Essay
Saraswati Puja Essay in Hindi: सरस्वती पूजा के त्यौहार पर निबंध हिन्दी मे..!
“बसन्त के आगमन से सराबोर मन, करता है सहर्ष खुशियों का अभिनन्दन।”
Saraswati Puja Essay को समर्पित इस आर्टिकल में, हम, आप सभी तो प्रमुखता से बताना चाहते है कि, हमारा गौरवमयी भारतवर्ष प्राचीनकाल से ही सरस्वती पूजा परम्परा का जीता-जागता प्रतीक रहा है और इसी के साथ भारत, त्यौहारों का भारतवर्ष है जहां पर हर वर्ग, समुदाय व समय के लिए त्यौहारों की एक लम्बी परम्परा रही है ठीक इसी परम्परा का पालन करते हुए पूरे भारतवर्ष में, विद्यार्थियों द्धारा प्रमुखता से सरस्वती मां की पूजा-अर्चना बड़े ही धूम-धाम व हर्षो-उल्लास से की जाती है ताकि उन्हें ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति हो।
“शरदिंदु समाकारे परब्रहम स्वरूपिणी वासरा पीठनिलये, सरस्वती नमोस्तुते।।”
प्रस्तावना:
सरस्वती पूजा पर निबंध में हम, आप सभी को बता दें कि, माता सरस्वती को ज्ञान व बुद्धि की देवी माना जाता है और इसलिए हमारे सभी मेधावी विद्यार्थियों द्धारा विशेष तौर पर माता सरस्वती की पूजा की जाती है ताकि उन्हें ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति हो वे अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें। साथ ही साथ हम, आप सभी को Saraswati Puja Nibandh, बता दे कि, सरस्वती पूजा कई मायनो में, वसन्तोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है जिसे पूरे भारतवर्ष में, बड़े ही धूम-धाम व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है।
अन्त हम, अपने Saraswati Puja Essay in Hindi विशेषांक आर्टिकल में, अपने सभी पाठको व विशेषकर विद्यार्थियों को Essay Hindi Me Saraswati Puja के साथ ही साथ Saraswati Puja निबंध, Saraswati Puja Essay for class 1 to 8 in hindi की भी जानकारी प्रदान करेगे ताकि हमारे विद्यार्थीगण भक्तिपूर्वक माता सरस्वती से ज्ञान व बुद्धि का आर्शीवाद प्राप्त करके कठोर परिश्रण के बल पर अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें क्योंकि यही हमारे इस आर्टिकल का मौलिक लक्ष्य है।
सरस्वती पूजा कब मनाई जाती है?
“सरस्वती नमस्तुभ्यम वरदे कामा रुपिणी, विद्यारंभम करिश्यमी सिद्धिर बवाटू में सदा।”
जैसा कि, आप सभी जानते है कि, पूरे भारतवर्ष में, ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति के लिए विशेषकर विद्यार्थियों व अन्य लोगो द्धारा भी बड़े ही भक्तिमय, हर्षो-उल्लास और धूम-धाम के साथ Saraswati Puja मनाई जाती है लेकिन हमारे कुछ पाठक व विद्यार्थियों को नहीं पता होता है कि, Saraswati Puja कब मनाई जाती है?
लेकिन इनकी इस अज्ञानता को हम, Saraswati Puja पर आधारित अपने इस आर्टिकल में, दूर कर देते है क्योंकि हम, अपने सभी पाठको व युवाओँ को बता दें कि, पूरे भारतवर्ष में, ज्ञान व बुद्धि की देवी अर्थात् सरस्वती माता की पूजा ’’ वसन्त पंचमी ’’ के दिन की जाती है अर्थात् हिंदू कैलेंडर के अनुसार सरस्वती पूजा का त्यौहार माघ मास के 5वें दिन ’’ सरस्वती पूजा ’’ के रुप में मनाया जाता है व साथ ही साथ सरस्वती पूजा को वसन्त ऋतु के आगमन का प्रमुख संकेत भी माना जाता है।
यहां पर हम, आप सभी को बताते चलें कि, भारत के कई हिस्सो में, सरस्वती पूजा काफी लम्बे समय तक मनाई जाती है अर्थात् माघ मास से लेकर फाल्गुन मास तक सरस्वती पूजा की धूम देखी जा सकती है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है उत्तर प्रदेश जहां पर सरस्वती पूजा कुल 15 दिनों तक मनाई जाती है।
अन्त, हमने आप सभी को बताया कि, सरस्वती पूजा कब मनाई जाती है लेकिन क्या आप जानते है कि, सरस्वती पूजा Saraswati Puja क्यों मनाई जाती है?
सरस्वती पूजा क्यों मनाई जाती है?
“सरस्वती पूजा का यह प्यारा त्यौहार, जीवन में लायेगा खुशियां अपार।
सरस्वती विराजे आपके द्धार, शुभकामनायें हमारी करें स्वीकार।।”
Saraswati Puja Essay in Hindi निबंध में, हम, आप सभी को बता दें कि, सरस्वती पूजा पूरे भारतवर्ष का सबसे बड़ा ज्ञान व बुद्धि का त्यौहार माना जाता है जिसे हिंदू धर्म में, बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते है कि, सरस्वती पूजा क्यों मनाई जाती है?
सरस्वती पूजा क्यों मनाई जाती है? को दर्शाने के लिए हम, कुछ बिंदुओ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं:-
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ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति हेतु
Essay on Saraswati Puja को मनाने का सबसे प्रमुख कारण है ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति करना क्योंकि माता सरस्वती को ज्ञान व बुद्धि की देवी माना जाता है और इसी वजह से सरस्वती पूजा को आमतौर पर विद्यार्थियों का त्यौहार भी माना जाता है क्योंकि सरस्वती पूजा के दिन भारतवर्ष में बड़े पैमाने पर विद्यार्थियों द्धारा माता सरस्वती की पूजा की जाती है ताकि उन्हें ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति हो।
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सकारात्मक ऊर्जा, प्रेरणा और जोश के संचार हेतु
यहां पर हम, आपको Essay Hindi Me Saraswati Puja के संबंध में, यह भी बता दें कि, सरस्वती पूजा ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति के लिए तो की ही जाती है साथ ही साथ सरस्वती पूजा विद्यार्थियों में सकारात्मक ऊर्जा, प्रेरणा व जोश से संचार के लिए भी किया जाता है ताकि हमारे सभी विद्यार्थी सकारात्मक ऊर्जा से अपनी पढ़ाई कर सकें और अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें।
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सादा जीवन शैली अपनाने के लिए
बहुत कम लोगो को पता होगा कि, Saraswati Puja को ना केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि सभी प्रकार के लोगो के लिए एक सादा व सरल जीव शैली अपनाने के लिए भी मनाया जाता है ताकि हम, अपने जीवन में, बड़े-बडे कीर्तिमान स्थापित करते हुए बिना अंहकार किये एक सादा व साधारण जीवन शैली जी सकें।
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वसन्त ऋतु का स्वागत व जश्न मनाने के लिए
Saraswati Puja पर निबंध हिन्दी मे हम, आप सभी को बता दें कि, Saraswati Puja का दूसरा नाम ही वसन्तोत्सव होता है अर्थात् वसन्त के आगमन का उत्सव। वसन्त के आगमन के साथ ही साथ प्रकृति अपनी सौंदर्य से भरपूर छठा की सुनहरी चादर ओढ़ लेती है जिससे ना केवल हमारा मन हर्षित होता है बल्कि हम, प्रफुल्लित होकर अपने भीतर नई ऊर्चा और जीवन को लेकर नया उत्साह महसूस करते है।
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जीवन जीने के ढंग को सीखने हेतु
Saraswati Puja को आमतौर पर पूरे भारतवर्ष में, हर वर्ग के लोगो द्धारा एक सन्तोषजनक जीवन जीने के ढंग को सीखने के लिए मनाया जाता है जिसमें हम, प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर ना केवल मानवजाति का उद्धार करते है बल्कि अपने प्रकृति को भी सतत तौर पर नया जीवन प्रदान करते है आदि।
उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को बताया कि, पूरे भारतवर्ष में, Saraswati Puja क्यों मनाई जाती है लेकिन क्या आप जानते है कि, Saraswati Puja का महत्व क्या है?
सरस्वती पूजा का क्या महत्व है?
“मौसम की नजाकत है, हसरतो ने पुकारा है।
कैसे कहें की कितना याद करते है, यह संदेश उसी याद का इशारा है।।”
Saraswati Puja Essay for class 1 to 8 in hindi में, Saraswati Puja का क्या महत्व है? को दर्शाने के लिए हम, कुछ मौलिक बिंदुओँ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं:-
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विद्यार्थियों के लिए सरस्वती पूजा का क्या महत्व है?
जब हम, ये सवाल करते है तो हमें खुद ही ये महसूस होता है कि, ये सवाल अपने आप में, बेमानी है क्योंकि पूरे भारतवर्ष में, Saraswati Puja को विद्यार्थियों का त्यौहार माना जाता है क्योंकि Saraswati Puja के माध्यम से हमारे मेधावी विद्यार्थी बड़े ही भक्तिमय तरीके से माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करते है ताकि उन्हें ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति हो और वे पढ़-लिखकर अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें और इस प्रकार से विद्यार्थियों के लिए Saraswati Puja का क्या महत्व है स्पष्ट हो जाता है।
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आम लोगों के लिए सरस्वती पूजा का क्या महत्व है?
ऐसा नहीं है कि, Saraswati Puja का महत्व केवल विद्यार्थियों तक ही सीमित है बल्कि Saraswati Puja के महत्व का दायरा बेहद व्यापक है और इसी वजह से Saraswati Puja को विद्यार्थियों के साथ ही साथ आम लोगों द्धारा भी बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है ताकि उनके जीवन में, सुख-शांति व समृद्धि की प्रवेश हो सकें और वे एक खुशहाल जीवन जी सकें।
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महिलाओं के लिए सरस्वती पूजा क्या महत्व है?
जैसा कि, हमने कहा कि, Saraswati Puja के महत्व का दायरा बेहद व्यापक है क्योंकि Saraswati Puja हमारी महिलाओं के भी बेहद महत्व रखता है क्योंकि Saraswati Puja की मदद से हमारी महिलाओं को प्राकृतिक सौंदर्य, सादापन, कोमलता और चंचलता प्राप्त होती है जिसकी वजह से वे वास्तव में, स्त्रीत्व को प्राप्त कर पाती है।
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प्रकृति के लिए सरस्वती पूजा का क्या महत्व है?
Saraswati Puja का दूसरा नाम ही वसन्तोत्सव है अर्थात् Saraswati Puja ही हमें व पूरे भारतवर्ष को वसन्त ऋतु के आगमन की सूचना प्रदान करता है जिसका हमारी प्रकृति के लिए बेहद महत्वपूर्ण महत्व है क्योंकि Saraswati Puja के साथ ही प्रकृति पर सौंदर्य का नया पानी चढ़ने लगता है, शाखाओं पर नये पत्ते लहराने लगते है, सुंगधित हवायें धीरे-धीरे बहकर हमारे मन को हर्षित करने लगती है, सभी प्रकार के फुल खिल उठते है जिससे पूरी प्राकृतिक सुन्दरता को चार-चांद लग जाते है।
वहीं दूसरी तरफ Saraswati Puja अर्थात् वसन्तोत्सव, हम, मानवो को भी यह संदेश देता है कि हमें, प्रकृति के साथ मिलकर संधारणीय विकास को अपनाते हुए चलना चाहिए ताकि हम और हमारी प्रकृति इसी प्रकार सुन्दर और अस्तित्वमान रह सकें।
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सरस्वती पूजा का आर्थिक महत्व क्या है?
Saraswati Puja के आगमन के साथ ही बाज़ारो में, रौनक बढ़ जाती है, लोगो द्धारा बड़े पैमाने पर खरीददारी की जाती है, लोगो द्धारा Saraswati Puja के लिए बड़े पैमाने पर सस्वरती माता की मूर्तियों को श्रद्धापूर्वक खरीदा जाता है और इन सभी गतिविधियों से स्वयंमेव ही Saraswati Puja का आर्थिक महत्व उजागर हो जाता है।
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सरस्वती पूजा का सांस्कृतिक महत्व क्या है?
Saraswati Puja एक ऐसा त्यौहार है जिसका महत्व इंसानो से लेकर प्रकृति के साथ ही साथ मानवीय संसकृति व सभ्यता के लिए भी अत्यधिक है क्योंकि Saraswati Puja के दिन पूरे भारतवर्ष में बड़े ही उत्साह और हर्षो-उल्लास के साथ Saraswati Puja को समर्पित अलग-अलग प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंगारंग मंचन किया जाता है जो कि, Saraswati Puja के सांस्कृतिक महत्व को स्पष्ट करते है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से Saraswati Puja के महत्व के बारे में, बताया लेकिन क्या आप जानते है कि, Saraswati Puja कैसे मनाई जाती है?
सरस्वती पूजा कैसे मनाई जाती है?
“सूरज हर शाम को ढल ही जाता है, पतझड़ बसंत में बदल ही जाता है।
मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना, समय कैसा भी गुजर ही जाता है।।”
हमें ये कहते व बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि, हमारा भारत वास्तविक मायनो में, सांस्कृतिक भारत है और पूरे भारतवर्ष में बड़े ही धूम-धाम के साथ Saraswati Puja मनाई जाती है जिसे दर्शाने के लिए हम, कुछ मौलिक बिंदुओँ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं:–
- सरस्वती पूजा का पवित्र व पावन त्यौहार, वसन्त पंचमी के दिन बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
- सरस्वती पूजा की शुरुआत सरस्वती माता की मूर्ति स्थापना से शुरु होती है।
- पूरे भारतवर्ष में, विद्यार्थियों से लेकर आम जन-मानस तक सरस्वती पूजा के दिन सुबह से ही उपवास करता है और नहा-धोकर पूरे परिवार के साथ मिलकर सरस्वती पूजा करता है और इसके बाद भोजन ग्रहण करते है।
- विद्यार्थियों सहित आम जन-मानस भी इस दिन बड़ी ही तन्मयता के साथ माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करता है।
- सरस्वती पूजा के लिए हमारे विद्यार्थियों व लड़कियों द्धारा विशेषकर पीले रंग के वस्त्रो को पहना जाता है जिससे उनका सौंदर्य कुई गुणा निखर जाता है।
- सरस्वती पूजा को स्वादिष्ट पकवान का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि सरस्वती पूजा के दिन विशेष तौर पर पीले केसर के चावल व खीर आदि पकवान को बनाया जाता है।
- सरस्वती पूजा के दिन विशेष तौर पर पढ़ाई-लिखाई से संबंधित कोई कार्य नहीं किया जाता है।
- सरस्वती पूजा के दिन सरस्वती माता की महिमा को समर्पित अलग-अलग प्रकार के मन-भावक गीतो व कथाओं का वादन किया जाता है।
- पूरे भारतवर्ष में, सरस्वती पूजा के दिन बड़े पैमाने पर अलग-अलग प्रकार के सांस्कृतिक कार्याक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- पूरे भारतवर्ष में, सरस्वती पूजा के दिन सांझ के समय पीले रंग के पतंगो को बड़े पैमाने पर उड़ाया जाता है।
- साथ ही साथ सरस्वती पूजा के दिन हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार छोटे-छोटे बच्चो को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है।
- सरस्वती पूजा के दिन बड़े ही श्रद्धापूर्ण तरीके से माता सरस्वती की मूर्ति का करीबी नदी में, भक्तिमय ढंग से विसर्जन कर दिया जाता है।
उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने अपने सभी विद्यार्थियों व आम लोगो को बताया कि, Saraswati Puja कैसे मनाई जाती है?
सरस्वती पूजा किन-किन देशो में, मनाई जाती है?
“किताबो का साथ हो पैन पर हाथ हो, कॉपियां आपके पास हो पढ़ाई दिन रात हो।
जिन्दगी के हर इम्तिहान में आप पास हो, बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें।।”
आइए अब हम, आप सभी को बता दें कि, भारतवर्ष के अन्य प्रसिद्ध व लोकप्रिय त्यौहारों की तरह ही सरस्वती पूजा Saraswati Puja को भी बड़े ही धूम-धाम और हर्षो-उल्लास के साथ भारतवर्ष के अलावा बांग्लादेश और नेपाल सहित अनेको देशो में, बड़े ही भक्तिमय तरीके से मनाया जाता है।
उपसंहार:
भक्ति की देवी मानी जाने वाली माता सरस्वती की पूजा, Saraswati Puja के दिन बड़े ही उत्साह और हर्षो-उल्लास के साथ समाज के सभी वर्गो द्धारा मिलकर जुलकर मनाया जाता है ताकि उन्हें ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति हो सकें और उनके उज्जवल भविष्य का निर्माण हो सकें।
“इस साल का यह बसंत, आपको खुशियां दे अनन्त।
प्रेम और उत्साह से, भर दें जीवन में रंग।।”
अन्त, हमने अपने इस सरस्वती पूजा पर निबंध – Saraswati Puja Essay in Hindi को समर्पित अपने इस आर्टिकल में, आप सभी को विस्तार से Hindi Essay on Saraswati Puja की पूरी जानकारी प्रदान की और हमें, पूरी उम्मीद है कि, आप सभी को हमारा ये आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि अपने विचार व सुझाव भी हमें, कमेंट करके बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।
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