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भगवत गीता: Bhagavad Gita Quotes, Upadesha, Shloks, Summary in Hindi
हिन्दू धर्म के सभी पवित्र ग्रंथों में से श्रीमदभागवद गीता यह एक प्रसिद्ध और सबसे पवित्र ग्रन्थ हैं। श्रीमदभागवद गीता यह हमारी भारतीय संस्कृति की आधारशिला हैं। इसका हिन्दू धर्मग्रंथों और शास्त्रों में सर्वप्रथम स्थान हैं। यह महाभारत के भीष्म पर्व का महत्वपूर्ण अंग हैं। इसकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इस गीता में धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रस्तुत किया हैं। यह हमारी भारतीय संस्कृति की मुख्य विशेषता हैं।
ऐसे में आज के इस पोस्ट श्रीमद् भगवत गीता कोट्स तथा Bhagavad Gita Updesh | Gita Quotes in Hindi | Bhagwat Geeta Saar Hindi | Bhagavad Gita Life Lessons के माध्यम से हम आपको ना सिर्फ़ श्रीमदभागवत गीता के बारे में बताने वाले हैं बल्कि श्रीमदभागवत गीता में बताई गयी कुछ अच्छी बातों को गीता कोट्स Gita Quotes के माध्यम से भी बताने वाले है।
श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण का सन्देश:–
गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है। गीता में 18 पर्व और 700 श्लोक है। इसके रचयिता वेदव्यास हैं। गीता महाभारत के भीष्म पर्व का ही एक अंग है। लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रन्थ नहीं है और इसकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। गीता में अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रस्तुत किया गया है जो भारतीय संस्कृति की एक विशेषता है।
धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के मध्य युद्ध में अर्जुन अपने सज्जनों को देखकर युद्ध से विमुख होने लगा। धर्मयुद्ध के अवसर पर शोकमग्न अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए श्रीकृष्ण ने कहा कि व्यक्ति को निष्काम भाव से कर्म करते हुए फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए।
“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भू: मा ते सङ्गोस्त्वकर्मणि।।”
आत्मा की नित्यता बताते हुए श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि यह आत्मा अजर-अमर है । शरीर के नष्ट होने पर भी यह आत्मा मरती नहीं है । जिस प्रकार व्यक्ति पुराना वस्त्र उतार कर नया वस्त्र धारण कर लेता है, उसी प्रकार आत्मा भी पुराना शरीर छोड़कर नया शरीर धारण कर लेती है ।
आत्मा को न तो शस्त्र काट सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न वायु उड़ा सकती है और न जल ही गीला कर सकता है। आत्मा को जो मारता है और जो इसे मरा हुआ समझता है, वह दोनों यह नहीं जानते कि न यह मरती है और न ही मारी जाती है।
हे अर्जुन! युद्ध में विजयी हुए तो श्री और युद्ध न करने पर अपयश मिलेगा इसलिए युद्ध कर। गीतानुसार हमें साधारण जीवन के व्यवहार से घृणा नहीं करनी चाहिए अपितु स्वार्थमय इच्छाओं का दमन करना चाहिए। अहंकार को नष्ट करना चाहिए।अहंकार के रहते हुए ज्ञान का उदय नहीं होता, गुरु की कृपा नहीं होती और ज्ञान ग्रहण करने क्षमन नहीं होता।
श्रीमद्भागवत गीता का महत्व
श्रीमद्भागवत गीता का महत्व बहुत अधिक बताया गया हैं, कहा जाता हैं गीता सुनने मात्र से हमारे जीवन के बहुत से दुःख दूर हो जाते हैं, और पाप भी दूर होते हैं। तो हमें जीवन में जब भी समय मिले जरूर श्रीमद्भागवत का श्रावण करना चाहिए, इससे हमें श्रीमद्भागवत गीता का महत्व भी पता चलता हैं।
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हर समस्या का हल
जब भी आप किसी भी तरह की परेशानी में या दुविधा में हो तो इस ग्रंथ को पढ़ लें। इस ग्रंथ को पढ़ने से आपको अपनी परेशानी का हल जरूर मिल जाएगा। जिस तरह से गीता का ज्ञान सुनने के बाद अर्जुन अपनी दुविधा से निकल पाए थे उसी तरह से गीता पढ़ने के बाद आप भी अपनी हर दुविधा से निकल पाने में कामयाब होंगे।
कई बार हम लोग सही निर्णय लेने में असमर्थ होते हैं और क्या सही है और क्या गलत इसका फर्क नहीं कर पाते हैं। हालांकि श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ने से आप को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
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चिंता से मुक्ति
जो लोग चिंता या तनाव में रहते हैं उनको श्रीमद्भागवत गीता को जरूर पढ़ना चाहिए। इसे पढ़ने से चिंता एकदम दूर हो जाती है। श्रीमद्भागवत गीता में लिखा गया है कि चिंता और तनाव से जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए।
Bhagavad Gita सफलता का मंत्र:
जीवन में सफलता पाने के लिए हम लोग दिन रात मेहनत किया करते हैं। लेकिन कई बार सफलता हम लोगों के हाथ नहीं लग पाती है। गीता के अनुसार असफल होने पर हमें निराश नहीं होना चाहिए और अपने मन को सदा शांत रखना चाहिए। श्रीमद्भागवत गीता में लिखे गए एक श्लोक के अनुसार अशांत मन से किया गया काम सफल नहीं होता है। इसलिए जिस काम को भी आप करें तो सबसे पहले अपने मन पर काबू पाएं और शांत मन के साथ काम करें। क्योंकि कई बार हम लोग असफल होने पर अशांत हो जाते हैं और इसी अशांति के कारण हम सफल नहीं हो पाते हैं। इसके अलावा गीता में ये भी लिखा गया है कि सफलता और असफलता जीवन में आती जाती रहती हैं। इंसान को बस अपने कर्म पर विश्वास रखना चाहिए।
गीता का पहला श्लोक कौन सा है?
“धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्र समवेता युयुत्सव:।
मामका: पांडवाश्चैव किमकुर्वत संजय।।”
ऐसे में चलिए अब आपको श्रीमद् भगवत गीता कोट्स, भगवत गीता श्लोक | Shrimad Bhagwat Quotes, Shlok in Hindi के माध्यम से गीता के कुछ खास उपदेश बताने वाले हैं।
Bhagwat Geeta Shlok in Hindi
“यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥”
“परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥”
“हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्, जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:॥”
“श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥”
“क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।
स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥”
“यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥”
“सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥”
Bhagwat Gita Quotes in Hindi
- “भगवत गीता में कहा गया हैं कि कर्मो से डरिये, ईश्वर से नहीं क्योकि ईश्वर माफ कर देता हैं लेकिन कर्म कभी माफ नहीं करता।”
- “माली पौधों में पानी प्रतिदिन देता हैं, लेकिन फल सिर्फ मौसम में ही आता हैं, इसलिए जीवन में धैर्य रखे, हर काम अपने समय पर ही होगा।”
- “जीवन ना तो भविष्य में हैं और ना ही अतीत में हैं, जीवन तो केवल इस पल में हैं अर्थात इस पल का अनुभव ही जीवन हैं।”
- “जब मनुष्य अपने जीवन में किसी एक चुनौती को जीवन का केंद्र मान लेता हैं, तब वो जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर पाता।”
- “सच बोलने का साहस कीजिये, परिणाम भुगतने की शक्ति परमात्मा देंगे।”
- “गीता में स्पष्ट लिखा हैं निराशा ना हो क्योंकि कमजोर आपका वक्त हैं आप नहीं।”
- “ मेरा रथ आपके हाथो में हैं माधव मेरे जीवन में अंधेरा हो सकता हैं अंधकार नहीं।”
- “तराशने वाले पत्थरों को भी तराश देते हैं, नासमझ हीरों को भी पत्थर क़रार देते हैं।”
- “जितना हो सके अपने मन को मारे क्योकि यही एकमात्र ऐसी चीज हैं, जो हमें आगे बढ़ने नहीं देता।”
- “जो हो रहा हैं उसे होने दो, तुम्हारे ईश्वर ने तुम्हारी सोच से भी बेहतर तुम्हारे लिए सोच रखा हैं।”
- “जो आपका हैं वो आपको मिलकर ही रहेगा, चाहे उसे छीनने के लिए सारी कायनात एक हो जाये।”
- “प्रार्थना और ध्यान इंसान के लिए बहुत जरुरी है, प्रार्थना से भगवान आपकी बात सुनते हैं और ध्यान में आप भगवान की बात सुनते हैं।”
- “अहंकार मनुष्य से वह सब करवाता हैं जो अंत में उसी के विनाश का कारण बनता हैं, इसलिए जीवन में जितना जल्दी हो सके अपना अहंकार त्याग दें।”
- “समय कभी नहीं रुकता आज यदि बुरा चल रहा हैं तो कल अवश्य अच्छा आएगा आप केवल निस्वार्थ भाव से कर्म कीजिए और वही आपके हाथ में हैं।”
- “तेरे गिरने में तेरी हार नहीं, तू आदमी हैं कोई अवतार नहीं, गिर, उठ, चल, फिर भाग, क्योंकि जीवन संक्षिप्त हैं इसका कोई सार नहीं।”
- “जिसे कह दिया जाए वो शब्द होते हैं जिसकी अभिव्यक्ति ना हो पाए वो अनुभूति, और जिसे चाह कर भी ना कहा जाए वो होती हैं मर्यादा।”
- “सही कर्म वह नहीं हैं जिसके परिणाम हमेशा सही हो, अपितु सही कर्म वह हैं जिसका उद्देश्य कभी गलत ना हो।”
- “कभी -कभी जीवन में आगे बढ़ने के लिए उन चीज़ो और व्यक्तियों को भी त्यागना पड़ता हैं जो कभी तुम्हारी ह्रदय की गहराई में विलीन थे।”
- “ समय का चक्र बहुत तेज चलता हैं, इसलिए ना तो अपने बल का अंहकार करें और ना ही अपने धन का।”
- “गीता में कहा गया हैं कि जब सत्य की असत्य से लड़ाई होगी तो सत्य अकेला खड़ा होगा, और असत्य की फौज लम्बी होगी क्योकि असत्य के पीछे मूर्खो का झुण्ड भी होगा।”
- “इतिहास कहता हैं की कल सुख था, विज्ञान कहता हैं की कल सुख होगा, लेकिन धर्म कहता हैं कि अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हैं तो हर रोज सुख होगा।”
- “प्रेम के विस्तार के लिए ह्रदय से अहम का विसर्जन आवश्यक हैं, क्योकि प्रेम के धागे में यदि अहम के गांठ पड़ जाये तो प्रेम के प्रवाह का मार्ग स्वत: ही अवरुद्ध हो जाता हैं
- “बीते हुए कल और आने वाले कल की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि जो होना हैं वही होगा, जो होता हैं अच्छा ही होता हैं इसलिए वर्तमान का आनंद लो।”
- “उदय किसी का भी अचानक नहीं होता, सूर्य भी धीरे -धीरे निकलता हैं और उजाला करता हैं, धैर्य और तपस्या जिसमे हैं वही संसार को प्रकाशित कर सकता हैं।”
“जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।”
“जीवन में सही आदते देर से और गलत आदते तुरंत ही अपना प्रभाव छोड़ने लगती है।”
“मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।”
“मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।”
“ऐसा कुछ भी नहीं, चेतन या अचेतन, जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो।”
“ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है।”
“बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।”
“कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।”
“जीवन न तो भविष्य में है, न अतीत में है, जीवन तो बस इस पल में है।”
“पूर्ण ज्ञान और आलस्य मुक्त कर्म करने से सफलता के सभी मार्ग प्रशस्त हो जाते है ”
“फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।”
“समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है, परन्तु नियमित निस्वार्थ कर्म के द्वारा मनुष्य कुछ भी प्राप्त कर सकता है।”
“कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।”
“मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।”
“जब इंसान अपने काम में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते है।”
Krishna Geeta Quotes in Hindi
- “जीवन में मनुष्य का सर्वोत्तम लक्ष्य स्वयं के साथ साथ दुसरो को बेहतर बनाना होना चाहिए।”
- “इस तरह से अपने लक्ष्य को साधो की तुम्हे इस दुनिया में और कोई दूसरी चीज़ दिखे ही न।”
- “न भूतकाल और न ही भविष्य की चिंता किये बिना प्रत्येक व्यक्ति वर्तमान में जीकर सफल हो सकता है।”
- “जीवन में सभी आसक्तियो को भूलकर जो व्यक्ति अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करने में सफल हो जाता है वह वास्तव में सफल होता है ”
- “श्रृष्टि का यही नियम है की जिसका जन्म हुआ है उसका अंत भी निश्चित होता है।”
- “सफलता कोई बाहरी वस्तु नही है बल्कि जब आप खुद को बेहतर तरीके से समझ लेते हो तब आप सफल हो जाते हो।”
- “हमें अपने जीवन में लक्ष्य बनाने से नही बल्कि उन लक्ष्यों को चुराने वालो से डरना चाहिए।”
- “आपको अपने जीवन में कर्म की इच्छा होनी चाहिए न की कर्म से मिलने वालो फ्लो की।”
“केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के समान है।”
“स्वयं को किसी की तुलने में लगना व्यर्थ है बल्कि जीवन में अपने लक्ष्य के लिए एकाग्र रहना सबसे उपयोगी होता है।”
“जो व्यक्ति अपने कर्म करने में पीछे नही हटता है वो सफलता के लिए जीवन में सबसे आगे होता है।”
“एक वास्तविकता से परिपूर्ण व्यक्ति अपने लक्ष्य पर अडिग ध्यान लगा पाता है।”
“अंधकार मुक्त जीवन को जीने के लिए हमें सबसे पहले अंधकार को नष्ट करने की आवश्यकता है।”
“किसी के सहारे और झूठी दिलासा से बेहतर यही है की हम अपने व्यक्तित्व के साथ जीवन में आगे बढ़े।”
“परिवर्तन ही इस श्रृष्टि का सबसे कठोर और अमिट नियम है।”
“आप अपने जीवन में विश्वास और मान्यताओ के पुतले हो जब आप इसे तोड़ देते हो तब आप जो मर्जी चाहो वो बन सकते हो।”
“जो होता है बेहतरी के लिए होता है और हमें इसका एक हिसा बनना चाहिए।”
“हमें सदैव स्वयं से आशाये रखनी चाहिए न की उनसे जो हमसे घृणा करते है।”
“वास्तविकता हमारे जीवन में कुछ भी नही है मात्र हमारी मान्यताओ के सिवाए।”
“श्रृष्टि का यही नियम है की जिसका जन्म हुआ है उसका अंत भी निश्चित होता है।”
श्रीमद भगवद गीता कोट्स
“जो कर्म प्राकृतिक नहीं है वह हमेशा आपको तनाव देता है।”
“ईश्वर सभी वस्तुओ में है और उन सभी के ऊपर भी।”
“तुम मुझमे समर्पित हो जाओ मैं तुम्हे सभी पापो से मुक्त कर दूंगा।”
भगवद गीता कोट्स फॉर लाइफ
“जो वास्तविक नहीं है उससे कभी भी मत डरो।”
“व्यक्ति जो चाहे वह बन सकता है अगर वह उस इच्छा पर पूरे विश्वास के साथ स्मरण करे।”
“मनुष्य जिस भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ।”
भगवद गीता फॉर सक्सेस
“यह सृष्टि कर्म क्षेत्र है,बिना कर्म किये यहाँ कुछ भी हासिल नहीं हो सकता।”
“मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वह विश्वास करता है, वैसा वह बन जाता है।”
“मनुष्य को केवल अपने कर्म पर ही विश्वास करना चाहिए, कर्म श्रेष्ठ होगा तो फल भी वैसा प्राप्त होगा।”
भगवद गीता फॉर हैप्पीनेस
“मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।”
“मनुष्य के दुख का कारण उसका प्रेम ही है,वह जितना अधिक मोह करेगा उतना ही अधिक कष्ट भी भोगेगा।”
“सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता न इस लोक में है और न ही परलोक में।”
भगवद गीता हिंदी कोट्स
“सभी कर्तव्यो को पूरा करके मेरी शरण में आ जाओ।”
“जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है. इसलिए जो होना ही है उस पर शोक मत करो।”
“प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं।”
“क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है,जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।”
“प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं रहता है।”
“लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे, सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर।”
“वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।”
“मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।”
“व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।”
“जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छा ही होगा।”
“वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है। इसमें कोई शंशय नहीं है।”
“जो व्यक्ति अपने जीवन तथा कर्तव्य की समस्त आदतों में नियमित वो लगातार इसके अभ्यास से भौतिक सुखो को समाप्त कर सकता है।”
“सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।”
“जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।”
“मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में मुझे कोई नहीं जानता।”
“मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के,माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है,और लगातार तुम्हें बस, एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है।”
“स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।”
Gita Upadesha in Hindi
- गीता उपदेश:- “अज्ञानी होना गलत नहीं हैं अज्ञानी बने रहना गलत हैं।”
- गीता उपदेश:- “भरोसा सब पर कीजिए किन्तु सावधानी से क्योंकि कभी -कभी खुद के दाँत भी जीभ को काट लेते हैं।”
- गीता उपदेश:- “श्री कृष्ण कहते हैं अगर कोई तुम्हें दुःखी करे तो बुरा मत मानना क्योंकि लोग उसी पर पत्थर मारते हैं जिस पेड़ पर ज्यादा मीठे फल होते हैं।”
- गीता उपदेश:- “गीता का ज्ञान भुला कर मानवता सदा ही हारी हैं इस लिए संसार में आज भी महाभारत जारी हैं।”
- गीता उपदेश:- “ऊपर वाले की न्याय की चक्की धीमी जरूर चलती हैं लेकिन याद रखना ये पिसती बहुत अच्छे से हैं।”
- गीता उपदेश:- “प्रेम यदि पक्का हो तो विवाद चाहे कितना भी गहरा हो संबंध शेष रह ही जाता हैं।”
- गीता उपदेश:- “ह्रदय से जो दिया जा सकता हैं वो हाथ से नहीं, और मौन से जो कहा जा सकता हैं वो शब्द से नहीं।”
- गीता उपदेश:- “भरोसा यदि कृष्ण पर हो तो वे सिर्फ कृपा ही नहीं करते बल्कि सारथी भी बन जाते हैं।”
- गीता उपदेश:- “भगवत गीता में लिखा हैं इंसान के बर्बाद होने के पाँच कारण हैं नींद, गुस्सा ,डर ,थकान और काम टालने की आदत।”
- गीता उपदेश:- “युद्ध हो या जीवन सफलता केवल तीन शस्त्रों से प्राप्त होती हैं धर्म, धैर्य और साहस।”
अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा जहर क्या हैं? श्री कृष्ण ने कहा हर वो चीज जो जिंदगी में आवश्यकता से अधिक होती हैं, वही जहर हैं, फिर चाहे वो ताकत हो, धन हो, भूख हो, लालसा हो, अभिमान हो, आलस हो, प्रेम हो या घृणा जहर ही हैं।”
- गीता उपदेश:- “धार्मिक वही हैं जो सभी लोगो का सम्मान करें।”
- गीता उपदेश:- “नरक के तीन द्वार हैं -वासना, क्रोध और लालसा।”
- गीता उपदेश:- “संकट के समय धैर्य धारण करना मानो आधी लड़ाई जीता लेना हैं।”
- गीता उपदेश:- “किसी भी व्यक्ति की वास्तविक स्तिथि का ज्ञान उसके आचरण से होता हैं।”
- गीता उपदेश:- “नकारात्मकता एक ऐसी बीमारी हैं,जो आपको जीवन जीने से रोक देती हैं।”
- गीता उपदेश:- “श्री कृष्ण कहते हैं की जैसे व्यक्ति पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्रों को धारण करता हैं, ठीक उसी प्रकार आत्मा पुराने शरीर को त्याग कर दूसरे नए शरीर को धारण करता हैं।”
- गीता उपदेश:- “हे अर्जुन जो सभी इच्छाएं त्याग देता हैं और मैं और मेरा की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता हैं, उसे शांति प्राप्त होगी हैं।”
- गीता उपदेश:- “हे अर्जुन विषम परिस्थितियों में कायरता को प्राप्त करना, श्रेष्ठ मनुष्यों के आचरण के विपरीत हैं, ना तो ये स्वर्ग प्राप्ति का साधन हैं और ना ही इससे कीर्ति प्राप्त होगी।”
जो इंसान स्वयं इस जीवन में गीता शास्त्र को पढ़ेगा अथवा सुनेगा वह सब प्रकार के पापों से मुक्त हो जाएगा। गीता शास्त्र सम्पूर्ण मानव जाति के उद्धार के लिए है। कोई भी व्यक्ति किसी भी वर्ण, आश्रम या देश में स्थित हो, वह श्रद्धा भक्ति-पूर्वक गीता का पाठ करने पर परम सिद्धि को प्राप्त कर सकता है। अतः: कल्याण की इच्छा करने वाले मनुष्यों के लिए आवश्यक है कि वे गीता पढ़ें और दूसरों को पढायें। यही कल्याणकारी मार्ग है।
ऐसे में आशा करते हैं की आपको हमारी पोस्ट श्रीमद् भगवत गीता कोट्स तथा Shrimad Bhagwat Gita Quotes in Hindi खूब पसन्द आया होगा। आप इइन श्रीमद् भगवत गीता कोट्स खुद भी पढ़िए और अपने करीबियों के साथ शेयर कर के उन्हें भी गीता से जुड़ने के लिये प्रेरित कीजिये।
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