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Saina Nehwal Biography In Hindi: सायना नेहवाल का सम्पूर्ण जीवन परिचय
हम जिस देश और समाज में रहते है, यहा पुरुष और महिलाओ के लिए संविधान में समान अधिकारों का प्रावधान है। लेकिन हमारे समाज में आज भी लडकियों की क्षमता और प्रतिभा को लडको से कम ही आँका जाता है। लडकियों और महिलाओ के प्रति हमारे समाज में बहुत सी भ्रान्तिया फैली हुई है। की लडकिया तो सिर्फ चूल्हा चौका ही करती है और लडकियों को अधिक अवसर नही देना चाहिए वगैरह वगैरह। इत्यादि सभी तरह की बातो से लडकियों और महिलाओ के मनोबल को पूरी तरह से तोड़ दिया जाता है। जिससे की वह जीवन कुछ कर ही न सके, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला खिलाडी के बारे में बताने जा रहे है।
जिनके परिवार न उनकी प्रतिभा को समझते हुए उनका सहयोग किया , उन्हें जीवन में कुछ बड़ा करने और सफल होने के लिए प्रेरित किया और आज हम महिला खिलाडी को सायना नेहवाल के नाम से जानते है। जो की भारतीय महिला बैडमिन्टन खिलाडी है, जिन्होंने अपने खेल से अपना और अपने देश भारत का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है। सायना नेहवाल वर्तमान में लांखो भारतीय महिला और लडकियों के लिए बेहतरीन आदर्श है।
1 | Name | Saina Nehwal |
2 | Age | 31 Years, ( 17 March, 1990 ), Hisar. |
3 | Education | St Ann’s College, Campus School, National Institute of Rural Development and Panchayati Raj. |
4 | Profession | Indian Professional Badminton Singles Player |
5 | NetWorth | $5 Million ( 36 Crore ) |
6 | Mother / Father |
Usha Nehwal / Harvir Singh Nehwal
|
7 | Husband |
Parupalli Kashyap
|
8 | Religion | Hinduism |
9 | Nationality | Indian |
आज सभी को सायना नेहवाल से प्रेरणा लेनी चाहिए की, लडकिय ना सिर्फ चूल्हा चौका संभाल सकती है। बल्कि अपनी प्रतिभा और हुनर के दम पर अपने माता पिता और देश का नाम विश्वस्तर पर रौशन भी कर सकती है। आज इस बेहतरीन आर्टिकल में हम Saina Nehwal Biography In Hindi में तथा सायना नेहवाल का सम्पूर्ण जीवन परिचय को में जानेंगे। हम आशा करते है की आपको इस आर्टिकल में सायना नेहवाल की जीवनी तथा बायोग्राफी अवश्य ही पसंद आएगी।
Saina nehwal का बचपन:
वर्तमान में बेडमिन्टन के खेल के द्वारा अपने बेहतरीन प्रदर्शन से भारत का गौरव बढ़ने वाली सेना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को एक जाट परिवार में हरियाणा राज्य के हिसार जिले में हुआ था। सायना नेहवाल के पिता का नाम डाक्टर हरवीर सिंह नेहवाल है और सायना नेहवाल की माँ का नाम उषा नेहवाल है। चूँकि सौभाग्य से सायना नेहवाल के माता पिता बेडमिन्टन के खेल में शुरू से ही रूचि रखते थे और उनके सायना के माता पिता भी बेडमिन्टन के खिलाडी रह चुके थे।
इसलिए सायना नेहवाल की रूचि भी बेडमिन्टन के खेल में बचपन से ही थी। बेडमिन्टन के खेल में गहरी रूचि को देखते हुए सायना नेहवाल के माता पिता ने बचपन से ही उनका पूरा सहयोग किया। सायना नेहवाल के पिता को Agricultural Science में phD प्राप्त थी। सायना नेहवाल के पिता हरियाण के हिसार में ही Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University. कार्यरत थे।
Saina nehwal की शिक्षा:
चूँकि सायना नेहवाल के माता पिता भी बेडमिन्टन के खिलाडी थे। यही वजह थी की सायना नेहवाल को भी इस खेल में बचपन से ही रूचि आने लगी थी। परंतु फिर भी उनके परिवार ने उन्हें बेडमिन्टन के खेल को अपनी पढाई के साथ साथ खेलने की अनुमति दी थी। सायना नेहवाल ने अपनी शुरूआती पढाई Campus School CCS HAU, हरियाणा के हिसार से ही पूरी की थी। इसके बाद सायना नेहवाल के पिता को उनके बेहतरीन काम की वजह से प्रमोशन मिला गया था। जिसकी वजह से वब हैदराबाद जाना था। इसलिए सायना नेहवाल ने भी अपनी 12 वी की पढाई St. Ann’s College for Women, Hyderabad से पूरी की थी।
Saina nehwal का शुरूआती जीवन:
चूँकि सायना नेहवाल के पिता के प्रमोशन की वजह से अब उनका परिवार हरियाणा राज्य से हैदराबाद रहने के लिए आ गया था। सौभाग्य से सायना नेहवाल के माता पिता दोनों ही बेडमिन्टन के खिलाडी रह चुके थे। सायना नेहवाल की माँ जिनका नाम उषा रानी है। वह अपने समय की स्टेट लेवल की बैडमिंटन खिलाडी रह चुकी है। चूँकि सायना नेहवाल की माता का सपना और भी आगे खेलने का था। लेकिन एनी कारणों की वजह से वह बैडमिंटन में अपना करियर और आगे नही ले जा सकी थी। इसलिए सायना नेहवाल की माँ का सपना यह था की यदि उनका कोई बेटा अथवा बेटी होती है।
तब वह उसे अवश्य ही नेशनल लेवल का बैडमिंटन का खिलाडी बनायेंगे। सायना नेहवाल ने बैडमिंटन में अपनी गहरी रूचि तथा माँ के नेशनल लेवल के बैडमिंटन खिलाडी बनने के सपने को पूरा करने के लिए मात्र आठ साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। चूँकि सायना का परिवार हरियाणा राज्य से हैदराबाद आया था, इसलिए सायना को यह हैदराबादी भाषा में बात करने में शुरू शुरू में दिक्कत हो रही थी।
इसकी वजह से सायना नेहवाल हैदराबाद में अपनी उम्र के दुसरे बच्चे से अधिक बातचीत नही कर पा रही थी। जब सायना नेहवाल ने बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। तब उनकी बहन वोलीबाल खेलती थी। चूँकि सायना नेहवाल के पिता को अपनी यूनिवर्सिटी में शीर्ष खिलाडी रहने के लिए प्रोविडेंट फंड मिलता था। इसलिए सायना नेहवाल के पिता ने अपने प्रोविडेंट फंड को सायना को बैडमिंटन की आगे की ट्रेनिंग देने में उपयोग किया था। सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के खेल में अपनी शुरूआती प्रशिक्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम, हैदराबाद में उनके उस समय के कोच नानी प्रसाद से प्राप्त किया था।
Saina nehwal की बैडमिंटन खेल में सफलता:
देखा जाए तो बैडमिंटन के खेल का बीज उनके माता पिता के बैडमिंटन खेल के प्रति लगाव के चलते ही अंकुरित हुआ था। अपने बेटी की बैडमिंटन के प्रति गहरी रूचि को देखते हुए उनके पिता हरवीर सिंह नेहवाल ने बैडमिंटन के खेल में अपनी बेटी सायना नेहवाल को पूरा सहयोग प्रदान किया था। चूँकि यह बैडमिंटन के प्रति सायना नेहवाल की ही मेहनत का नतीजा था। सायना नेहवाल का करियर बैडमिंटन के खेल में बहुत ही कम समय में उचाइयो पर जाने लगा। चलिए हम अब हम देखते है की किस किस समय में सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के खेल में अपता स्तर बढ़ाते चली गयी।
साल 2006 – 2007 में,
साल 2006 में सायना नेहवाल के बैडमिंटन के प्रति जूनून और खेल में कड़ी मेहनत की वजह से उन्होंने अंडर-19 में अपनी जगह बनाई और “Asian Satellite Badminton tournament ” में सायना नेहवाल अंडर-19 में नेशनल चैंपियन बनी और उन्होंने इस टूर्नामेंट में जीत दर्ज करते हुए इतिहास दर्ज किया। सायना नेहवाल उस समय भारत के सबसे कम उम्र की महिला खिलाडी बनी। उन्होंने मई 2006 में, मात्र 16 वर्ष की उम्र में वह एशिया की सबसे युवा खिलाडी बन गयी थी। जिसने 4 स्टार के टूर्नामेंट में जीत दर्ज की थी। इसके कुछ ही महीनो बाद सायना नेहवाल ने इंटरनेशनल बैडमिंटन सर्किट के जरिये उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप की प्रतियोगिता में भाग लिया। यहा उनका मुकाबला चाइना की खिलाडी जिंग यांजिओं के साथ हुआ। बेहतरीन कड़े मुकाबले में सायना नेहवाल ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन दुर्भाग्य से इस मुकाबले में सायना नेहवाल की हार हुए थी। लेकिन इस हार के बाद भी सायना नेहवाल अपने खेल में बेहतर होती चली गयी।
साल 2008 में,
अपने पिछले दो वर्षो में फाइनल में वांग यिहान से हारने वाली सायना नेहवाल ने बैडमिंटन में अपना बेहतरीन खेल दिखाते हुए। वह भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाडी बनी जिसने World Junior Badminton Championship में नौवे स्थान की जापान की सायका साटो को कड़े मुकाबले में हराया था। इसके बाद बैडमिंटन में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सायना नेहवाल पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाडी बनी जो Asian Games के क्वार्टर फाइनल्स में पहुची थी। इसके बाद सितम्बर 2008 में सायना नेहवाल ने Lydia Cheah Li Ya को हराते हुए, Chinese Taipei Open 2008 में बेहतरीन जीत दर्ज की थी।
साल 2009 में,
साल 2009 के जून महीने में सायना नेहवाल पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाडी बनी जिसने BWF Super Series में जीत दर्ज की थी। इसके बाद सायना नेहवाल ने विश्व की सबसे प्रख्यात बैडमिंटन सीरीज में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर जीत दर्ज की थी। सायना नेहवाल ने चाइना Wang Lin को फाइनल में 12-21, 21-18, 21-9 बेहतरीन तरीके मात दी थी। इसके बाद अगस्त 2009 सायना नेहवाल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल्स में अपनी जगह बनाई और एक मैच में दूसरी वर्गीयता प्राप्त बैडमिंटन खिलाडी Wang Lin के साथ मुकाबले में हार गयी थी।
साल 2010 में,
इसके बाद साल 2010 में सायना नेहवाल बैडमिंटन में भारत की पहली महिला खिलाडी बनी थी। जो All England बैडमिंटन प्रतियोगिता के सेमी फाइनल्स तक पहुची थी। इसके बाद सायना नेहवाल ने साल 2010 में ही Indian Open Grand Prix Gold में Wong Mew Choo को मलेशिया में हराते हुए बेहतरीन जीत दर्ज की थी। इस टूर्नामेंट में सायना नेहवाल ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए, पूरे टूर्नामेंट की शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाडी रही थी।
इसके बाद साल 2010 से अभी तक वर्तमान में भी सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के खेल में अपने बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखते हुए। बहुत से बैडमिंटन खेलो में जीत दर्ज की है, सायना नेहवाल ने प्रत्येक वर्ष बैडमिंटन में अपने खेल को बेहतर किया है। यही वजह है की वह अपने से शीर्ष वर्गीयता प्राप्त बैडमिंटन खिलाडियों को भी अपने सर्वश्रेष्ठ खेल से बड़ी ही आसानी के साथ हरा देती है।
सायना नेहवाल ने इसके बाद साल 2010 में BWF Super 500ख़िताब अपने नाम करते हुए Indonesia Masters में Carolina Marin के विरुद्ध बेहतरीन खेल दिखाते हुए जीत हासिल की थी। इसके बाद सायना नेहवाल ने National Championship में पहली वरीयता प्राप्त भारतीय बैडमिंटन खिलाडी पी वी सिन्धु को हराया था। यह सायना नेहवाल का चौथा नेशनल ख़िताब था। चलिए अब हम जानते है सायना नेहवाल के निजी जीवन के बारे में।
Saina nehwal का निजी जीवन:
चलिए अब हम बात करते है, सायना नेहवाल के निजी जीवन के बारे में चूँकि सायना नेहवाल का जन्म हरियाणा में हुआ था। इसलिए वो और उनका पूरा परिवार अपने घर में हरयाणवी भाषा बोलता ह। यदि हम सायना नेहवाल के पसंदीदा एक्टर की बात करे, तब सायना नेहवाल को शाहरुख़ खान तथा साउथ के फेमस अभिनेता महेश बाबु बहुत पसंद है। वर्तमान में सायना नेहवाल हरियाणा में एक बैडमिंटन एकेडमी खोलने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सायना नेहवाल ने भारतीय बैडमिंटन खिलाडी Parupalli Kashyap से एक प्राइवेट सेरेमनी में दिसंबर में साल 2018 में शादी की है। चलिए अब जानते है की सायना नेहवाल को उनके बैडमिंटन में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कौन कौन अवार्ड्स तथा सम्मान प्राप्त हुए है।
अवार्ड्स तथा मान सम्मान:
सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के खेल में अपनी बेहतरीन प्रतिभा से अपना तथा अपने देश भारत का नाम भी विश्वस्तर पर रौशन किया है। बैडमिंटन के खेल में उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए उनके कई तरह के अवार्ड्स तथा सम्मान दिए जा चुके है। सायना नेहवाल को प्राप्त अवार्ड्स तथा सम्मान इस प्रकार है।
- भारत सरकार द्वारा सायना नेहवाल को बैडमिंटन के खेल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए साल 2019 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- सायना नेहवाल को खेल के लिए मिलने वाले सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार साल 2009 -2010 में दिया गया है।
- इसके बाद सायना नेहवाल को भारत सरकार द्वारा पद्श्री पुरस्कार ( लन्दन ओलम्पिक में कांस्य पदक के लिए ) से भी सम्मानित किया किया जा चुका है।
- सायना नेहवाल को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा 1 करोड़ की नकद राशि प्रदान की गयी है।
- इसके बाद राजस्थान सरकार द्वारा भी सायना नेहवाल को 50 लाख रूपए की राशि पुरस्कार स्वरुप दी गयी है।
- सायना नेहवाल को 50 लाख रूपए की राशि आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पुरस्कार स्वरुप प्रदान की गयी है।
- सायना नेहवाल को 10 लाख रूपए की राशि भारतीय बैडमिंटन संघ द्वारा भी प्रदान की गयी है।
- मंगलायतन विश्वविध्यालय द्वारा सायना नेहवाल को डॉक्टरेट की मानक उपाधि प्रदान की गयी है।
निष्कर्ष:
सायना नेहवाल जो की लांखो भारतीय महिलाओ तथा लडकियों के लिए बेहतरीन आदर्श है। क्योकि जिस लगन और जूनून के साथ बैडमिंटन में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है, वह वाकई काबिले तारीफ़ है। उन्होंने अपने बेहतरीन खेल से अपने माता पिता का नाम तो रौशन तो किया ही साथ ही साथ उन्होंने अपने देश का नाम भी बैडमिंटन के खेल में विश्वस्तर पर रौशन किया है।
हमें सायना नेहवाल से जीवन में यह सीखना चाहिए की यदि हम अपने काम को पूरी लगन और सच्ची मेहनत के साथ करते है। तब भले ही शुरुआत में मुश्किलें हमारा मार्ग रोकती है, लेकिन अंत में सफलता हमें अवश्य ही प्राप्त होती है। हमें उम्मीद है की आपको Sayna Nehwal Biography In Hindi तथा सायना नेहवाल का जीवन परिचय पर यह आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया होगा।
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