Shayari
राहत इन्दौरी की शायरी: Love, Sad, Emotional, 2 Line Rahat Indori Shayari In Hindi
हमारे बीच ही कुछ ऐसे लोग होते है, जो भले ही हमारी ही तरह साधारण जीवन जी रहे होते है। लेकिन वो अपनी प्रतिभा से सभी के दिलो में वो बेहतरीन मुकाम हासिल कर लेते है। जो की समय के साथ भुलाए नही भूलता है और वो साधारण जीवन जीते हुई भी हम सभी के लिए असाधारण हो जाते है। ये वही साधारण से दिखने वाले व्यक्ति होते है, जो अपनी अद्वितीय प्रतिभा से ही करोडो लोगो का दिल जीत लेते है। जी हां आज हम राहत इन्दौरी जी के बारे में ही बात कर रहे है, राहत इन्दौरी जी हमारे देश के सुप्रसिद्ध शायर और गीतकार है।
राहत इंदौरी की शायरी में एक अलग सा ही अपनापन और दिलकश अंदाज होता है। राहत इन्दौरी जो को शायरी के क्षेत्र में बहुत ही अधिक प्रसिद्धि हासिल है। राहत इन्दौरी जी को मुशायरो की शान भी कहा जाता था और वो मुशायरो में आये हुई सभी शायरों को अपनी बेहतरीन और तिलिस्स्मी शायरी से पछाड़ देते थे। राहत इन्दौरी की शायरी का उनकी जुबा पर होना ज़िन्दगी का होना होता है। राहत इन्दौरी जी की जुबा से निकलने वाली उन शायरी के एहसास के लिए आज भी लोग पागल से हो जाते है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपके लिए Rahat Indori Shayari In Hindi लाये है। जो आपको दोबारा से राहत इन्दोरी जी के की शायरी का वही अनुभव प्रदान करेगी, जिस अनुभव को लोग उनके मुशायरो की महफ़िलो से अपने दिलो में उतारते थे। आशा करते है की आपको Rahat Indroi Sad, Love Shayari In Hindi अवश्य ही पसंद आएगी।
Rahat Indori Ki Shayari
“मेरे अधूरे शेर में थी कुछ कमी मगर, तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।”
“अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे।”
“अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ, ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ।”
“अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है, उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते।”
“सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का, वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।”
“वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा, दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।”
“मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता, यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी।”
“ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे।”
“मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया, इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।”
“मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था, मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं।”
“इस बार एक और भी दीवार गिर गयी, बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया।”
“अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं, पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।”
Rahat Indori Shayari on Life
“ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।”
“आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो। ”
“ना हम-सफ़र ना किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।”
“अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए,
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए। ”
“फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए।”
“सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए,
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए।”
“प्यास तो अपनी सात समन्दर जैसी थी,
ना हक हमने बारिश का अहसान लिया।”
“हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।”
“अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए।”
“उस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है
बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूं। ”
“बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं।”
“कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का
इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे।”
Rahat Indori Shayari in Hindi
“लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है, इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।”
“आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।”
“जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए।”
“ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी की
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।”
“हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं, आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं।”
“मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया
मेरे कमरे में भी एक “ताजमहल” रखा हैं।”
“गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं, में आ गया हु बता इंतज़ाम क्या क्या हैं फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या हैं।”
“रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं,
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है।”
“ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे, अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।”
“शहरों में बारूदों का मौसम है,
गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।”
Rahat Indori 2 Line Shayari
“तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो, मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो।”
“घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।”
“उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।”
“हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते-जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते।”
“उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी, मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी।”
“अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं।”
“लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे, पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे।”
“दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।”
“एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो।”
“ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे,
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो।”
Rahat Indori Shayari on Love
“फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो
इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो।”
“रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।”
“मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं।”
“छू गया जब कभी ख़याल तेरा
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा।”
“भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।”
“ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।”
“कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में
और घर देर तक महकता रहा।”
“किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है
आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है।”
“नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।”
“सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।”
Rahat Indroi Ki Shayari
“कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं।”
“हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते है
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं।”
“कवि हूं कि सितारों की ज़रा आंख लगे
चांद को छत पे बुला लूंगा इशारा कर के।”
Sad Shayari of Rahat Indori
“जहां धर्म है, अधर्म है, नफरत है दूरी है जंग है,
अम्न है, दोस्ती है, दुश्मनी है।”
“ज़मीन भी सर पे रखनी हो तो रक्खो
चले हो तो ठहर जाने का नहीं।”
“जो चक्की चल रही है उसके दोनों पाठ उल्टे हैं
जो बेईमान है वो बेईमान कहते हैं।”
Rahat Indori Emotional Shayari
“मेरे अंदर से एक एक कर के सब कुछ हो गया रुखसत
मगर एक चीज बाकी है जिसे ईमान कहते हैं।”
“इस बरस हमने जमीनों में धुआं बोया है
फल नहीं आएंगे अब शाखों पर बम आएंगे।”
“जुबान तो खोल नजर तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूं मुझे हिसाब तो दे।”
Bulati Hai Magar Jane Ka Nhi Shayari
“बुलाती है मगर जाने का नईं,
ये दुनिया है इधर जाने का नईं।”
“तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के
दिल के बाज़ार में बैठे हैं खासारा कर के।”
“तेरी परछाई मेरे घर से नहीं जाती है
तू कहीं हो, मेरे अंदर से नहीं जाती है।”
राहत इन्दौरी बेहतरीन शायरी
“मैं वो दरिया हूं की हर बूंद भंवर हो जिसकी
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा कर के।”
“अपना आवारा सर जुकाने को,
तेरी देहलीज देख लेता हूं
और फिर कुछ दिखाई दे के ना दे
काम की चीज़ देख लेता हूं।”
“सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में,
किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है।”
राहत इन्दौरी दुखी शायरी
“अरे यार कहां ढूंढने जाओगे हमारे कातिल
आप तो कत्ल का इल्ज़ाम हमी पर रख दो।”
“उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन
आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।”
“जो ये दीवार का सुराख है साज़िश है लोगों की,
मगर हम इसको अपने घर का रोशनदान कहते हैं।”
राहत इन्दौरी प्यार शायरी
“मुंतजीर हूं कि सितारों की ज़रा आंख लगे
चांद पे छत पे बुला लूंगा इशारा कर के।”
“फैसला जो कुछ भी हो, मंज़ूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क़ हो, भरपूर होना चाहिए।”
“हो वो जमुना का किनारा ये कोई शर्त नहीं
मिट्टी मिट्टी में ही रखनी है, कहीं पर रख दो।”
Shayari of Rahat Indori
“जिहालतों के अंधेरे मिटा के लौट आया
मै आज सारी किताबें जला कर लौट आया।”
“मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है
और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है।”
“ये सब धुआं है, कोई आसमान थोड़ी है
लगेगी आग, तो आएंगे घर कई सद में
यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।”
राहत इन्दौरी की सैड शायरी
“बनके एक हादसा बाजार में आ जाएगा
जो नहीं होगा वह अखबार में आ जाएगा।”
“वो चाहता था के कासा खरीद ले मेरा
मैं उसके ताज की कीमत लगा के लौट आया।”
“शहरों में तो बारुदों का मौसम है
गांव चलो अमरूदों का मौसम है
सूख चुके हैं सारे फूल फरिश्तों के
बागों में नमरूदों का मौसम है।”
राहत इन्दौरी की दो लाइन शायरी
“मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं।”
“मेरे हुजरे में नहीं, और कंही पर रख दो,
आसमां लाए हो, ले आओ, ज़मीन पर रख दो।”
“सड़क पर अर्थियां ही अर्थियां हैं
अभी माहौल मर जाने का नहीं।”
Shayari by Rahat Indori
“तेरे बदन की लिखावट में है उतार-चढ़ाव
मैं तुझको कैसे पढ़ लूंगा मुझे किताब तो दे।”
“के राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना
और हाथ जब उससे मिलाना दबा भी देना। ”
“हर सुबह है वही मातम दर ओ दीवार के साथ
कितनी लाशें मेरे घर आएंगे अखबार के साथ।”
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Finale Words / Conclusion: Rahat Indori Ki Shayari
हमें आशा है आज हम राहत इन्दौरी की शायरी आपके लिए Rahat Indori Shayari लाये है, वो आपको अवश्य ही पसंद आई है। Rahat Indori शायरी और गीतकार की कला के सबसे असाधारण व्यक्तियों में से के है। राहत इन्दोरी जी भारतीय गीतकार तथा शायरी होने के साथ साथ बॉलीवुड जगत गीतकार और उर्दू कवि थे। वह उर्दू भाषा के पूर्व प्रोफेसर और एक चित्रकार भी थे। राहत इन्दोरी जी को भारतीय शायरी जगत का सचित भी कहा जाता है, क्योकि इनके द्वारा अपनी शायरियो में आम जीवन की सभी भावनाओ को बड़े ही आसान तरीके से प्रस्तुत किया जाता है,
यदि हम बात करे राहत इन्दोरी जी द्वारा कही गयी Bulati Hai Magar Jane ka nhi की ये शायरी भारतीय युवाओ की जुबा पर आज भी राज करती है, राहत इन्दोरी जी वर्तमान में शायरी पसंद लोगो के सबसे पसंदीद शायरों में से एक है, राहत इन्दोरी जी जिन्दगी के सभी पहलुओ को बड़े ही बेहतरीन तरीके से अपनी शायरी में पिरो कर प्रस्तुत करते है। चूँकि वो एक शायर ही नही बल्कि गीतकार होने के साथ साथ एक कुशल पैन्टर भी थे, इसमें कोई दोराय नही है की हमारे राहत इन्दोरी साहब बहुत ही विलक्षण प्रतिभाओ के भी धनि थे,
आशा करते है की आपको हमारे द्वारा लायी गयी Rahat Indori Shayari: Rahat Indori Love, Sad, Life, Emotional Shayari In Hindi के साथ ही साथ आपको राहत इन्दोरी की लव शायरी, राहत इन्दोरी की दुखभरी शायरी और बुलाती है मगर जाने का नही शायरी तथा राहत इन्दोरी की सैड शायरी आपको अवश्य ही पसंद आई होगी। यदि आप के साथ साथ आपके दोस्त भी शायरीप्रेमी है। तब उन्हें भी ये बेहतरीन राहत इन्दोरी शायरी अवश्य ही साझा करे।
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