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Children’s Day Essay In Hindi: बाल दिवस पर निबंध हिन्दी मे..!
दोस्तों, हम सभी कभी ना कभी बच्चें रहे होंगे और हम सभी जानते है कि बचपन का समय सभी के जीवन का सबसे अनमोल और यादगार समय होता है। बाल दिवस के ख़ास मौके को हम सभी काफ़ी उत्साह और ख़ुशी के साथ मनाते है। बच्चों के लिए तो ये दिन और भी ख़ुशनुमा होता है।
भारत मे बाल दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के रूपमे मनाया जाता है। पंडित नेहरू के अनुसार बच्चे देश का भविष्य है। वो ये बात अच्छी तरह से समझते थे की देश का उज्ज्वल भविष्य बच्चों के उज्ज्वल भविष्य पर ही निर्भर करता है। पंडित नेहरू ने कहा था कि यदि किसी देश को पूर्ण रूप से विकसित बनाना है तो उस देश के बच्चों के विकास पर सबसे ज़्यादा ध्यान देना होगा। अगर किसी देश के बच्चे शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से कमज़ोर है तथा उनका चतुर्मुखी विकास नही किया गया है तो वो देश कभी भी विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है।
Essay on Children’s Day
पंडित नेहरू के बच्चों के प्रति इतना स्नेह और प्यार देखते हुए उनकी मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। भारत मे प्रत्येक वर्ष 14 November को बाल दिवस, Children’s Day In India के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन स्कूलों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी बच्चे भाग लेते है। बच्चे भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते हुए देखे जाते है। इसके साथ ही बच्चों के लिए स्कूलों में भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता तथा अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चे भी बढ़ -चढ़कर हिस्सा लेते है।
बाल दिवस की शुरुआत
दुनियाँ में सबसे पहले चिल्ड्रेन्स डे साल 1857 के जून के महीने में डॉक्टर चार्ल्स लियोनार्ड द्वारा मनाया गया था। लियोनार्ड टर्की के एक विश्वविद्यालय के प्रवक्ता थे।
इसके बाद साल 1929 में टर्की की सरकार ने हर साल 23 अप्रैल को Children Day चिल्ड्रेन्स डे के रूप में मनाने का आधिकारिक फ़ैसला लिया। इसके पश्चात कई देशों में 1 जून को भी बालदिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई जो कि साल 1950 तक ज़ारी रहा।
1950 में सयुंक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के बाद इस संघ ने 20 नवम्बर का दिन चिल्ड्रेन्स डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया।अभी भी विश्व के कई देशों में चिल्ड्रेन्स डे 20 नवम्बर को ही मनाया जाता है। वहीं लगभग 50 से अधिक देशों में चिल्ड्रेन्स डे 1 जून को मनाया जाता है।
भारत मे बालदिवस मनाने की शुरुआत 1950 से हुई। लेकिन तब ये बालदिवस पूरे विश्व के साथ ही “चिल्ड्रेन्स डे“ के रूप में 20 नवंबर को मनाया जाता था। लेकिन 27 मई 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के पश्चात भारत मे बालदिवस 14 November को मनाने का निर्णय लिया गया।
बाल दिवस मनाने का उद्देश्य
बाल दिवस पर दे सकते हैं ये भाषण:- भारत मे प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को पंडित जवाहर लाल नेहरू को याद करने के लिए मनाया जाता है इसके साथ ही बाल दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य इस बात को समझना है कि बच्चे हमारे समाज और देश के विकास में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
इस दिन विद्यालयों, सरकारी तथा गैर सरकारों संस्थाओं में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ ही उनके अधिकारों और हितों की रक्षा तथा उनके सर्वोन्मुख विकास जैसे गंभीर मुद्दे पर भी लोगो का ध्यान केंद्रित किया जाता है।
इसके साथ ही देश के उज्ज्वल भविष्य में बच्चों की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है इस बात का भी सबको आभास कराने का प्रयास भी किया जाता है।
इस दिन विद्यालयों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही कई तरह की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें बच्चे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है तथा इन सबके माध्यम से बच्चों के मानसिक स्तर में वृद्धि का प्रयास किया जाता है।
इसके साथ ही कई विद्यालयों में इस दिन बाल मेलें का भी आयोजन किया जाता है। इस मेले का संचालन भी बच्चे खुद ही करते है, इसके साथ ही कई विद्यालयों में बाल दिवस के के अवसर पर बच्चे मिलजुल कर पूरे विद्यालय के संचालन की ज़िम्मेदारी का निर्वहन करते है।
निष्कर्ष:-
Children’s Day Essay In Hindi:- भारत मे इस ख़ास दिन को सभी स्कूलों, सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं, तथा अन्य जगहों पर बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में बाल मेले का आयोजन भी किया जाता है।बच्चों को उनके महत्व का अनुभव कराने के लिए इस दिन सभी उन्हें कुछ ना कुछ उपहार अवश्य देते है। बच्चों के लिए भी एक उल्लास और ख़ुशी का दिन होता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को उनके अधिकारों के बारें में जानकारी देने के साथ ही उनके हितों की रक्षा करना भी होता है।
बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य ये है कि लोगों को इस बात को अच्छी तरह से समझाना है कि बच्चे हमारे परिवार, समाज और देश के भविष्य है। इनका विकास करना तथा इनके उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना सम्पूर्ण राष्ट्र के भविष्य को उज्ज्वल बनाने जैसा है। इसलिए सभी को बच्चों के अधिकारों और हितों को ध्यान में रखना चाहिए तथा उनके इस अधिकार की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है।
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