्तों को Shiv Chalisa शिव चालीसा के महत्व से अवगत करवायें जो कि, इस प्रकार से हैं:-

  • शिव चालीसा के पाठ होती है सुख-सौभाग्य में, वृद्धि

शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से सभी शिव भक्तों के सुख-सौभाग्य में, वृद्धि होती है जिससे वे ना केवल अपना सतत विकास कर पाते है बल्कि अपने परिवारजनों को भी सुख-शांति व समृद्धि की सौगात दे पाते है।

  • शिव चालीसा के पाठ से भक्तजनो को कई लाभ प्राप्त होते है

हम, अपने सभी शिव भक्तों को बता दें कि, शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से हमारे सभी शिव भक्तो को अनेके लाभों की प्राप्ति होती है जैसे कि – सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है जिससे हम, एक सफल व सार्थक जीवन जी पाते है।

  • शिव चालीसा का पाठ करने से हमें, जीवन के सभी क्षेत्रो में, सफलता मिलती है

महादेव की आराधना करने हेतु नियमित रुप से शिव चालीसा का पठन-पाठन करने वाले भक्तो को नि-संदेह उनके जीवन से संबंधित सभी क्षेत्रो में, उन्हें सफलता प्राप्त होती है जिसकी मदद से ना केवल वे धनी बन पाते है बल्कि एक सुखपूर्ण, सफल व सार्थक जीवन भी जी पाते है।

  • शिव चालीसा का पाठ भर करने से दूर होती है सभी समस्यायें

हम, अपने सभी शिव भक्तो को विशेष तौर पर बता दें कि, शिव चालीसा का पाठ भर करने से सभी शिव भक्तों की सभी समस्याओँ का समाधान हो जाता है और हमारे सभी शिव भक्तजन, एक भक्तिमय व सफल भविष्य का निर्माण कर पाते है।

  • शिव चालीसा का पाठ करने से मृत्यु का भय निकल जाता है

इंसान का सबसे बड़ा भय, मृत्यु का भय होता है लेकिन शिव चालीसा का पाठ करने से हमें, सभी शिव भक्तों के भीतर से मृत्यु का भय निकल जाता है और वे अभय अर्थात् निडर होकर ना केवल अपने जीवन को गौरवपूर्म तरीके से जी पाते है बल्कि साथ ही साथ अपना व अपनो के उज्जवल भविष्य का निर्माण भी कर पाते है आदि।

Shiv Chalisa Benefits: शिव चालीसा के फायदें

भोले माता, भोले पिता भोले ही हे दुखहर्ता

मात पिता के रूप में हो तुम अर्धनारीश्वर।।

  1. शिव चालीसा के नियमित पठन-पाठन से सुख,सौभाग्य, समृद्धि व सफलता की प्राप्ति होती है,
  2. शिव चालीसा का नियमित पाठ करने वाली व 16 सोमवार का व्रत करने वाली हमारी कुवांरी कन्याओं को उनके मनवांछित वर की प्राप्ति होती है, 
  3. शिव चालीसा के पाठन से हमारे भीतर त्याग, तपस्या और समर्पण की भावना जागृत होती है,
  4. समाज कल्याण के साथ ही साथ विश्व कल्याण का भाव हमारे भीतर शिव चालीसा का पाठ करने से उत्पन्न होता है,
  5. शिव चालीसा का पाठ करने से हमारी सभी समस्याओं का तुरन्त समाधान होता है,
  6. शिव चालीसा के नियमित पठन-पाठन से हमारे भीतर नकारात्मक ऊर्जाओँ की जगह पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और
  7. शिव चालीसा का पाठ करने से हमें, मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है जिसकी मदद से हम, निडर होकर अपने पूरे जीवन को खुशहाली के साथ जी पाते है।

Shiv Chalisa in Hindi: शिव चालीसा का पूरा पाठ हिंदी में

।। दोहा ।।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥

।। श्री शिव चालीसा ।।

जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥


मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥


देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥


त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥


प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥


एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥


त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । यहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥

मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥


धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । नारद शारद शीश नवावैं ॥


नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पार होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥


पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥


कहे अयोध्या आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥ दोहा ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

॥ इति शिव चालीसा ॥

Shiv Chalisa Lyrics in Hindi

।। Doha ।।

Jai Ganesh Girija Suvan
Mangal Mul Sujan
Kahat Ayodhya Das
Tum Dey Abhaya Varadan

।। Shri. Shiv Chalisa ।।

Jai Girija Pati Dinadayala
Sada Karat Santan Pratipala
Bhala Chandrama Sohat Nike
Kanan Kundal Nagaphani Ke

Anga Gaur Shira Ganga Bahaye
Mundamala Tan Chhara Lagaye
Vastra Khala Baghambar Sohain
Chhavi Ko Dekha Naga Muni Mohain


Maina Matu Ki Havai Dulari
Vama Anga Sohat Chhavi Nyari
Kara Trishul Sohat Chhavi Bhari
Karat Sada Shatrun Chhayakari

Nandi Ganesh Sohain Tahan Kaise
Sagar Madhya Kamal Hain Jaise
Kartik Shyam Aur Gana rauo
Ya Chhavi Ko Kahi Jata Na Kauo


Devan Jabahi Jaya Pukara
Tabahi Dukha Prabhu Apa Nivara
Kiya Upadrav Tarak Bhari
Devan Sab Mili Tumahi Juhari

Turata Shadanana Apa Pathayau
Luv nimesh Mahi Mari Girayau
Apa Jalandhara Asura Sanhara
Suyash Tumhara Vidit Sansara


Tripurasur Sana Yudha Machai
Sabhi Kripakar Lina Bachai
Kiya Tapahin Bhagiratha Bhari
Purahi Pratigya Tasu Purari

Darpa chod Ganga thabb Aayee
Sevak Astuti Karat Sadahin
Veda Nam Mahima Tav Gai
Akatha Anandi Bhed Nahin Pai


Pragati Udadhi Mantan te Jvala
Jarae Sura-Sur Bhaye bihala
Mahadev thab Kari Sahayee,
Nilakantha Tab Nam Kahai

Pujan Ramchandra Jab Kinha
Jiti Ke Lanka Vibhishan Dinhi
Sahas Kamal Men Ho Rahe Dhari
Kinha Pariksha Tabahin Purari


Ek Kamal Prabhu Rakheu goyee
Kushal-Nain Pujan Chahain Soi
Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar
Bhaye Prasanna Diye-Ichchhit Var

Jai Jai Jai Anant Avinashi
Karat Kripa Sabake Ghat Vasi
Dushta Sakal Nit Mohin Satavai
Bhramat Rahe Man Chain Na Avai


Trahi-Trahi Main Nath Pukaro
Yahi Avasar Mohi Ana Ubaro
Lai Trishul Shatrun Ko Maro
Sankat Se Mohin Ana Ubaro

Mata Pita Bhrata Sab Hoi
Sankat Men Puchhat Nahin Koi
Swami Ek Hai Asha Tumhari
Ai Harahu Ab Sankat Bhari


Dhan Nirdhan Ko Deta Sadahin
Arat jan ko peer mitaee,
Astuti Kehi Vidhi Karai Tumhari
Shambhunath ab tek tumhari

Dhana Nirdhana Ko Deta Sadaa Hii
Jo Koi Jaanche So Phala Paahiin
Astuti Kehi Vidhi Karon Tumhaarii
Kshamahu Naatha Aba Chuuka Hamaarii


Shankar Ho Sankat Ke Nashan
Vighna Vinashan Mangal Karan
Yogi Yati Muni Dhyan Lagavan
Sharad Narad Shisha Navavain

Namo Namo Jai Namah Shivaya
Sura Brahmadik Par Na Paya
Jo Yah Patha Karai Man Lai
To kon Hota Hai Shambhu Sahai


Riniyan Jo Koi Ho Adhikari
Patha Karai So Pavan Hari
Putra-hin Ichchha Kar Koi
Nischaya Shiva Prasad Tehin Hoi

Pandit Trayodashi Ko Lavai
Dhyan-Purvak Homa Karavai
Trayodashi Vrat Kare Hamesha
Tan Nahin Take Rahe Kalesha


Dhuupa Diipa Naivedya Chadhaave
Shankara Sammukha Paatha Sunaave
Janma Janma Ke Paapa Nasaave
Anta Dhaama Shivapura Men Paave

।। Doha ।।

Nitya Nema kari Pratahi
Patha karau Chalis
Tum Meri Man Kamana
Purna Karahu Jagadisha

मस्तक जिसके चंद्रमा, जटा से गंगा प्रकटाए

पुण्य फल मिले उसको , जो शिव पर जल चढ़ाए।।

अपने सभी शिव भक्तों को देवों के देव अर्थात् महादेव की स्तुति-वंदना करने के लिए विस्तारपूर्वक हिंदी व अंग्रेजी दोनो ही भाषाओँ में, शिव चालीसा के सम्पूर्म पाठ को प्रस्तुत किया ताकि हमारे सभी शिव भक्त नियमित तौर पर शिव चालीसा का पठन-पाठन करके अपना व अपने पूरे परिवार का कल्याण सुनिश्चित कर सकें।

किस्मत लिखने वाले को भगवान कहते हैं जो किस्मत बदल दे उसे भोलेनाथ कहते हैं।। ”

भगवान शिव को दानी व ज्ञानी कहा जाता है और इसके साथ ही साथ इन्हें विश्व – सृजनकर्ता के साथ ही साथ विश्व-संहारकर्ता भी कहा जाता है अर्थात् यही हमारे जन्म व मरन का अन्तिम सत्य महादेव शिव ही है इसीलिए ना केवल अपने जीवन को सफल व सार्थक बनाने के लिए बल्कि अपनी मृत्यु को भी सुखद बनाने के लिए हमें, अनिवार्य तौर पर शिव चालीसा का पठन-पाठन करना चाहिए।

अन्त, Shiv Chalisa आर्टिकल में, दी गई जानकारी आपको नि-संदेह पसंद आई होगी जिसके लिए आप ना केवल हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि साथ ही साथ अपने विचार सुझाव भी कमेंट करके हमें, बतायेगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।

 

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