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Amitabh Bachchan Quotes in Hindi: अमिताभ बच्चन के विचार, एवं जीवनी।
Amitabh Bachchan Quotes in Hindi:- “हार मानो नहीं तो कोशिश बेकार नहीं होती। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।” यह पंक्ति हमें महानायक अमिताभ बच्चन के जीवनी से सीख मिलती है। अमिताभ बच्चन जो की आज भारतीय फिल्मी जगत के एक अनोखी सितारे हैं, और अपने अभिनय से आज भारतीय फिल्मी जगत को इतना मशहूर किया है। आज उनके अभिनय की चर्चा देश विदेशों में की जाती है। उन्हे भारत से कई सम्मानीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
अमिताभ बच्चन के इस शिखर तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था। कुछ सालों तक वे बेसरकारी नौकरी करने के बाद, उनके मन की राहों पर चलते हुए वे भारतीय फिल्म जगत में प्रवेश किए। लगातार कई सारे फिल्म फ्लॉप होने के बाद भी वे रुके नहीं और ना ही मंजिल से भटके। था हौसला उन्हें उनके इरादों पर और उन्ही बुलंद हौसलों से आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उन्हें भारत में एक सम्मानीय नागरिक का दर्जा है।
हिंदी फिल्म जगत के शहंशाह : अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan Quotes in Hindi)।
फिल्मों और छोटे पर्दे पर छोटे-छोटे अभिनय से वे हिंदी फिल्म जगत के महानायक बने। उनके द्वारा संचालित की गई टेलीविजन अनुष्ठान KBC जो कि सबसे सफल कार्यक्रम में से एक है। KBC के संचालन के साथ ही पहली बार एक नयी रिकॉर्ड बनी। KBC एक मात्र ऐसा कार्यक्रम था जो कि इतने लोगों द्वारा देखा जाने लगा था। अगर हम उनके कुछ जबरदस्त फिल्मों की बात करें तो उसकी सूची भी बहुत लंबी होगी।
चलिए अब इस महानायक के शुरुआत से उनकी जीवनी (Amitabh Bachchan bio) को जानते हैं और देखते हैं कि कैसे वे संघर्ष के साथ भारत में फिल्मी जगत में महानायक का दर्जा हासिल किया। (About Amitabh Bachchan)
अमिताभ बच्चन की शुरुआती जीवन
अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद के उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन और माता का नाम तेजी बच्चन है। उनके पिता बीसवीं सदी के अच्छे लेखकों में से एक थे। वह हिंदी कविताएं लिखते थे, उनकी माताजी एक समाजसेवक थी और इंदिरा गांधी के विश्वास पात्र थी। उनके परिवार में उनके माता-पिता और उनका एक छोटा भाई था।
अमिताभ बच्चन का नाम सर्वप्रथम इंकलाब रखा गया था क्योंकि उस समय भारत आजाद होने के दौर पर था और इंकलाब का नारा काफी लगाया जाता था। मगर आगे चलकर उनका नाम अमिताभ रखा गया। अमिताभ बच्चन की प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद के संत मैरी स्कूल से हुई। आगे चलकर वे दिल्ली के शेरवुड कॉलेज से आर्ट्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। अभी तक अमिताभ को अभिनय जगत का कुछ नहीं पता था और ना ही वे अभिनय में अपना जिंदगी देखे थे।
अभी तक वह सिर्फ अपने स्कूल, कॉलेज के दिनों में छोटे-छोटे अभिनय ही किए थे। दिल्ली में ग्रेजुएशन के बाद वे कोलकाता में एक बेसरकारी संस्था में 5 साल तक काम किया। कोलकाता में रहने के दौरान ही उन्हें फिल्मी जगत का अनुमान हुआ। यह वह दौर था जब हिंदी फिल्म की शुरुआत हो चुकी थी और धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। उन्होंने फिल्मी जगत की बदलाव को और भविष्य में आने वाली इसकी चाहा को समझा और अभिनय में अपना जिंदगी सवरने की ठान ली। आखिरकार वे कोलकाता में अपना काम छोड़कर अभिनय जगत में पैर रखने वे मुंबई आ जाते हैं।
फिल्मी जगत में अमिताभ बच्चन का नया चेहरा
पहली बार अमिताभ बच्चन को फिल्म भुवन शोम के लिए आवाज देने का काम मिला। आगे चलकर राजीव गांधी से उनके अच्छी दोस्ती होने के कारण फिल्मों में काम मिलना उतना आसान नहीं रहा। 1971 में उन्हें पहली फिल्म सात हिंदुस्तान में मौका मिला। लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म उतनी नहीं चली। मगर अमिताभ ने हिम्मत नहीं हारी और अपने प्रयास जारी रखें। उसके बाद उन्होंने मुंबई में परवाना फिल्म में काम किया।
मगर वे इसमें भी असफल रहे। उनकी स्थिति नाजुक होती जा रही थी और कईयों द्वारा तो उन्हें यह सलाह दिया जा रहा था कि वे वापस नौकरी में लग जाए। फिर उन्हें सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ आनंद फिल्म में काम करने का मौका मिला और उन्होंने उनका किरदार बखूबी निभाया। उन्हें इस फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवार्ड में सबसे अच्छा साथी अभिनेता का पुरस्कार मिला।
वे धीरे-धीरे लोगों को पसंद आने लगे मगर उनकी असली कामयाबी तेरा सनेमा के बाद 1973 में जंजीर के साथ शुरू हुई। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सुपर हिट फिल्म जैसे अदालत, अमर अकबर एंथोनी फिल्मों में काम की। 1982 में कुली फिल्म के दौरान उन्हें गंभीर चोट आई और उन्हें लगा कि वे शायद ही कभी फिल्मों में काम करने सकेंगे।
इसके बाद उन्होंने राजनीति में अपना कदम रखा मगर कुछ ही साल बाद फिर से वे शहंशाह मूवी से वापस की। इसके बाद तो वे सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि कौन बनेगा करोड़पति शो द्वारा TRP का रिकॉर्ड भी तोड़ा। उनके अच्छे अभिनय के कारण आज तक उन्हें चार बार फिल्मफेयर अवार्ड, भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री एवं पद्म विभूषण पुरस्कार द्वारा भी सम्मानित किया गया है।
चलिए अब हम महान अभिनेता के कुछ अमूल्य वचन को जानते हैं। (Amitabh Bachchan Quotes in Hindi)
“आप जीवित रहने के लिए क्या करते है और आपके जीने का उद्देश्य क्या है इन दोनों में बहुत फर्क है।”
“मै इस बात में कभी यकीन नही करता हु की मै कभी भी सुपरस्टार रहा हु।”
“ये कभी मत सोचना की जो तेज बोलते है वे शक्तिशाली ही हो, और जो धीमे बोलते हो वे कमजोर हो।”
“हम अपने जीवन में जो चाहते है उसे चुनने के लिए मुक्त है लेकिन उसके परिणाम से कभी मुक्त नही हो सकते है।”
“हर कोई साधारण ही दीखता है लेकिन सबमे एक असाधारण प्रतिभा होती है जरुरत है तो हमे उस प्रतिभा को अपने कौशल से निखारने की।”
“एक दिन ये चेहरे बदल जाते है दुनिया बदले या न बदले लेकिन कुछ ऐसे भी है काम जो हमे बताते है की कोई भी काम बड़ा या छोटा नही होता है हमारा दिल बड़ा होना चाहिए।”
“यदि आप में लगन, धैर्य, हिम्मत, है तो आप किसी भी विकट परिस्थिति में उसका सामना करते हुए सफलतापूर्वक बाहर निकल कर आगे जा सकते है।”
“मै जिन परिस्थितियों से होकर गुजरा हु उस परिस्थिति में मेरा शरीर जिस प्रकार प्रतिक्रिया की है वह किसी रणक्षेत्र से कम नही है।”
“दुष्ट व्यक्ति का स्वाभाव हमेसा दुसरो के कार्य को बिगाड़ने का ही होता है। जिस प्रकार एक वस्त्र काटने वाला चूहा कभी भी अपने पेट भरने के लिए कपड़े नही काटता है वह तो सिर्फ केवल दुसरो को नुकसान ही चाहता है।”
“मैं कोई तकनीक का इस्तेमाल नही करता हु और न ही मैं अभिनय का कोई विशेष प्रशिक्षण लिया हु मै जो भी कार्य करता हु वो पूरे मेहनत के साथ ख़ुशी से करता हु।”
“मैंने कभी महान होने के लिए काम नही किया, मैंने तो जो भी काम किया उसे बस सोच कर किया जो भी करना है उसे अपने पूरे योग्यता के साथ करना है।”
“कल खो दिया आज के लिए, आज खो दिया कल के लिए, कभी जी ना सके हम आज – आज के लिए, बीत रही है जिंदगी कल आज और कल के लिए।”
“लोग मंजिल को मुश्किल समझते है हम मुश्किल को मंजिल समझते है बड़ा फर्क है लोगो में और हम में लोग जिंदगी को दोस्त और हम दोस्त को जिंदगी समझते है।”
Final Words:-
इंसान अगर हार ना माने और किसी काम को करते रहें तो वह इसमें जरूर सफल होता है। अमिताभ बच्चन की कहानी भी कुछ ऐसी ही रही। उनको ना ही अभिनय के बारे में कुछ पता था या कुछ और। वह तो सिर्फ अपने मनचाहा कार्य में रुचि रखते थे। एक साधारण सा जिंदगी बिता कर आर 5 साल कोलकाता में बेसरकारी नौकरी करने के बाद, अचानक फिल्मी जगत में अपना भविष्य बनाने मुंबई आए इस शख्स को बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
उनकी पहली बहुत सी फिल्म असफल रही। उनकी असफलता से वह मायूस हुए मगर कभी हार नहीं मानी और इसी के साथ वे आगे चलकर बहुत अच्छी अच्छी सुपर हिट फिल्मों से सबका मनोरंजन किए। फिर अब वे पूरे हिंदी फिल्म जगत का मशहूर अभिनेता बन गए।
हम सब अमिताभ बच्चन के इस व्यक्तित्व को सलाम करते हैं और आशा करता हूं कि आपका भी जीवन बिल्कुल वैसा हो जैसा आप चाहें।
आशा है कि अमिताभ बच्चन की यह कहानी आपके लिए बेहद प्रेरणादायक रही होगी। अब तक हमारे साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।