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Ratan Tata Biography in Hindi : रतन टाटा का प्रेरणादायी जीवन परिचय
रतन टाटा साहब ने 5 कमाल की बातें कहीं हैं:-
1. कोई आप पर पत्थर फेंकें तो फेंकने देना, उन पत्थरों से एक सुन्दर इमारत बना देना
2. ज़िन्दगी में Ups and Downs आने दीजिये क्यूंकि ECG में भी Straight Line का मतलब है कि हम मर चुके हैं
3. लोहे को उसकी जंग खाती है वैसे ही इंसान को उसका Mindset बर्बाद करता है
4. जो दूसरों की नकल करते हैं वो थोड़े समय के लिए जीत जाते हैं लेकिन ज़्यादा समय के लिए जीत नहीं पाते
5. तेज़ चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए लेकिन अगर दूर तक जाना चाहते हैं तो सबके साथ चलिए 🙂
बायोग्राफी ऑफ रतन टाटा हिंदी को समर्पित अपने इस लेख में, हम, भारत के Commercial / Industrial Icon कहे जाने वाले देश के प्रमुख उद्योगपति व व्यापारिक जगत के जाने – माने दिग्गज अर्थात् रतन टाटा की जीवनी प्रस्तुत करने वाले हैं जो ना केवल औघोगिक दुनिया की पहचान हैं बल्कि पद्म श्री व पद्म विभूषण से भी सम्मानित हैं।
“आगे बढ़ने के लिए जीवन में, उतार-चढ़ाव बेहद जरुरी है क्योंकि ई.सी.जी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि, हम जिन्दा नहीं है।” – Ratan Tata Quotes on success
Ratan Tata ने, लगभग 1 से अधिक दशकों तक टाटा समूह के अध्यक्ष के रुप में, अपनी भूमिकाओं का निर्वाह किया है अर्थात् 1991 से लेकर 2012 तक वे टाटा ग्रुप के प्रेसीडेंट रहे थे औ वर्तमान समय में भी टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष के रुप में टाटा ग्रुप व टाटा कम्पनी का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
Ratan Tata Biography Hindi में, रतन टाटा पूरी संघर्षमयी जीवनी को प्रस्तुत करने के लिए हम, रतन टाटा के व्यापारिक यात्रा के साथ-साथ उनके कल्याणकारी व समाज – सेवक के चरित्र को भी उजागर करेंगे ताकि ना केवल हमारे युवा पाठक उनसे व्यापारिक जीवन का मर्म प्राप्त कर पाये बल्कि एक अच्छा नागरिक व अच्छें इंसान बनने की प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर पायें।
जिन बिंदुओं पर विस्तार से होगी चर्चा
- Ratan Tata Kaun Hai? / रतन टाटा कौन हैं?
- बायोग्राफी ऑफ रतन टाटा इन हिंदी? / ratan tata biography in hindi?
- Ratan Tata Quotes on Success? / सफलता पर रतन टाटा के विचार व वक्तव्य?
Ratan Tata Kaun Hai? / रतन टाटा कौन हैं?
यदि आपको सच में, नहीं पता है कि, Ratan Tata Kaun Hai? / रतन टाटा कौन हैं? तो आपके लिए आज के समय में ये जानना बेहद जरुरी हैं क्योंकि रतन टाटा उस विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे जमशेदजी टाटा नें, शुरु किया था और अभी हाल भी मे 28 दिसम्बर, 2012 के रटन टाटा ने, टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारीयों से खुद को मुक्त किया।
“सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धान्त नहीं है।” – Ratan Tata Quotes on success
रतन टाटा ना केवल एक चतुर और समय के मर्म को समझ कर व्यापारिक चाल चलने वाले कुशल खिलाड़ी है बल्कि साथ ही साथ प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगो के दुख-दर्द को कम करने वाले एक उदार समाज सेवक भी हैं क्योंकि रतन टाटा ने बाढ़, सूखा, अकाल, चक्रवात, भूकम्प और अन्य प्राकृतिक आपदाओं मे फंसे पीड़ितो, गरीबों व असहाय लोगो की जी-जान से सेवा की हैं।
साल 2020 की सबसे बड़ी दुखद देन कोरोना वायरस को माना जाता हैं लेकिन रतन टाटा ने, समाज के व देश के गरीबी लोगो को इस संक्रमण से सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए भारी मात्रा में, रुपयों का दान दिया था जिससे ना केवल उनकी समाज-सेवक की छवि उभरती है बल्कि साथ ही साथ एक जिम्मेदार व कर्तव्यपरायण नागरिक की झलक भी दिखाई देती है जिनसे हमें, प्रेरणा लेनी चाहिए।
बायोग्राफी ऑफ रतन टाटा इन हिंदी / Rata Tata Biography in Hindi?
भारत के सबसे बड़ी व्यापारिक संस्थान अर्थात् टाटा ग्रुप के एक्स – प्रेसीडेंट रतन टाटा जो कि, भारतीय व्यापारिक जगत के Commercial / Industrial Icon माने जाते है उनके जीवन के सम्पूर्ण पहलूओँ को समेटने का पूरा प्रयास हम, इस लेख में, करेंगे जिसके लिए हम, कुछ प्रमुख बिंदुओं की मदद भी लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं –
“मैं, लगातार लोगो से लोगो को प्रोत्साहित करने, जिस पर सवाल ना उठा हो उस पर सवाल उठाने, नये विचार सामने लाने में शर्मिन्दा ना होने और चीजों को करने के लिए नई प्रक्रियाओँ को बताने के लिए कहता रहा हूँ।” – Ratan Tata quotes on success
1. रतन टाटा का जन्म कब, कहाँ और किसके हुआ?
व्यापारिक जगत की पहचान कहे जाने वाले रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर, 1937 में, भारत के गुजरात राज्य के सूरत में नवल टाटा ( पिता ) व सोनू टाटा ( माता ) नामक दम्पति के घर में, हुआ था।
2. क्या है टाटा परिवार का इतिहास?
रतन टाटा मूलत नवल टाटा के बेटे है जिन्हें नवजबाई टाटा ने, तब सरकारी व आधिकारीक तौर पर गोद लिया था उनके पति रतनजी की मृत्यु हो गई थी लेकिन फिर भी इस परिवार में, टूट का दौर जारी रहा।
साल 1940 में, रतन टाटा के माता-पिता अलग हो गये और रतन टाटा सिर्फ 10 के थे और छोटे भाई जिनका नाम जिम्मी था मात्र 7 साल के थे।
माता – पिता के अलग होने के बाद रतन टाटा व उनके छोटे भाई का पूरा पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई द्धारा किया गया और उन्हें एक सफल इंसान बनने की प्रेरणा दी गई।
3. रतन टाटा ने कितनी शादियां की थी?
रतन टाटा ने, कुल दो शादियां की थी और उनकी दूसरी पत्नी का नाम सिमोना टाटा था और उससे उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति भी हुई थी जिसका नाम नोएल टाटा रखा गया था।
4. रतन टाटा की शिक्षा किस प्रकार हुई थी?
जहां तक बात रतन टाटा की शिक्षा की है तो उनके जीवन के इस पहलू को हम, विस्तार से उकेरना चाहते हैं जिसके लिए हम, निम्न बिंदुओं का प्रयोग कर रहे हैं –
- मुम्बई का कैंपियन स्कूल जहां से रतन टाटा ने, अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की,
- रतन टाटा ने, अपनी माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन केनन स्कूल से की थी,
- रतन टाटा ने, अपना ग्रेजुऐशन sc के वास्तुकला के तहत अंतर्गत Structural Engineering की शिक्षा कार्नेल यूनिवर्सिटि से 1962 में प्राप्त किया और
- इसके बाद रतन टाटा अपनी उच्च शिक्षा के लिए विदेश भी गये और Howard Business School से साल 1975 में, Advanced Management Programme की शिक्षा प्राप्त की और अपना अध्ययन जीवन समाप्त किया।
उपरोक्त भी बिंदुओं की मदद से हमने रतन टाटा की शैक्षणिक यात्रा की उपलब्ध जानकारी प्रदान की।
अन्त, उपरोक्त सभी बिंदुओ की मदद से हमने ना केवल रतन टाटा की शुरुआती जीवन की तस्वीर को उकेरा बल्कि साथ ही साथ हमने उनकी शैक्षणिक यात्रा को भी भली-भांति प्रस्तुत करने की कोशिश की है।
Ratan Tata’s Career Journey? / रतन टाटा का करियर कैसा रहा?
रतन टाटा जो कि, भारतीय औघोगिक जगत के जाने-माने चेहरे है का करियर भी उतना ही उम्दा और सफलतापूर्वक रहा जिसे आपके सामने प्रस्तुत करने के लिए हम यहां पर कुछ बिंदुओं की मदद ले रहे हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –
“यदि ये सार्वजनिक जांच की कसौटी पर खरा उतरता है तो इसे करो … अगर ये सार्वजनिक जांच की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो इसे मत करो” – Ratan Tata Quotes on success
1. अपने करियर की शुरुआत में, रतन टाटा ने, कहां-कहां काम किया?
रतन टाटा ने, अपने करियर की शुरुआत में कई जानी-मानी कम्पनियों में काम किया। रतन टाटा ने, अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने बाद अमेरिका के ही Los Angles के साथ California के Jones and Amones में भी काम किया और कुछ समय आई.बी.एम में भी काम किया।
2. रतन टाटा ने, कब और कैसे अपने पारिवारीक व्यापार में, कदम रखा?
रतन टाटा को नौकरी के लिए दर – दर भटकना नहीं पड़ा लेकिन कुछ समय तक अनुभव प्राप्त करने के लिए रतन टाटा ने, इधर – उधर काम किया।
अनुभव प्राप्त करने के बाद रतन टाटा ने, 1961 में टाटा ग्रुप को ज्वाइन किया और टाटा ग्रुप से उन्होंने अपने ऑफिशियल करियर की शुरुआत की।
3. टाटा ग्रुप में, काम करने का तजुर्बा कैसा रहा?
रतन टाटा का टाटा ग्रुप में, काम करने का शुरुआती तजुर्बा काफी लाभदायक रहा क्योंकि इस समय उन्हें कई व्यापारिक गुण सीखने का मौका मिला जिसे प्रस्तुत करने के लिए हम, कुछ बिंदुओं की मदद ले रहे हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –
- रतन टाटा ने, टाटा ग्रुप / कम्पनी में, अपने शुरुआती दिनों में, शॉप फ्लोर पर काम किया,
- टाटा स्टील के व्यापार को बढ़ाने व उसे नई ऊंचाई देने के लिए रतन टाटा को जमशेदपुर भी जाना पड़ा और
- इसके साथ ही साथ रतन टाटा को टाटा ग्रुप की अन्य कम्पनियों के साथ काम करने का मौका भी मिला जिससे ना केवल उन्हे अनुभव की प्राप्ति हुई बल्कि उनका व्यापारिक अस्तित्व भी उभर कर सामने आया आदि।
उपरोक्त बिंदुओ की मदद से हमने रतन टाटा के शुरुआती तजुर्बो को आपके सामने रखने का प्रयास किया है।
4. डूबती हुई नेल्को कम्पनी रतन टाटा ने, कैसे विकसित किया?
रतन टाटा की योग्यता और पात्रता पर कई बार सवाल – ए – निशान उठाया गया जिसका जबाव रतन टाटा ने, बेहद प्रभावी व कारगर ढंग से दिया।
वो साल 1971 का दौर था जब रतन टाटा को NELCO कम्पनी जिसका पूर्ण रुप National Radio and Electronic Company का प्रभारी निदेशक उस समय नियुक्त किया गया जब इस कम्पनी की आर्थिक स्थिति बिलकुल डूब चुकी थी और कम्पनी किसी भी समय बंद हो सकती थी।
लेकिन रतन टाटा ने ना केवल नेल्को कम्पनी को बचाया बल्कि उसकी आर्थिक स्थिति को तंदुरुस्त करते हुए उसका विकास किया और साथ ही साथ उसकी 20 प्रतिशत की भारी हिस्सेदारी को भी बढ़ा दिया। इस प्रकार हमें, रतन टाटा ने, अपना योग्यता व पात्रता पर उठाये सभी सवालो का कारगर जबाव दिया और अपने नाम को नई पहचान व नया मुकाम दिया।
5. Empress Mill को भी बचाने की कोशिश की थी रतन टाटा ने?
ऐसा कहा जाता है कि, नेल्को कम्पनी के उत्थान से प्रभावित होकर रतन टाटा को ना केवल नई मान्यता दी गई बल्कि साथ ही साथ घाटे के दौर से गुजर रही Empress Mill को बचाने व पुन विकास के पथ पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई जिसे रतन टाटा ने, सहर्ष स्वीकार किया।
Empress Mill के बचाने के लिए रतन टाटा ने कई नवीन उपाय किये, कम्पनी को नये सिरे से खड़ा करने के लिए बुनियादी बदलाव किये लेकिन फिर भी कम्पनी के नुकसान को कम नहीं किया जा सकें और परिणामस्वरुप कम्पनी को नुकसान का सामना करना पड़ा।
लेकिन रतन टाटा के प्रभावी मार्ग-दर्शन में, कम्पनी को उतना नुकसान नहीं हुआ जितने का अंदाजा लगाया गया था।
6. कैसे बने रतन टाटा, टाटा कम्पनी के उत्तराधिकारी?
हम, आपको बताना चाहेंगे कि, उन दिनों रतन टाटा को अपना योग्यता व पात्रता साबित करने के लिए उनके प्रतिद्धंदीयों से कड़ी चुनौती मिल रही थी लेकिन फिर भी रतन टाटा पर विश्वास करते हुए जे.आर.डी ने, साल 1981 में, रतन टाटा को टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की थी।
साल 1991 में, आखिरकार रतन टाटा को टाटा ग्रुप व इसकी अन्य कम्पनियों की जिम्मेदारी सौंपी गई जिसे ना केवल रतन टाटा ने, सहर्ष स्वीकार किया बल्कि साथ ही साथ टाटा ग्रुप व इसकी अन्य कम्पनियों को अभूतपुर्व विकास की ऊंचाईयों पर भी पहुंचाया जिसके उल्लेखनीय बिंदु इस प्रकार से हैं –
- रतन टाटा की प्रेसीडेंसी में, टाटा ग्रुप व कम्पनी ने कई महत्वपूर्ण व दूरगामी परियोजनाओँ का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया,
- टाटा ग्रुप ने, रतन टाटा की अध्यक्षता में, ना केवल भारत में, अपना अलग-अलग शाखाओं का विकास किया बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग-अलग शाखाओं को स्थापित करके टाटा ग्रुप्स को नई पहचान दी जिसके तहत टाटा मोटर्स को New York Stock Exchange में, शामिल किया गया,
- टाटा ग्रुप ने, अपने पैर पसारते हुए साल 1998 में, अपनी पहली स्वदेशी कार टाटा इंडिका को लांच किया और इसके बाद अनेको कारो को टाटा ग्रुप ने बाजार में, उतारा जिसके टाटा ग्रुप को अभूतपुर्व सफलता प्राप्त हुई,
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने रतन टाटा द्धारा टाटा ग्रुप को दी गई बुंलदियों के बारे में, बताया।
7. लखटकिया कार नैनो, रतन टाटा की कैसी योजना थी?
हम, अपने सभी पाठकों व व्यापारिक युवाओँ को बताना चाहते हैं कि, रतन टाटा ने, कई महंगी कारों को बाजार में, उतारने के बाद एक ऐसी कार को बाजार में, उतारने का फैसला किया जिसे हर आम आदमी आसानी से खरीद सकें और कार खरीदने के अपने सपने को पूरा कर सकें।
रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने, मात्र 1 लाख रुपयो की कार अर्थात् लखटकिया कार नेनौ को साल 2008 में लांच किया जिसने भारतीय बाजार में, धूम मचा दी और कार खरीदने के गरीब लोगो से सपने को साकार कर दिया।
8. आज की डेट में, क्या कर रहे हैं रतन टाटा?
लम्बी व्यापारिक सफलता के बाद रतन टाटा आजकल टाटा ग्रुप चैरिटेबल संस्थानों की अध्यक्षता कर रहे हैं और ऐसा भी माना जा रहा है कि, रतन टाटा ने, डिजिटल शॉपिंग की सुविधा देने वाली कई E-Commerce कम्पनियों जैसे कि – Snapdeal, Urban Ladder व चाइनीज मोबाइल कम्पनी Jionee में भी निवेश कर रहे हैं।
इस प्रकार टाटा ग्रुप की अध्यक्षता से सेवा-निवृत्त होने के बाद भी रतन टाटा अपनी सफलता की राह खुद बना रहे हैं जो कि, बेहद प्रेरणादायी हैं।
9. क्या है रतन टाटा के जीवन का मौलिक लक्ष्य?
किसी साक्षात्कार मे, जब रतन टाटा से पूछा गया कि, आपके जीवन का मौलिक लक्ष्य क्या है तो उन्होंने बेहद स्पष्टता भाव से कहा कि, भारतीयो के जीवन – स्तर को विकसित करना और भारत में, इंसानियत की लौ जलाना ताकि भारत का सतत विकास हो सकें।
10. किन-किन कार्यक्रमो में, शामिल है रतन टाटा?
यदि आप सोच रहे हैं कि, रतन टाटा, टाटा ग्रुप की अध्यक्षता करने के बाद कहीं आराम कर रहे हैं तो आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि व्यापारिक जगत का ये कर्मठ इंसान आज भी कई कार्यक्रमो विशेषकर समाज-सेवा के कामों में संलग्न है जैसे कि –
- रतन टाटा आजकल भारतीय एड्स कार्यक्रम के एक सक्रीय व प्रभावी कार्यकर्ता हैं,
- प्रधानमंत्री व्यापार व वाणिज्य समिति के सदस्य होने के साथ-साथ एशिया के रेंड सेन्टर के सलाहकार भी है,
- अपने लोकप्रियता व लाजबाव व्यापारिक समझ की बदौलत रतन टाटा ना केवल भारत में बल्कि मिस्तुबिसी सहकारी सहयोग नामक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के स्क्रीय सदस्य भी है आदि।
अन्त, उपरोक्त कुछ बिंदुओं की मदद से हमने आपको रतन टाटा के व्यापारिक जीवन या कहें कि, जीवन यात्रा का परिचय दिया है ताकि हमारे सभी पाठक उनके प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें।
रतन टाटा ने कौन-कौन सी उपलब्धियां कमाई हैं? / Achievements of Ratan Tata?
रतन टाटा एक ऐसा नाम है जो किसी पहचान या परिचय का मोहताज नही हैं और इसी वजह से रतन टाटा ने, अपने सफल जीवन मे कई उपलब्धियां कमाई है जैसे कि –
- येल नामक एक प्रतिष्ठित संस्थान द्धारा रतन टाटा को उनके दूरगामी नेतृत्व के लिए सुप्रसिद्ध व्यक्ति का पुरस्कार दिया गया है,
- रतन टाटा को सम्मान व पुरस्कार स्वरुप सिंगापुर की नागरिकता प्रदान की गई है,
- समाज सेवा व देश के प्रगति के लिए पूरी टाटा फैमिली को ही कार्नेल मेडल से सम्मानित किया गया है,
- रतन टाटा को साल 2000 में, भारत सरकार की तरफ से पद्म श्री व साल 2008 में, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है और
- साथ ही साथ रतन टाटा को इंडो-इजरायली चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स के द्धारा साल 2010 में, बिजनैस मैन ऑफ दे डेकड का पुरस्कार प्रदान किया गया है आदि।
उपरोक्त सभी पुरस्कार रतन टाटा ने, अपने जीवन की सफलताओँ के परिणामस्वरुप कमाया हैं।
Final Words:-
अन्त, भारत की प्रसिद्ध जानी-मानी व्यापारिक हस्ती श्री. रतन टाटा की जीवनी को समर्पित अर्थात् बायोग्राफी ऑफ रतन टाटा इन हिंदी में, हमने आपको रतन टाटा की पूरी जीवन की एक संतुलित तस्वीर प्रस्तुत की ताकि हमारे सभी पाठक व युवा भारतीय औद्योगिक जगत के Commercial / Industrial Icon कहे जाने वाले रतन टाटा को ना केवल करीब से देख पायें बल्कि उनसे प्रेरणा व प्रोत्साहन भी प्राप्त कर पाये।
अन्त, हमें आशा है कि, आपको हमारे इस लेख से रतन टाटा के जीवन की पूरी, पर्याप्त व सार्थक जानकारी मिली होगी इसलिए आप हमारे आर्टिकल को लाइक करेंगे, कमेंट करके इस पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे और साथ ही साथ हमारे इस आर्टिकल को शेयर भी करेंगे।
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