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Acharya Prashant Hindi: आचार्य प्रशांत के विचार
Acharya Prashant Hindi:- की दिलचस्प जीवनी के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है आचार्य प्रशांत ने युवा वर्ग एवं उन्हें सुनने वालों के ऊपर गहरी छाप छोड़ी है उनके द्वारा बताया गया अध्यात्म पर विचार काफी अनोखी होती है.
आज हम जानने वाले हैं Acharya Prashant एवं उनके अनमोल विचारों का अनमोल संग्रह, यूं तो आचार्य प्रशांत जब प्रशांत थे तब उन्होंने IIT-IIM की शिक्षा ग्रहण की तथा सिविल सर्विस एग्जाम में भी क्वालिफाइड हो गए लेकिन क्या हुआ उनके साथ कि वह प्रशांत से अचार्य प्रशांत बन गए जानिए रोचक कथा आगे।
नाम | Name | आचार्य प्रशांत | Acharya Prashant |
जन्म तारीख | Date of Birth | Acharya Prashant Age 7 March 1978 | 41 years
शिक्षा | Education IIT – IIM सिविल सर्विस परीक्षा में उत्तीर्ण
Acharya Prashant Marriage Unmarried
आचार्य प्रशांत आईएएस बनना चाहते थे – Acharya Prashant Wanted to ecome an IAS
बचपन से Acharya Prashant का वातावरण सरकारी नौकरी करने वाले एवं अधिकारियों के बीच ही गुजरा क्योंकि उसके सारे परिजन कुछ ना कुछ सरकारी पद पर थे इसलिए आचार्य प्रशांत बचपन से ही आईएएस बनना चाहते थे जब आचार्य प्रसाद 15 वर्ष के थे तब से ही उन्होंने आईआईटी जेईई की तैयारी करना चालू कर दिया था।
परंतु धीरे-धीरे समय बीतता चला गया उन्हें समझ में आने लगा कि केंद्रीय सरकार का क्या मतलब होता है तथा नौकर पेशा लोगों के वास्तव में हकीकत क्या होती है उनका जीवन किस प्रकार से केवल सरकार का ऑर्डर फॉलो करने में ही बीत जाता है।
जब प्रशांत ने परीक्षा उत्तीर्ण की तब वह 2 महीने के लिए परीक्षण काल में थे तब उन्हें साफ साफ दिख गया कि केंद्रीय सरकार में काम करते हुए किस प्रकार के स्वतंत्रता से वंचित रखा जाता है जब प्रशांत 22 वर्ष के थे तब उन्होंने कहा मैं अपनी जीवन ऐसी व्यवस्था को समर्पित नहीं करना चाहता जो मुझे निरंतर हुक्म देती हो कि क्या करना है, कैसे करना है, फिर क्या था उनका सफर यहीं से चालू हो गया।
आचार्य प्रशांत का अद्वैत मिशन / Acharya Prashant Hindi
‘अद्वैत’ मिशन का काम महान और प्रशंसनीय होने के बावजूद, उसके सामने बड़ी चुनौतियाँ भी थीं। सामाजिक और शैक्षणिक प्रणाली ने छात्रों को केवल परीक्षा पास करके नौकरियाँ पाने के लिए यांत्रिक तौर पर प्रशिक्षित कर दिया था। अद्वैत मिशन द्वारा ‘आत्मबोध आधारित शिक्षा’ ‘जीवन की बुनियादी शिक्षा’, छात्रों के लिए इतनी अलग और नई थी कि छात्र अक्सर उदासीन हो जाते और खुद को वर्तमान प्रणाली के विरोध में पाते।
बहुधा कॉलेजों की प्रबंधन समिति और छात्रों के माता-पिता इस साहसपूर्ण प्रयास को समझने में असफल हो जाते। हालांकि इन सभी कठिनाइयों के बीच ‘अद्वैत’ ने अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा। इस प्रकार मिशन का विस्तार जारी रहा, जिसने लाखों छात्रों के जीवन को छुआ और आज भी रूपांतरित कर रहा है।
अतीत भूलकर आगे बढ़ने में करते थे यकीन / Acharya Prashant Hindi
एक उदहारण के तौर पर आचार्य प्रशांत बताते है कि अगर आपने २०० रुपए में किसी फिल्म कि टिकट खरीद ली है
और एक घंटे तक फिल्म देखने के बाद आपके मन में यह बात आती है कि इसके आगे भी आप्कील अगला एक और घंटा देना है या नहीं वहीं, दूसरी तरफ मन में यह भी आता है कि जब २०० रूपए भी लगा दिये है और एक घंटा भी दे दिया है तो फिर अगला एक घंटा देने में बुराई ही क्या है।
हो सकता है कि आपके दिमाग में यह ख्याल आये कि जब आप पैसा और समय दोनों ही लगा दिया है तो आगे देख ही लेते है, मगर मई कहता हूँ कि अगर आपके २०० रूपए लगाने के बाद भी एक घंटा व्यर्थ हो चूका है आगे का एक और घंटा व्यर्थ करने का कोई मतलब नहीं बनता। जबरदस्ती मन लगा कर वहां बैठने से अच्छा है की मै वोहा से चला जाऊ।
“कोई सुविधा आजादी से बड़ी नहीं”/ Acharya Prashant Hindi
कोई सुविधा आजादी से बड़ी नहीं :- यह मानना है आचार्य प्रशांत का उनको अपनी आजादी बहुत ज्यादा प्यारी है आचार्य प्रशांत शुरू से ही बड़े सरल व्यक्ति है उनकी सोच पूर्ण रूप से स्पष्ट होती है इसलिए युवा वर्ग अचार्य प्रशांत को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं वह बातों को घुमा कर नहीं कहते हैं इसलिए उनके विचार दिल एवं दिमाग को झकझोर कर रख देती है।
आचार्य प्रशांत को अभी किसी अच्छी कंपनी में अच्छे पद पर मोटी सैलरी के साथ काम करना चाहिए था क्योंकि उन्होंने बीटेक की पढ़ाई की थी ऐसा संभव था क्योंकि वह शुरू से ही सभी परीक्षा में उत्तीर्ण आए हैं तथा आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई की है वह सिविल सर्विस की परीक्षा में भी उत्तीर्ण आए थे लेकिन अचार्य प्रशांत को धीरे धीरे आजादी पसंद आने लगी और वह अध्यात्म की ओर बढ़ने लगे।
अपने ज्ञान और आध्यात्मिक साहित्य को आधार बना कर पर उन्होंने स्नातकोत्तर के छात्रों व अनुभवी पेशेवरों के लिए लीडरशिप पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया। पाठ्यक्रम कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाया गया और कभी-कभी वे उम्र में अपने से बड़े छात्रों को भी पढ़ाते थे। इस पाठ्यक्रम को सराहनीय सफलता प्राप्त हुई और उनको आगे का रास्ता और स्पष्ट होने लगा।
आचार्य प्रशांत के अनमोल विचार – Acharya Prashant Quotes Hindi
Quote 1. मौत याद रखो मौज साथ रखो।
Quote 2. प्रेम पंख देता है पिंजरा नहीं।
Quote 3. मन मतलब खोजना और “ना” पाना।
Quote 4. खुद की उम्मीद का दूसरा नाम दुख है।
Quote 5. तुम जितने छोटे हो तुम्हारे सामने कोई भी उतना ही बड़ा हो जाता है।
Best Acharya Prashant Quotes Hindi
“आध्यात्मिकता, अनावश्यक को ख़त्म करने का अनुशासन है।”
“अपने स्वंय के जीवन का निरीक्षण करें फिर आप सत्य को पहचान पाएंगे।”
“शून्यता का मतलब है खुद से मुक्त होना और जहां शून्यता है वहां परमात्मा है।”
“जीवन एक रंगमंच है इसमें अपना किरदार समझदारी से निभाए।”
“इस पल की गुणवत्ता जीवन की गुणवत्ता तय करती है। यदि यह जीवन है तो इस पल की सार्थकता जीवन की सार्थकता है।”
“यदि आप अपने तुच्छ मामलों में उलझे रहते हो
तो आप अपनी विशालता का अहसास कैसे करोगे,
मेरा जीवन और मेरी ऊर्जा को तुच्छ मामलो में बेकार क्यों जाने दे।”
“जीवन आपको यातना नहीं दे रहा है,
आपको धोखा नहीं दे रहा है, या आपको हरा नहीं रहा है।
प्यार जीवन केवल आपके साथ बेतहाशा खेल रहा है।
इसलिए बढ़िया खेल खेलना सीखो।”
“ईश्वर, प्रेम, सत्य – वे अनुभव नहीं है। वे अनुभवों से मुक्ति है।”
“अच्छा करना – बहुत दूर की बात है, जरुरी है कि पहले अच्छे हो जाओ।”
“इस पल की गुणवत्ता जीवन की गुणवत्ता तय करती है। यदि यह जीवन है, तो इस पल की सार्थकता जीवन की सार्थकता है।”
“इतना भी गंभीर मत बनो, कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है।”
“अच्छी तरह से जीना, पूरी तरह से जीना, जीवन का उद्देश्य है – कोई दूसरा उद्देश्य क्यों पूछें?।”
“किसी व्यक्ति को उसकी ऊँची आवाज़ से नहीं, बल्कि उसके मौन की गहराई से जानें।”
“जीवन की कोई भी खोज मृत्यु के बहुत करीब जाकर शुरू होती हैं। मृत्यु को समझना जीवन को समझना है।”
“प्रकाश की तलाश करें, प्रकाश देखें, प्रकाश बने।”
Final Words:-
दोस्तों आपको आचार्य प्रशांत के विचार के बारे में जानकर कैसा लगा, आचार्य प्रशांत के बारे में आपने जितना भी जानकारी हासिल की है वह सभी इंटरनेट से ली गई है यह आर्टिकल में किसी भी प्रकार की त्रुटि अगर आपको दिखाई दे तो इसके लिए हम क्षमा चाहते हैं आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा तो शेयर भी कर दें धन्यवाद।
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