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Kapil Dev Biography In Hindi: कपिल देव का सम्पूर्ण जीवन परिचय हिंदी में
जब तक हम अपने जीवन में कोई सार्थक लक्ष्य और बगैर हौसले के आगे बढ़ते जाते है। तब हम वास्तव में जीवन को जीते नही बल्कि जीवन को निराशा के साथ काटते है। इस दुनिया में भी कुछ ऐसे लोग हुए है, जिन्होंने अपने हौसले और मेहनत के दम पर दुनिया की कायापलट ही कर दी है। वही ऐसे व्यक्ति जिस भी काम को करते है अथवा उस काम में अपना लक्ष्य बना लेते है। तब उनके द्वारा किया गया काम सभी के लिए बेहतरीन आदर्श की भांति उपयोगी होता है।
आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति की बात करने जा रहे है, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से खेल जगत के सभी प्रशंसको का दिल जीत लिया है। चूँकि हमारे देश भारत में क्रिकेट जैसे खेल को सबसे अधिक पसंद किया जाता है। ये वही व्यक्ति है, जिन्होंने भारत में क्रिकेट जैसे खेल को एक नयी पहचान प्रदान की। इस महान खिलाडी ने भारत में क्रिकेट के खेल को उस उपलब्धि तक पंहुचा दिया है। जहा से अब क्रिकेट मात्र एक खेल नही बल्कि भारतीय लोगो तथा युवाओ ले लिया धर्म बन गया है। जी हां आप बिलकुल सही व्यक्ति के बारे में सोच रहे है। आज हम भारत में क्रिकेट के श्रेष्ठतम खिलाडी कपिल देव जी के बारे में बात करने जा रहे है।
जिनकी उपस्थिति में भारतीय क्रिकेट को नए आयाम और अग्रसर दिशा प्राप्त हुई है। कपिल देव भारतीय क्रिकेट में अपने समय के सबसे बेहतरीन खिलाडियों में से एक है। उन्होंने भारत को क्रिकेट जगत में बहुत सी उपलब्धिया दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसी के साथ साथ कपिल देव जी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में एक नई पहचान प्रदान की है। कपिल देव जी ने अपने बेहतरीन खेल से अपना ही नही बल्कि भारत का नाम भी विश्वस्तर पर रौशन किया है।
1 | Name |
Kapil Dev Ramlal Nikhanj
|
2 | Age | 62 Years, ( 6 January 1959 ), Chandigarh |
3 | Education | DAV Senior Secondary School, Sector 8-C, Chandigarh |
4 | Profession | Former Indian Cricketer, Commenter. |
5 | NetWorth | 220 Crore INR |
6 | Father / Mother | Ramlal Nikhanj / Raj Kumari Lajwanti |
7 | Family | Wife: Romi Bhatia, Children: Amiya Dev |
8 | Religion | Hinduism |
9 | Nationality | Indian |
वर्तमान समय तक भी कपिल देव ही भारत के सबसे सफल आलराउंडर के रूप में जाने जाते है। आज हम बात करेंगे पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाडी तथा सबसे सफल कप्तानो में से एक कपिल देव जी के बारे में। इस बेहतरीन आर्टिकल में हम Kapil Dev Biography In Hindi तथा कपिल देव का सम्पूर्ण जीवन परिचय को जानेंगे। हम आशा करते है की कपिल देव की जीवनी अवश्य ही पसंद आएगी। चलिए अब हम जानते है की कैसे एक छोटे से लकड़ी व्यापारी के बेटे ने भारतीय क्रिकेट को क्रिकेट जगत में एक नयी पहचान प्रदान की है।
Kapil Dev का बचपन:
भारत में क्रिकेट के खेल को लोगो की रगों में उतारने वाले कपिल देव जी का जन्म 6 जनवरी, 1959 में पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ था। कपिल देव के पिता का नाम रामलाल निकुंज था तथा कपिल देव की माँ का नाम राजकुमारी था। कपिल देव का जन्म एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। जहा उनके पिताजी लकड़ी के छोटे व्यापारी थे, हम आपको बता दे की भारत पकिस्तान बटवारे के पहले कपिल देव के माता पिता पकिस्तान में रहते थे।
लेकिन बटवारे के बाद से वह भारत में रहने के लिए आ गये थे, इसके बाद कपिल देव तथा उनके दो भाईयो का जन्म भारत में ही हुआ था। कपिल देव जी की चार बहने भी है, जिनका जन्म पकिस्तान में ही हुआ था। चूँकि कपिल देव को खेलो में शुरुआत से ही रूचि थी और क्रिकेट उनको बचपन में सबसे अधिक पसंद था। चलिए अब हम आगे जानते है की कपिल देव जी की शिक्षा किसी रही और उनकी क्रिकेट में रूचि कैसे बढती गयी थी।
Kapil Dev की शिक्षा:
चूँकि भारत और पकिस्तान के बटवारे के बाद से कपिल देव जी के माता पिता भारत रहने के लिए ही आ गये थे। इसलिए कपिल देव जी का जन्म भारत में ही हुआ था, कपिल देव ने अपनी शुरूआती पढाई DAV School से की थी। लोग बताते है की इस समय भी कपिल देव स्कूल में खेलो में काफी अच्छे थे और अपने स्कूल की ओर से खेल प्रतियोगिताओ में हिस्सा लिया करते थे। वह बचपन से ही काफी अच्छे धावक के रूप में निखर रहे है। अपनी स्कूली पढाई पूरी होने के बाद कपिल देव St. Edward College गये। जहा उन्होंने अपने क्रिकेट के खेल को और भी बेहतर किया और यहा आकर उन्होंने अपने खेल को सुधारते हुए क्रिकेट को और बेहतर ढंग से सीखा था। चलिए अब हम जानते है की कपिल देव जी का आगे का जीवन किस तरह से व्यतीत हुआ और उनके जीवन में क्रिकेट का आगे का सफर कैसा रहा।
Kapil Dev का शुरूआती संघर्षपूर्ण जीवन:
चूँकि कपिल देव अपनी स्कूल और कॉलेज के दिन में क्रिकेट के काफी करीब आ गये थे। यह बता कपिल के परिवार को भी पता लगने लगी थी, की कपिल देव की रूचि बाकि सब से क्रिकेट के खेल में सर्वाधिक है। दोस्तों कहते है ना की एक अच्छे खिलाडी को बस एक मौके की आवश्यकता होती है और वह अपने बेहतरीन हुनर से मौके पर चौका लगा देता है। ऐसा ही कुछ कपिल देव जी के साथ भी हुआ था, दरअसल कपिल देव के परिवार ने क्रिकेट के प्रति उनकी गहरी रूचि को देखते हुए उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए आगे भेजने का फैसला किया।
चूँकि कपिल देव शुरू से ही क्रिकेट में गहरी रूचि रखते थे और काफी टेलेंटेड भी थे, लेकिन किसी भी खिलाडी को शुरूआती सहयोग की आवश्यकता होती है। सोभाग्य से कपिल देव जी को वह शुरूआती सहयोग पूर्व भारतीय क्रिकेटर देशप्रेम आजाद जी ने दिया था। उनके जीवन की एक रोचक बात यह है की चूँकि कपिले देव जानते थे की एक सफल और तेज तर्रार गेंदबाज बनने के लिए उनके कंधे बहुत अधिक मजबूत होने चाहिए। इसीलिए उन्होंने कुछ समय तक लकडियो को काटने का काम भी किया था।
इसके बाद क्रिकेट जगत में अपना करियर बनाने के लिए कपिल देव ने कड़ी मेहनत भी की और वह दिन प्रतिदिन अपने खेल को सुधारते थे। दोस्तों कहते है की सच्ची मेहनत कभी भी व्यर्थ नही जाती है, ऐसा ही कुछ हुआ कपिल देव जी के साथ भी दरअसल यह उनकी क्रिकेट के प्रति दीवानगी और कड़ी मेहनत का ही नतीजा था। की उन्हें आगे खेलने का मौका मिल गया था, लेकिन कपिल देव जी के जीवन में मुश्किलें हमेशा की तरह जस की तस ही बनी हुई थी। दरअसल उन्होंने सफल क्रिकेटर बनने से पहले बहुत अधिक संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत किया था। कपिल देव हमारे देश के उन चुनिन्दा खिलाडियों में से एक है, जो की बहुत ही सामान्य से परिस्थितियों में से निकलते हुए। अपने खेल और बेहतरीन प्रदर्शन से विश्वस्तर पर अपन और भारत का नाम रौशन किया था। चलिए अब हम जानत है की कपिल देव का क्रिकेट करियर किस तरह का रहा था और उन्होंने कैसे अपने खेल से सभी को प्रभावित किया था।
Kapil Dev का क्रिकेट करियर तथा सफलता:
कुछ समय के शुरूआती संघर्ष के बाद कपिल देव जी उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें को आगे क्रिकेट खेलने के लिए मौके मिलने लगे थे। यह उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा था की उन्होंने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया था और इसके बाद कपिल देव को जल्द ही आगे खेलने का मौका मिल गया था। चलिए अब आगे जानते है की किस तरह से कपिल देव ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की और उसमे सफलता हासिल की थी।
दरअसल अपने बेहतरीन प्रदर्शन से शुरुआत में कपिल देव ने सभी को प्रभावित किया था। जल्द ही कपिल देव को के खेल तथा उनकी बोलिंग को देखते हुए। उन्हें नवम्बर में साल 1975 में हरियाणा की ओर से हरियाणा की रणजी टीम में खेलने का मौका मिला। कहते है कुछ लोगो को सिर्फ मौका मिलता है, लेकिन कुछ ही लोग होते है जिनको मौका मिलता है और वो इस मौके पर चौका नही सीधा छक्का ही लगाते है। कपिल देव ने भी कुछ ऐसा ही किया था, दरअसल कपिल देव ने अपने पहले ही मैच में हरियाणा की ओर से खेलते हुए 6 विकेट चटका दिए थे। कपिल देव ने अपने प्रदर्शन से सभी को बता दिया की क्रिकेट की दुनिया में एक नया सितारा आ गया है। इसके बाद कपिल देव ने पूरा सीजन खेलते हुए 30 मैचो में लगभग 121 हासिल किये और अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।
इसके बाद सभी ने कपिल देव का प्रदर्शन रणजी ट्राफी में देख ही लिया था। कपिल देव ने रजनी ट्राफी में अपने पहले ही सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया और सभी चयनकर्ताओ का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। इसके बाद कपिल देव के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उनके रणजी ट्राफी के बाद कपिल देव को ईरानी ट्रॉफी, दुलीप ट्रॉफी और विल्स ट्रॉफी में भी खेलने का मौका मिला। कपिल देव ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से इन सभी ट्राफियो में बेहतरीन प्रदर्शन किया और डोमेस्टिक करियर में बेहतरीन खेल दिखाते हुए कपिल देव ने सभी के सामने अपनी बोलिंग से गहरी छाप छोड़ थी।
- इसके बाद लगातार कड़ी मेहनत करते हुए कपिल देव ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा और यह उनकी मेहनत का ही नतीजा था। की कपिल देव को 16 अक्टूबर साल 1978 को पकिस्तान के खिलाफ अपना डेब्यू करने का मौका मिला। कपिल ने देव ने पहली बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के विरुद्ध अपना पहला अन्तराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला था। हालाँकि यह कपिल देव का दुर्भाग्य ही था की भारत पकिस्तान के खिलाफ अपनी यह सीरिज हार गया था। लेकिन इस सीरिज के बाद भारतीय क्रिकेट और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए अच्छी बात यह थी की उन्हें कपिल देव के रूप में एक ऐसा खिलाडी मिल गया था। जो अपनी बेहतरीन बोलिंग से समनी वाली टीम के अहम विकेट चटकता और बल्लेबाजी के समय तेज तर्रार बल्लेबाजी भी करता। कपिल देव के रूप में वास्तव में उस समय भारतीय क्रिकेट को उस समय एक हीरा मिल चुका था।
- इसके बाद कपिल देव के शानदार प्रदर्शन और लीडरशिप स्किल्स को देखते हुए। कपिल देव को पहली बार साल 1992 में श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम की कप्तानी करने का मुल्क मिला। हालाँकि यह कप्तानी कपिल देव को इसलिए मिला था। क्योकि उस समय के भारतीय टीम के कप्तान सुनील गावस्कर को कुछ समय के लिए आराम दिया गया था। लेकिन इसके बाद कपिल देव अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम के रेगुलर कप्तान भी बना दिया गया था।
- कपिल देव की कप्तानी तथा उनके प्रदर्शन की असली परख तब हुई थी,और जब कपिल देव के सामने एक कप्तान के तौर पर सबसे बड़ी चुनौती 1983 में आई थी। जब कपिल देव की कप्तानी में भारत को वर्ल्ड कप खेलना था। हालाँकि वर्ल्ड कप में उस समय सभी भारत को सबसे कमजोर टीम समझा जाता था और कोई भी भारत को वर्ल्ड कप का प्रबल दावेदार नही समझता था।
- लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम ने कपिल देव जैसे बेहतरीन खिलाडी की कप्तानी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अपने फाइनल मैच में वेस्टइंडीज जैसी तगड़ी टीम को हराते हुए साला 1983 के वर्ल्डकप के फाइनल में जीत दर्ज की। इसी के साथ भारतीय ने अपने शानदार प्रदर्शन से 1983 के वर्ल्डकप में जीत दर्ज करते हुए सभी को चौका दिया था। वर्ल्डकप के दौरान कपिल देव ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए अपने बल्ले से कुल 303 रन बनाये तथा 12 विकेट्स भी झटके थे। साथ ही उन्होंने शानदार फिल्डिंग करते हुए 7 कैच भी पकड़ते हुए कई मैचो में भारत की जीत में अहम योगदान दिया था।
साल 1983 के वर्ल्डकप में जीतने के बाद कपिल देव की गिनती भारत के उन बेहतरीन खिलाडियों में की जाने लगी जो अपने प्रदर्शन और लीडरशिप से कठिन से कठिन टीम के विरुद्ध भी बड़ी आसानी से जीत दर्ज करते है। कपिल देव भारतीय क्रिकेट के उन चुनिन्दा खिलाडियों में से एक है। जिनके प्रदर्शन को लोग आज भी याद रखते हुए उनके शानदार खेल की बाते करते है।
कपिल देव उस समय के ऐसे खिलाडी थे जो अपने अकेले के दम पर ही मैच की पूरी दिशा और परिणाम बदलने की ताकत रखते थे। इसके बाद आगे भी कपिल देव जी ने और भी कई सारी सीरीजो में भारत को जिताया और अपने आपको दुनिया के महानतम खिलाडियों की सूचि में शामिल किया है। चलिए अब हम कपिल देव जी के निजी जीवन के बारे में जानते है।
Kapil Dev का निजी जीवन:
यदि हम बात करे कपिल देव जी के निजी जीवन के बारे में, तब कपिल देव जी ने साल 1980 में रोमी भाटिया नाम की लड़की से शादी की थी। कपिल देव जी की एक बेटी भी है जिनका नाम आमिया देव है। हालाँकि क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी कपिल देव के दिल में क्रिकेट के लिए पहले की ही तरह अब भी ढेर सारी जगह है। कपिल देव अब भी बतौर कोमेंटटेटर क्रिकेट से जुड़े हुए है। कपिल देव आज भी युवा खिलाडियों को क्रिकेट में सफल करियर बनाने के लिए मार्गदर्शित करते रहते है।
Kapil Dev के रिकोर्ड्स:
चलिए अब हम बात करते है कपिल देव जी के द्वारा क्रिकेट में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से बनाये गये कुछ शानदार रिकोर्ड्स के बारे में जो की इस प्रकार है।
- कपिल देव जी एकलौते ऐसे आल राउंडर खिलाडी है जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 4000 टेस्ट रन भी बनाये है और साथ ही एक गेंदबाज के रूप में 400 टेस्ट विकेट्स भी लिए है।
- साल 1994 की शुरुआत में कपिल देव दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाडी बने थे। जिनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने का रिकोर्ड था, उन्होंने Sir Richard Hadlee के रिकोर्ड को तोड़ते हुए यह कारनामा किया था।
- भारतीय क्रिकेट इतिहास में कपिल देव जी एकमात्र ऐसे खिलाडी है जिनके नाम यह रिकोर्ड है की वह बगैर रनआउट हुए उन्होंने 184 पारी खेली है।
- भारतीय क्रिकेट में कपिल देव सबसे युवा खिलाडी थे, जिन्होने टेस्ट क्रिकेट में मात्र 21 वर्ष उम्र में 100 टेस्ट विकेट्स, 24 साल की उम्र में 200 टेस्ट विकेट्स और 27 साल की उम्र में 300 टेस्ट विकेट्स लेने का रिकोर्ड अपने नाम किया है।
- कपिल देव भारतीय क्रिकेट इतिहास के एकलौते ऐसे कप्तान है जिनके नाम एक टेस्ट इनिंग में 9 विकेट्स लेने का रिकॉर्ड है।
- कपिल देव वनडे क्रिकेट में साल ( 1978-1994 ) में 253 wickets के साथ सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाडी थे।
- भारत के लिए खेलते हुए वर्ल्ड कप के इतिहास में नंबर 6 पर खेलते हुए कपिल देव के नाम सबसे अधिक रन 175 रन बनाने का रिकोर्ड है।
मान सम्मान तथा पुरस्कार:
चलिए ये तो बात हुई कपिल देव जी के क्रिकेट जगत में रिकार्ड्स के बारे में, अब चलिए हम जानते है की कपिल देव को उनके क्रिकेट जगत में बेहतरीन प्रदर्शन और योगदान के लिए कौन कौन से अवार्ड्स दिए गये है। कपिल देव को दिए गये अवार्ड्स तथा मान सम्मान के पुरस्कार इस प्रकार है।
- कपिल देव जी को क्रिकेट जगत में उनके बेहतरीन योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा साल 1979–80 में Arjuna Award से सम्मानित किया गया है।
- इसके बाद कपिल देव जी को भारत सरकार द्वारा साल 1982 में Padma Shri से भी पुरस्कृत किया जा चुका है।
- कपिल देव को साल 1983 में Wisden Cricketer of the Year के ख़िताब से भी सम्मानित किया गया है।
- इसके बाद कपिल देव जी को भारत सरकार द्वारा साल 1991 से Padma Bhushan से सम्मानित किया गया है।
- इसी के साथ कपिल देव जी को साल 2002 में Wisden Indian Cricketer of the Century का अवार्ड भी दिया गया है।
- इसके बाद कपिल देव जी को साल 2010 में ICC Cricket Hall of Fame के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- साल 2013 में कपिल देव जी को NDTV द्वारा The 25 Greatest Global Living Legends in India के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- इसी के साथ साल 2013 में ही कपिल देव को CK Nayudu Lifetime Achievement award देने की घोषणा की जा चुकी है।
निष्कर्ष:
कपिल देव जी ही वह व्यक्ति है, जिनके बेहतरीन प्रदर्शन और प्रयासों के दम पर ही दुनिया में भारतीय क्रिकेट को नई पहचान मिल पाई है। वह कपिल देव जी ही थे जिनकी वजह से विश्वस्तर पर भारतीय क्रिकेट की दशा ही बदल गयी है। वर्तमान में भारत को किसी भी अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत का प्रबल दावेदार माना जाता है और इसी के भारतीय क्रिकेट और क्रिकेटरों को अब विश्वस्तर पर और भी अधिक पसंद किया जाता है।
हमें कपिल देव जी की सफलता से सीखना चाहिए की कैसे साधारण से जीवन से कड़ी मेहनत करते हुए अपने जीवन में असाधारण व्यक्ति बना जाता है और जीवन में सफलता प्राप्त की जाती है। हमें उम्मीद है की आपको Kapil Dev Biography In Hindi तथा कपिल देव का जीवन परिचय तथा कपिल देव की जीवनी पर यह शानदार आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया है।
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