Essay
Dhanteras Essay in Hindi: धनतेरस के त्यौहार पर निबंध हिन्दी मे..!
“असुर पराजय देवता विजय दिवस, लक्ष्मी वास लक्ष्मी कृपा जय घोष दिवस। अमृत पायो देवता जीवन पायो राजकुमार, सुख समृद्धि धन वृद्धि देव दिवस।।”
Dhanteras Essay पर केंद्रीत अपने इस आर्टिकल में, हम, अपने सभी पाठको को विस्तार से धनतेरस निबंध की एक संतुलित तस्वीर प्रस्तुत करेंगे क्योंकि धनतेरस, हिंदुओँ का एक बहुत बड़ा त्यौहार है जिसे सभी भारतवासी बड़े उत्साह के साथ धूम-धाम के साथ मनाते है क्योंकि धनतेरस का त्यौहार घर में, सुख-समृद्धि के साथ ही साथ धन-सम्पत्ति में, भी वृद्धि करता है।
धनतेरस पर प्रस्तावना:
धनतेरस त्यौहार के भव्य व दिव्य आयोजन का एक मौलिक कारण ये भी होता है कि, ठीक 2 दिन बाद ही भारत का सबसे बड़ा त्यौहार जिसे हम, आमतौर पर त्यौहारों का त्यौहार कहते है अर्थात् दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है जिसका उत्साह लोगो पर देखते ही बनता है और हमारा भी यही प्रयास है कि हम, अपने Dhanteras पर निबंध हिन्दी मे, धनतेरस के त्यौहार को लेकर लोगो के उत्साह का शाब्दिक वर्णन कर सकें।
ये तो आप सभी जानते ही जानते है कि, धनतेरस के शुभ अवसर पर भारत के हल गली, नुक्कड़ और बड़े-बड़े बाजारों में, रौनक की छठा बिखर जाती है जो कि, देखते ही बनता है। वहीं दूसरी तरफ धनतेरस का केवल हमारे मानवीय जीवन को समृद्धि प्रदान करता है बल्कि हमारे गौरवमयी भारतीय सभ्यता व संस्कृति को भी उजागर करता है।
अन्त, Dhanteras Essay in Hindi पर निबंध में, हम आप सभी को विस्तार से धनतेरस निबंध Dhanteras Nibandh के साथ ही साथ Dhanteras Essay in Hindi Essay for class 1 to 8 in hindi के बारे में, पूरी जानकारी प्रदान करेगे ताकि आप सभी धूम-धाम से ना केवल धनतेरस के त्यौहार को मना सकें बल्कि धनतेरस के त्यौहार को लेकर अपने ज्ञान में, भी वृद्धि कर सकें क्योंकि यही हमारे इस आर्टिकल का लक्ष्य है।
धनतेरस का त्यौहार क्या होता है?
“सफलता कदम चूमती रहे, खुशी आसपास घूमती रहे। यश इतना फैले की कस्तूरी शर्मा जाये, लक्ष्मी की कृपा इतनी हो कि बालाजी भी देखते रहे जायें।।”
हम, अपने सभी पाठको को बात दें कि, धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है जिस दिन प्रमुख तौर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है क्योंकि भगवान धन्वतंरि अपने हाथो में, अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे और इसी वजह से धनतेरस के दिन बड़े पैमाने पर आभूषणों व अन्य वस्तुओं की खरीददारी की जाती है।
जैसा कि, हमने आपको बताया धनतेरस का त्यौहार प्रमुख भारतीय त्यौहारों में, सर्वाधिक लोकप्रिय त्यौहार है जिसकी रौनक व छठा देखते ही बनती है क्योंकि 2 दिन बाद ही त्यौहारों का त्यौहार अर्थात् दीपावली का त्यौहार आने वाला होता है जिसका खुमार लोगो के सिर चढ़ कर बोलता है जिसे हम, दीपावली के त्यौहार से पहले ही धनतेरस के त्यौहार में, महसूस कर पाते है।
धनतेरस के त्यौहार को भारतीय परम्परा के अनुसार सुख व समृद्धि का त्यौहार कहा जाता क्योंकि धनतेरस के दिन सभी के घरो में, माता लक्ष्मी का प्रवेश होता है घर को व घर के सदस्यों को घरेलू कलेषो से मुक्ति मिलती है जिससे घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वहीं दूसरी तरफ धनतेरस के त्यौहार के पावन व पवित्र मौके पर बड़े स्तर पर भारतीयों द्धारा खरीददारी की जाती है और ऐसा माना जाता है कि, धनतेरस के दिन सोने, चांदी व अन्य कीमती आभूषणों को खरीदने से हमारे घरो में, लक्ष्मी की महिमा बनी रहेगी और घर में, सतत तौर पर सुख-शांति का महौल बना रहेगा।
धनतेरस कब मनाई जाती है?
“सोने का रथ चांदी की पालकी,बैठकर जिसमें है मा लक्ष्मी आई, देने आपके परिवार को धनतेरस की बधाई।”
धनतेरस को आमतौत पर दीवाली का छोटा रुप भी कहा जाता है क्योंकि धनतेरस वाले दिन भी दीवाली जैसी की जीवन्त रौनक और हर्षो-उल्लास के दर्शन होते है लेकिन हमारे अनेको पाठको व युवाओं को धनतेरस कब मनाया जाता है इस बात को लेकर आशंका रहती है जिसे हम, अपने Essay Hindi Me Dhanteras में, दूर करने का प्रयास करेंगे जिसके लिए हम, कुछ बिंदुओं की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं:-
- धनतेरस का त्यौहार, दीपावली से ठीक 2 दिन पहले मनाया जाता है।
- हिंदुओं के प्रमुख त्यौहार के तौर पर सर्वप्रसिद्ध धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास के 13वें चन्द्र दिवस के अंधेरे पक्ष में, मनाया जाता है।
- फिर हम, यह भी कह सकते है कि, धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है।
उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आप सभी को बताया कि, धनतेरस का त्यौहार कब मनाया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि, धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है।
धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
“धनतेसर का ये प्यारा त्यौहार, आपके जीवन में लाये खुशियां अपार। माता लक्ष्मी विराजे आपके द्धार, सभी कामना आपकी करें स्वीकार।।”
आइए अब हम, अपने Dhanteras Essay in Hindi धनतेरस पूजा पर निबन्ध में सभी पाठको को विस्तार से बतायेंगे कि, धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
जैसा कि, आप सभी जानते है कि, समुंद्र मंथन के दौरान हाथ में, अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुऐ थे ताकि संकट में, पड़े देवताओं के प्राणों की रक्षा की जा सकें। अन्त में, भगवान धन्वतंरि ने, अपने अमृत से भरे हुए कलश से भी देवताओँ को अमृतपान करवाकर उनके प्राणों की रक्षा की थी और अमरत्व को प्राप्त किया था।
इसी प्रसंग से स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय परम्परा, संस्कृति और सभ्यता में, बड़े ही धूम-धाम से धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है क्योंकि धनतेरस के दिन भगवान धन्वतंरि की पूजा-आराधना करने से स्वस्थ स्वास्थ्य व दीर्धायु का फल प्राप्त होता है।
साथ ही साथ हम, आपको ये भी बताते चलें कि, धनतेरस की रात से ही “गोत्रिरात्र व्रत’’ का शुभारम्भ हो जाता है जो कि, आगामी 3 दिनों तक बड़े ही उत्साहपूर्वक ढंग से चलता है और गोवर्धन पूजा के दिन समाप्त हो जाता है जिसका अपना एक महत्व होता है।
अन्त, हम, कह सकते है कि, धनतेरस का त्यौहार लम्बी आयु, स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और उज्जवल भविष्य की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते है कि, धनतेरस के त्यौहार का क्या महत्व है?
धनतेरस के त्यौहार का क्या महत्व है?
“लक्ष्मी देवी का नूर आप पर बरसे, हर कोई आपसे मिलने को तरसे। भगवान दे आपको इतने पैसे, कि आप चिल्लर पाने को तरसे।।”
आइए अब हम, कुछ मौलिक बिंदुओँ की मदद से अपने सभी पाठको को धनतेरस के महत्व के बारे में, बतायें जो कि, इस प्रकार से हैं-
-
स्वास्थ्य व दीर्धायु के लिए महत्वपूर्ण है धनतेरस का त्यौहार
धनतेरस के त्यौहार का सबसे महत्वपूर्ण महत्व यही है कि, इस त्यौहार से हमारे लोगो व परिवारों को सुख-समृद्धि के साथ ही साथ स्वस्थ स्वास्थ्य और दीर्धायु का फल प्राप्त होता है जिससे वे बेहतर ढंग से अपने जीवन को जी पाते है और उज्जवल भविष्य का निर्माण कर पाते है।
-
खरीददारी के लिए विशेष महत्व है धनतेरस का
यदि हम, सरल शब्दो में, आप सभी को बतायें कि, धनतेरस का क्या महत्व है तो हम, कह सकते है कि, धनतेरस के त्यौहार को विशेषतौर पर खरीददारी के लिए जाना जाता है जिसके फलस्वरुप धनतेरस के दिन बड़े पैमाने पर खऱीददारी की जाती है, सोने व चांदी से बने आभूषणों के साथ ही साथ अन्य प्रकार की वस्तुओँ की खरीददारी की जाती है क्योंकि धनतेरस के दिन की जाने वाली खरीददारी को घर में, सुख-समृद्धि के प्रवेश का प्रतीक माना जाता है।
-
धनतेरस का धार्मिक महत्व क्या है?
धनतेरस का त्यौहार धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन व्यापक स्तर पर पूजा-पाठ और अनुष्ठानों आदि का आयोजन किया जाता है, हिंदू देवी-देवताओं व पौराणिक कथाओं का मंचन किया जाता है ताकि सभी परिवारों को सुख व समृद्धि की प्राप्ति हो।
-
धनतेरस का व्यापारिक महत्व क्या होता है?
धनतेरस का सर्वाधिक महत्वपूर्ण महत्व, व्यापारिक महत्व ही होता है क्योंकि धनतेरस का दिन, नया व्यापार शुरु करने के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है और साथ ही साथ धनतेरस के दिन को निवेश करने के लिए भी सबसे अच्छा दिन माना जाता है जिससे आपको व्यापार में, अपार सफलता प्राप्त होती है।
-
धनतेरस का देश की अर्थव्यवस्था के लिए क्या महत्व है?
धनतेरस के दिन सभी भारतीय बाजारो में, बड़े पैमाने पर खरीददारी की जाती है जिससे ना केवल उत्पादकों बल्कि व्यापारियों को भी अच्छा-खासा मुनाफा होता है जिसका सीधा का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था में, विकास को माना जाता है जिससे आम जन-जीवन का सतत व समृद्ध विकास होता है व लोगो के जीवन स्तर में, वृद्धि दर्ज की जाती है।
उपरोक्त सभी बिंदुओँ की मदद से हमने अपने सभी पाठको को धनतेरस के त्यौहार के महत्व के बारे में, बताया लेकिन क्या आप जानते है कि, धनतेरस का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
धनतेरस का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
“आज से आपके यहां धन की बरसात हो, मां लक्ष्मी का निवास हो। संकट का नाश हो, सर पे उन्नति का ताज हो।।”
जैसा कि, आप सभी जानते है कि, धनतेरस का त्यौहार, आने वाले दीपावली के त्यौहार के लिए ना केवल हमें, तैयार करता है बल्कि हमारे भीतर ऊर्जा व उत्साह का संचार भी करता है और इसीलिए हम, कुछ बिंदुओं की मदद से आप सभी को बताना चाहते है कि, धनतेरस का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
- धनतेरस के दिन बड़े पैमाने पर बाजारों में, रौनक छाई रहती है और ऐसा माना जाता है कि, धनतेरस के दिन खरीददारी करना अनिवार्य होता है।
- धनतेरस के दिन लोगो द्धारा बड़े पैमाने पर सोने व चांदी से बने आभूषणों की खरीददारी की जाती है।
- इस दिन लोग सोने व चांदी से बने आभूषणों के अतिरिक्त बर्तनों व इलेक्ट्रोनिक सामानों की भी बड़े पैमाने पर खरीददारी करते है क्योंकि इस इन इन वस्तुओँ की खरीद पर आकर्षक ऑफर्स का लाभ प्राप्त होता है।
- धनतेरस के दिन खरीदी गई वस्तुओँ की मदद से घर-घर में, बड़े ही भक्तिपूर्ण ढंग से धनतेरस की पूजा-आराधना की जाती है।
- धनतेरस की रात्रि से ही गोत्रिरात्र व्रत शुरु किया जाता है जो कि, लगातार 3 दिनों तक चलने के बाद गोरवर्धन पूजा के रुप में, समाप्त हो जाता है।
- धनतेरस के दिन घरो को विशेष तौर पर सजाया जाता है, साफ-सफाई की जाती है और घर में, सकारात्मक माहौल का सृजन किया जाता है ताकि घर में, लक्ष्मी का प्रवेश हो और घर में, सुख-समृद्धि बनी रहें।
उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आप सभी को बताया कि, धनतेरस का त्यौहार कैसे मनाया जाता है लेकिन क्या आप धनतेरस से जुड़ी बेहद रोचक कथा के बाहे में, जानते है?
धनतेरस से जुड़ी रोचक कथा क्या है?
“दिनो दिन बढ़ता जाये आपका कारोबार, परिवार में बना रहे स्नेह और प्यार। होती रहे आप पर सदा धन की बौछार, ऐसा हो आपको धनतेरस का त्यौहार।।”
धनतेरस जितना पवित्र त्यौहार है उसकी कथा भी उतनी ही त्याग व समर्पणपूर्ण है जिसकी शुरुआत राजा हेमा के 16 वर्षीय पुत्र से होती है जिसमें जन्म की कुंडली द्धारा ये भविष्यवाणी की जाती है कि, पुत्र के विवाह के चौथे दिन ही पुत्र की मृत्यु हो जायेगी लेकिन इस भविष्यवाणी को अन्देखा करते हुए राजा ने, बडे ही धूम-धाम से अपने पुत्र का विवाह किया।
उसकी पत्नी को इस भविष्यवाणी की पूरी जानकारी थी जिसकी वजह से उनसे विवाह के चौथे दिन अपने सभी सोने व चांदी के आभूषणों व अन्य वस्तुओं से कमरे का प्रवेश द्धार बाधित कर दिया और पुत्र की पत्नी ने, इस संकट से अपने पति की प्राण रक्षा के लिए उसे जगारे रखने का प्रयास किया और भक्तिमय गीतों का गायन शुरु किया।
इसके बाद भविष्यवाणी के अनुसार रात को जब यमराज उसके पति का प्राण हरने के लिए आये तो वे खुद को सांप के रुप में, छुपा नहीं पाये क्योंकि सांप, चमकदार आभूषणों की चमक का प्रेमी होता है जिसकी वजह से वे लाचार होकर आभूषणों के ढेर पर चढ़कर बैठ गये और रानी द्धारा गाये जा रहे भक्ति गीतो में, इतना रम गये कि, उन्हें अगली सुबह बिना प्राण लिये ही वापस जाना पड़ा।
उपसंहार:
“लक्ष्मी जी कि कृपा आप पर और आपके समस्त परिवार पर बनी रहे, धनतेरस की हार्दिक बधाईयां।।”
धनतेरस का त्यौहार स्वास्थ्य व दीर्धायु का त्यौहार माना जाता है क्योंकि इस दिन सभी भक्तजनों को ना केवल धन की प्राप्ति होती है बल्कि उन्हें स्वस्थ स्वास्थ्य व दीर्धायु का वरदान भी प्राप्त होता है साथ ही साथ उनके घर में, सुख और समृद्धि का समावेश होता है जिससे पूरे परिवार का सतत विकास और उजज्वल भविष्य का निर्माण होता है।
धनतेरस के दिन भारतीय बाजारो में, बड़े पैमाने पर खरीददारी करने की प्रथा/चलन है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि, धनतेरस के दिन खऱीददारी करने से घर में, लक्ष्मी का प्रवेश होता है और घर में, सुख-शांति के साथ ही साथ समृद्धि की छठा भी बिखर जाती है और इसीलिए हमने अपने इस आर्टिकल में, आप सभी को विस्तार से Dhanteras Essay व Dhanteras Essay in Hindi निबंध प्रदान किया ताकि आप भी धनतेरस के त्यौहर पर स्वस्थ स्वास्थ्य व दीर्घायु का वरदान प्राप्त कर सकें और यही हमारे इस आर्टिकल का मौलिक लक्ष्य है।
अन्त, हमे आशा है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल Dhanteras पर निबंध हिन्दी मे पसंद आया होगा व आर्टिकल में, दी गई जानकारी मूल्यवान सिद्ध हुई होगी जिसके लिए आप ना केवल हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि अपने विचार व सुझाव हमें, कमेंट करके बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।
सम्बंधित जानकारी:–